July 2025_DA | Page 23

सथायी साझेदारी का निर्माण किया है और रणनीतिक सवायत्ता की रक्षा की है । चाहे वह निकटतम पड़ोस हो या वयापक हिंद-प्रशांत, चाहे बहुपक्षीय मंचों पर हो या गलोबल साउथ के साथ जुड़ाव में, भारत ने सपषटता और उद्ेशय के साथ बात की है । हर पहल, गठबंधन और शिखर सममेलन ने वैकशवक शांति और विकास में सार्थक योगदान देते हुए भारतीय लोगों के हितों को सबसे पहले रखा है ।
आर्थिक महाशक्त बनता भारत
भारत सकल घरेलू उतपाि( जीडीपी) के मामले में विशव की चौथी सबसे बड़ी अर्थवयवसथा बन गया है । यह एक बड़ी उपलकबध है, जिससे भारत अब केवल संयु्त राजय अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे रह गया है । पिछले एक दशक में नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारों की वजह से भारत विशव की शीर्ष पांच
अर्थवयवसथाओं में शामिल हो गया है । जापान और यूनाइटेड किंगडम जैसे आर्थिक रूप से शक्तशाली देशों को पीछे छोड़ते हुए, भारत का यह उदय पिछले दशक के नीतिगत और आर्थिक सुधारों, और 1.4 अरब नागरिकों की मेहनत का परिणाम है । यह उपलकबध केवल आंकड़ों की जीत नहीं, बकलक वैकशवक अर्थवयवसथा में भारत की मजबूत कसथवत का प्रतीक है ।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थवयवसथा है, जिसमें वासतविक जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और सांकेतिक जीडीपी 106.57 लाख करोड़ रुपए( 2014- 15) से तीन गुना बढ़कर 331.03 लाख करोड़ रुपए( 2024-25) हो गई है । भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थवयवसथा( 2025-26 में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत) होने का अनुमान है । पिछले दशक में कुल निर्यात में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2024- 25 में 825 बिलियन अमेरिकी डालर तक पहुंच
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृति में, उतपादन से जुड़ी प्रोतसाहन( पीएलआई) योजनाओं, एमएसएमई के पुनरोदार और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विसतार जैसी रणनीतिक पहलों ने उच्-विकास, उच्-अवसर वाली अर्थवयिसथा की नींव रखी है । इस विज़न का मुखय उद्ेशय समावेशी और न्यायसंगत विकास है । सरकार की नीतियों ने रोज़गार सृजन, छोटे वयिसायों के लिए समर्थन, सार्वजनिक निवेश में वृवद और मधयम वर्ग और उद्यमियों के वित्ीय सशक्तकरण पर धयान केंद्रित किया है ।
गया, जिसमें इंजीनियरिंग सामान, इले्ट्रलॉवन्स और फार्मासयूवटकलस का योगदान रहा । सेवाओं का निर्यात दोगुना से भी ज़यािा हुआ, जो 2013-14 में 158 बिलियन अमेरिकी डालर से बढ़कर 2024-25 में 387 बिलियन अमेरिकी डालर हो गया । इस प्रकार देखने तो भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थवयवसथा, सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थवयवसथा के रूप में उभरी है और 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डालर के अनुमानित जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थवयवसथा बनने की राह पर है । भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थवयवसथा( 2025-26 में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत) बनने का अनुमान है । यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृतव में एक दशक के निर्णायक शासन, दूरिशसी सुधारों और वैकशवक जुड़ाव का परिणाम है । मजबूत घरेलू मांग, एक गतिशील जनसांकखयकीय प्रोफाइल और निरंतर आर्थिक सुधारों से प्रेरित होकर, भारत वैकशवक वयापार, निवेश और नवाचार में अपने बढ़ते प्रभाव का दावा कर रहा है । इस परिवर्तन के मूल में आतमवनभ्मर भारत की परिकलपना है, जो नवाचार, उद्मशीलता और तकनीकी संप्रभुता को बढ़ावा देने वाला आंदोलन है ।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृतव में, उतपािन से जुड़ी प्रोतसाहन( पीएलआई) योजनाओं, एमएसएमई के पुनरोद्धार और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विसतार जैसी रणनीतिक पहलों ने उच्च- विकास, उच्च-अवसर वाली अर्थवयवसथा की नींव रखी है । इस ववजन का मुखय उद्ेशय समावेशी और नयायसंगत विकास है । सरकार की नीतियों ने रोजगार सृजन, छोटे वयवसायों के लिए समर्थन, सार्वजनिक निवेश में वृद्धि और मधयम वर्ग और उद्वमयों के वित्ीय सशक्तकरण पर धयान केंद्रित किया है, जिससे यह सुवनकशचत होता है कि आर्थिक प्रगति से हर नागरिक को लाभ मिले । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृतव में भारत की आर्थिक प्रगति केवल गति बनाने लिए न होकर, देश के आर्थिक भागय को नया आकार देने के लिए है । आज, भारत
tqykbZ 2025 23