गठबंधन( राजग) कर रहा है । इसका कारण यह है कि राजद-कांग्ेस के लोगों में वंचित जातियों, दलितों, ओबीसी( अनय पिछड़ा वर्ग) और ईबीसी( अति पिछड़ा वर्ग) के लोगों के प्रति कोई सममान नहीं है । वह खुद को बाबासाहब आंबेडकर से ऊपर समझते हैं । लेकिन उनहें याद रखना चाहिए कि बाबासाहब आंबेडकर के प्रति अनादर को बिहार की जनता माफ नहीं करेगी । प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी‘ इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इं्लूवसव
अलायंस’( इंडिया) पर निशाना साधते हुए कहा कि सावधान रहें,‘ जंगल राज’ के लिए जिममेिार लोग एक बार फिर तबाही मचाने के लिए एक और अवसर की तलाश में हैं, जैसा उनहोंने पहले किया था ।
प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनावों के दौरान राजद-कांग्ेस गठबंधन द्ारा किए गए कई लोकलुभावन वादों का संदर्भ देते हुए कहा कि वह राजय के आर्थिक संसाधनों पर फिर से कबजा करने के लिए वववभन् चालें चल रहे हैं ।
युवा पीढ़ी ने शायद इतना ही सुना होगा कि‘ जंगल राज’ के लिए जिममेिार लोगों ने राजय को किस हालत में छोड़ा था । सदियों से बिहार ने देश की प्रगति का नेतृतव किया है; लेकिन लालटेन और पंजे( रिमशः राजद और कांग्ेस के चुनाव चिह्न) की पकड़ ने राजय को जबरन पलायन का पर्याय बना दिया था । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजग‘ सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रहा है, जबकि इसके उलट विपक्ष‘ परिवार के साथ, परिवार का विकास’ के लिए खड़ा है, जो बाबासाहब आंबेडकर द्ारा हमें दिए गए संविधान की भावना के विरुद्ध है । यही कारण है कि कांग्ेस-राजद के लोग बाबासाहब के चित्र को अपने पैरों के पास रखते हैं । केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा
कि बिहार के पूर्व
मुखयमंत्री को राजय और देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी । मैं अचंभित हूं कि लालू प्रसाद के साथ ्या गलत हुआ है । उनहोंने भारत रत् से सममावनत आंबेडकर का चित्र अपने पैरों के नीचे रखवाया, जिनहोंने देश को उसका संविधान दिया । यह दुखद एवं पीड़ाजनक है ।
राजय के उपमुखयमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने मामले को डा. अंबेडकर और दलित समाज का अपमान बताकर आरजेडी नेता से सार्वजनिक माफी की मांग करते हुए कहा कि लालू प्रसाद के जनमविन पर बाबा साहब आंबेडकर का ऐसा अपमान लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है । यह घटना आरजेडी के इतिहास का काला अधयाय है और दर्शाती है कि कैसे दलितों के वोट का उपयोग कर उनके आिशषों को नजरअंदाज किया जाता है ।
राजय के पूर्व मुखयमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी इस घटना की निंदा की । उनहोंने कहा कि डा. आंबेडकर जी के चित्र को पैरों के पास रखना हमारे भगवान का अपमान है । लालू जी ने सभी वगषों का अपमान किया है । यह समाज देख रहा है और समझ रहा है । भाजपा के वरिषठ नेता रविशंकर प्रसाद ने घटना को ' संविधान का घोर अपमान ' बताते हुए कहा कि यह घटना ' सामंती मानसिकता '
को दर्शाती है ।
लोजपा( रामविलास) की सांसद शंभवी चौधरी ने निशाना साधते हुए कहा कि राजद पाटसी लगातार दलितों और महादलितों को भ्रमित करती आई है । उनहोंने प्रश्न करते हुए कहा कि अगर आरजेडी को आंबेडकर जी का सममान है तो चित्र को उनके पैरों के पास ्यों रखा गया? लालू यादव ने उसे हटाने की कोशिश तक नहीं की? भाजपा के राषट्रीय प्रव्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि घटना ने राजद की गैर-संवैधानिक विचारधारा को उजागर कर दिया है । राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने इस मामले में कांग्ेस की चुपपी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी को लालू यादव की निंदा करने की चुनौती दी । उनहोंने कहा कि कांग्ेस बिहार में आरजेडी की पिछलगगू बन गई है । अगर राहुल गांधी कुछ और साबित करना चाहते हैं तो उनहें लालू प्रसाद की आलोचना करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए ।
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