कवर स्टोरी
लेकर निर्यात और नवाचार तक प्रतयेक क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है । रक्षा बजट 2013- 14 के 2.53 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपए हो गया है । यह तीव्र वृद्धि भारत की अपनी सैनय नींव को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है । इन आंकड़ो के पीछे एक मजबूत, सुरक्षित और आतमवनभ्मर राषट्र के निर्माण करने का वयापक दृकषटकोण छिपा है । निजी उद्ोग अब पूरी तरह से शामिल है । नवाचार मुखय रूप से शामिल हो गया है । सविेशी पलेटफ़ॉर्म, नए जमाने की तकनीक और रक्षा गलियारों के विकास दिखाता है कि सरकार दीर्घकालिक तैयारियों को लेकर कितनी गंभीर है ।
रिकलॉड्ट तोड़ उतपािन, निर्यात में उछाल, लक्षित निवेश और ऐतिहासिक रक्षा अनुबंध, ये सभी एक बढ़ते रक्षा तंत्र की ओर इशारा करते हैं । भारत अपनी सेनाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है साथ ही यह एक नया भविषय गढ़ रहा है जहां ताकत और आतमवनभ्मरता एक साथ चलते हैं । सविेशी रक्षा उतपािन में उललेखनीय परिवर्तन हुआ है । 2023-24 में, अब तक का सबसे अधिक रक्षा उतपािन दर्ज किया गया जो 1.27 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया । यह 2014- 15 के 46,429 करोड़ रुपए की तुलना में 174 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि है । आयात पर निर्भरता कम करते हुए घरेलू उतपािन को बढावा देने का बदलाव रणनीतिक और तेज गति वाला रहा है । सपषट राजनीतिक दिशा और लगातार सुधारों के साथ, भारत रक्षा क्षेत्र में सच्ची आतमवनभ्मरता की ओर बढ़ गया है । सविेशी डिजाइन और विनिर्माण पर आधारित मजबूत औद्ोवगक आधार विकसित करने पर धयान केंद्रित किया गया है । रक्षा अवधग्हण में घरेलू खरीद को प्राथमिकता देने के सरकार के प्रयास ने उतपािन को और अधिक बढ़ावा दिया है । सार्वजनिक क्षेत्र के उपरिम और निजी कंपनियां दोनों ही विकास के इस नए युग में योगदान दे रही हैं । विमान और मिसाइलों से लेकर निगरानी प्रणालियों और तोपखाने तक, सभी सविेशी उतपािों वाली रेंज का विसतार लगातार हो रहा है ।
नारी शक्त को मिली नई गति
देश में हर वर्ग-जाति महिलाओं को पीवढ़यों
से, वयवसथागत बाधाओं का सामना करना पड़ा है । विशेष रूप से ग्ामीण और हाशिए के समुदायों में शिक्षा, सवासथय सेवा, रोजगार और निर्णय लेने के सीमित अधिकार रहे हैं । लेकिन 2014 के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृतव में, एक ऐतिहासिक बदलाव हुआ है । महिलाओं को अब वनकषरिय लाभार्थियों के रूप में नहीं बकलक भारत की विकास कहानी के केंद्र में बदलाव के सश्त एजेंट के रूप में देखा जाता है । एक साहसिक, समावेशी और जीवनचरि- आधारित दृकषटकोण से प्रेरित होकर, मोदी सरकार ने सवासथय, शिक्षा, आवास, डिजिटल पहुँच, सवचछता और वित्ीय समावेशन में लक्षित कार्य शुरू किए हैं । ' नारी शक्त ' अब एक राषट्रीय मिशन है, जो हर महिला को- शहरी या ग्ामीण, युवा या बुजुर्ग-सममान, सुरक्षा और आतमवनभ्मरता के साथ जीने के लिए सश्त बनाता है । आज, महिलाएं सवयं सहायता समूहों का नेतृतव कर रही हैं, वयवसाय शुरू कर रही हैं, विज्ञान, रक्षा और खेल में बाधाओं को तोड़ रही हैं और देश के भविषय को आकार दे रही हैं । भारत की जनसंखया में महिलाओं और बच्चों की हिससेिारी करीब 67.7 प्रतिशत है, इसलिए उनका सशक्तकरण वसफ्क सामाजिक सुधार नहीं है- यह एक रणनीतिक अनिवार्यता है । जैसे-जैसे भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, नारी शक्त एक अजेय शक्त के रूप में खड़ी है जो एक मजबूत, अधिक समावेशी राषट्र को आगे बढ़ा रही है ।
सशक्तकरण कोई एकाकी घटना न होकर एक यात्रा है । मोदी सरकार की नीतियां जीवन के हर चरण में महिलाओं का समर्थन करने के लिए बनाए गए काय्मरिमों के माधयम से इस वासतविकता को दर्शाती हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार दोहराया है कि एक राषट्र तभी प्रगति कर सकता है जब उसकी महिलाएं समान रूप से सश्त हों । पिछले 11 वरषों में, मोदी सरकार ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी क्षेत्रों में महिलाओं को सश्त बनाने के
लिए एक वयापक, जीवनकाल-आधारित नीतिगत ढांचा अपनाया है । संवैधानिक सुरक्षा उपायों और हिंसा एवं भेदभाव के विरुद्ध ऐतिहासिक कानूनों से लेकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मिशन शक्त, जैसी परिवर्तनकारी योजनाओं और ऐतिहासिक नारी शक्त वंदन अधिनियम जैसे आंदोलनों तक, महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृतव वाले विकास पर धयान केंद्रित किया गया है । शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है- विशेष रूप से एसटीईएम- कौशल, सव-सहायता समूहों के माधयम से उद्वमता और सार्वजनिक सेवा । कानूनी सुधार और श्म संहिता, सुरक्षित और समावेशी कार्यसथलों को बढ़ावा देती है, जबकि पीएम आवास योजना, डीएवाई- एनआरएलएम और कृषि सहायता पहल जैसी योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सश्त बनाया है । जमीनी सतर के शासन से लेकर रक्षा बलों और विमानन तक, महिलाएं अब सभी क्षेत्रों में अग्णी भूमिका निभा रही हैं तथा समावेशी और टिकाऊ राषट्रीय विकास को बढ़ावा दे रही हैं ।
दलित वर्ग के कलयाण का पूरा होता लक्य
2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती
26 tqykbZ 2025