विवाद
डा. आंबेडकर के अपमान पर प्रधानमंत्री मोदी ने लालू पर साधा निशाना
मीनाषिी शर्मा
जनता दल( राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए दलित राषट्रीय
और दलित नेता ्या महतव रखते हैं? इसका एक उदाहरण उस समय दिखाई दिया, जब एक वीडियो पोसट में लालू प्रसाद के 78वें जनमविन समारोह के दौरान संविधान निर्माता डा. बी. आर. आंबेडकर का चित्र लालू प्रसाद के पैरों के सामने रखा हुआ दिखाई दिया । वीडियो वायरल होने के बाद राजय अनुसूचित जाति आयोग ने लालू को नोटिस जारी कर लिखित सपषटीकरण मांगा है । आयोग के उपाधयक्ष देवेंद्र कुमार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि तय समय सीमा के भीतर जवाब न देने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है । मामला सामने आने के बाद से राजनीतिक और दलित अधिकार कार्यकर्ताओं में आरिोश फैल गया है ।
जानकारी हो कि लालू प्रसाद के 78वें जनमविन समारोह से जुड़े एक वीडियो में राजद का एक कार्यकर्ता डा. भीमराव अंबेडकर का चित्र लालू यादव को भेंट करता दिखाई देता है, जिसे बाद में लालू प्रसाद के पैरों के पास रख दिया जाता है । वीडियो में दिखाई देता है कि पैरों के पास रखे डा. आंबेडकर के चित्र पर धयान देने के सथान पर लालू प्रसाद अपने समर्थकों के साथ तसवीर खिंचवाने में वयसत रहते हैं । सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दलित वर्ग में नाराजगी फैल गई । बाद में भाजपा सहित अनय दलों के नेताओं ने
लालू यादव पर ' संविधान निर्माता का अपमान करने ' और ' दलितों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने ' का आरोप लगाया ।
इस मामले में प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने गत 20 जून को सिवान में आयोजित एक रैली में राजद की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार के लोग दलितों के इस आदर्श का अपमान बर्दाशत नहीं करेंगे । डा. आंबेडकर वंशवाद के विरुद्ध थे, लेकिन उनहें( राजद और उसके सहयोगियों को) यह पसंद नहीं है । इसलिए
उनहोंने अपने पैरों के पास उनका चित्र रख लिया । राजय में बाबासाहब के अपमान के लिए माफी मांगने वाले पोसटर लगे हैं, लेकिन कोई माफी नहीं मांगी गई । ऐसा इसलिए है ्योंकि वह दलितों का तिरसकार करते हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद का नाम लिए बगैर कहा कि 70 वरसीय बीमार वयक्त के पैरों के पास डा. आंबेडकर का चित्र रखा गया था, जिसका विरोध भारतीय जनता पाटसी( भाजपा) नीत राषट्रीय जनतांत्रिक
28 tqykbZ 2025