July 2025_DA | Page 33

मधय प्रदेश

नौ वर्ष बाद खुला पदोन्नति का रास्ा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 36 प्रतिशत पद सुरलषित

नौ

साल बाद मधय प्रदेश में पदोन्वत के लिए नए नियम लागू हो गए । राजय के मुखय सचिव अनुराग जैन की अधयक्षता में लोक सेवा पदोन्वत नियम-2025 को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया । पदोन्वत की प्रवरिया आगामी 31 जुलाई तक पूरी की जाएगी । आरक्षण को लेकर उच्चतम नयायालय के वनिदेशानुसार प्रतिनिधितव दिया जायेगा । राजय में बड़ी संखया में पद खाली हैं, ऐसे में सभी को पदोन्वत मिलेगी । पदोन्वत में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 36 प्रतिशत पदों को सुरक्षित घोषित किया गया है ।
राजय की भाजपा सरकार पदोन्वत नियम लागू करने के साथ ही चाहती है कि इसका लाभ कर्मचारियों को जलि से जलि मिल जाए । इसके लिए ही गत 26 जून को को सभी विभाग के अपर मुखय सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाधयक्ष से लेकर सथापना का काम देखने वाले अधिकारियों की मंत्रालय में बैठक बुलाई गई । इसमें सामानय प्रशासन विभाग के अपर मुखय सचिव संजय दुबे और उप सचिव अजय कटेसरिया ने प्रसतुतीकरण दिया । इसमें अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित पदों की गणना, विभागीय
पदोन्वत समिति की बैठक, अर्हकारी सेवा की गणना, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, पदोन्वत के लिए अनुपयु्तता, पदोन्वत का प्रकार, पदोन्वत के फलसवरूप वेतन का निर्धारण, सीलबंद लिफाफे की कसथवत में प्रवरिया सहित प्रतीक्षा सूची से रिक्तयों को भरे जाने की जानकारी दी गयी ।
इस दौरान गृह विभाग के अपर मुखय सचिव जेएन कंसोटिया ने आरक्षण, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले दंड, जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने प्रतिनियुक्त वाले पद, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन, अनुसूचित जाति विकास, परिवहन, वन सहित अनय विभाग के अधिकारियों ने वववभन् प्रविधानों से जुड़ी जिज्ञासाओं पर प्रश्न किए । विभाग के दोनों अधिकारियों के साथ मुखय सचिव ने इनका समाधान किया । मुखय सचिव ने सभी विभाग प्रमुखों से कहा कि पदोन्वत नियम लागू होने से बड़ी समसया समापत हो सकेगी । प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी । सभी विभाग कर्मचारी-कलयाण को प्राथमिकता दें । विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठकें, कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन, विभागीय जांच एवं पेंशन प्रकरणों का निराकरण
समय से करें ।
इससे पहले गत 17 जून को मधय प्रदेश मुखयमंत्री डा. मोहन यादव की अधयक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने निर्णय को मंजूरी दी गई थी । राजय सरकार के निर्णय के अनुसार एक साथ दो वर्ष के लिए विभागीय पदोन्वत समिति( डीपीसी) की बैठक करके पात्रों की सूची तैयार करने, एससी-एसटी वर्ग के अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए 36 प्रतिशत पद सुरक्षित रखने, पहले एससी-एसटी के पदों पर पदोन्वत करने और अनारक्षित पदों पर सबको अवसर देने जैसे प्रावधानों को मंजूरी दी गई है ।
जानकारी हो कि उच्च नयायालय जबलपुर ने 2016 में मधय प्रदेश लोक सेवा( पदोन्वत) नियम 2002 को निरसत कर दिया था । उसके बाद यह मामला नयायालय में विचाराधीन है । नियम नहीं होने के कारण इस अवधि में करीब एक लाख अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत् हो गए । राजय में शिवराज सिंह चौहान, कमल नाथ और फिर शिवराज सरकार ने नए नियम बनाने के प्रयास किए, लेकिन एक राय नहीं होने के कारण मामला अटका हुआ था । अब मुखयमंत्री डा. मोहन यादव ने दृढ़ इचछा शक्त दिखाकर मसले पर अंतिम निर्णय लिया है । �
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