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आयुषमान भारत योजना की चर्चा करते हुए राषट्रपति मुर्मु ने कहा कि देश में 25 हजार जन और्लध केंद्रों को खोलने का काम भी तेजी से चल रहा है । अब इस क्ेत् में सरकार एक और निर्णय लेने जा रही है , जिससे आयुषमान भारत योजना के तहत मुफत इलाज का लाभ 70 वर््य से अधिक उम्र के सभी बुजुगषों को भी मिलेगा । उनहोंने कहा कि अ्सि विरोधपरक मानसिकता और संकीर्ण सवाथ्य के कारण लोकतंत् की मूल भावना का बहुत अहित हुआ है । इसका प्रभाव संसदीय प्रणाली पर भी पड़ता है और देश की विकास यात्ा पर भी पड़ता है । देश में कई दशकों तक अकसथि सरकारों के दौर में कई सरकारें चाहते हुए भी न सुधार कर पाईं और न ही आवशयक निर्णय ले पाईं । लेकिन भारत की जनता ने निर्णायक बनकर इस कसथलत को बदला है । 2024 के लोक सभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है । दुनिया देख रही है कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार कसथि और सपषट बहुमत की सरकार बनाई है । छ : दशक बाद ऐसा हुआ है । ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्ाएं सववोच् सति पर हैं , लोगों ने सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है । भारत के लोगों को यह पूर्ण विशवास है कि उनकी आकांक्ाएं सिर्फ मेरी सरकार ही पूरा कर सकती है । इसलिए 2024 का यह चुनाव नीति , नीयत , निषठा और निर्णयों पर विशवास का चुनाव रहा है । यह जनादेश है कि भारत को विकसित बनाने का काम बिना रुके चलता रहे और भारत अपने लक्यों की प्राकपत करे ।
उनहोंने कहा कि 18वीं लोक सभा कई मायनों में एक ऐतिहासिक लोक सभा है । यह लोकसभा अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में गठित हुई है और देश के संविधान को अपनाने के 75वें वर््य की भी साक्ी बनेगी । विशवास है कि इस लोक सभा में जन कलयाण के फैसलों का नवीन अधयाय लिखा जाएगा । राषट्रपति मुर्मु ने कहा कि पिछले दस वर्षों में सरकार द्ािा ग्रामीण अर्थवयवसथा के हर पहलू पर बहुत जोर दिया गया है । गांवों में कृलर् आधारित उद्ोगों , डेयरी और फिशरीज़ आधारित उद्ोगों का विसताि
किया जा रहा है । इसमें भी सहकारिता को प्राथमिकता दी गई है । सरकार , किसान उतपाद संघ और पै्स जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है । चूंकि छोटे किसानों की बड़ी समसया भंडारण से जुड़ी होती है । इसलिए सरकार ने सहकारिता क्ेत् में दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना पर काम शुरु किया है । किसान अपने छोटे खचचे पूरे कर सकें , इसके लिए पीएम किसान सममान निधि के तहत उनहें 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से जयादा राशि दी जा चुकी है । आज का भारत , अपनी वर्तमान जरूरतों को धयान में रखते हुए अपनी कृलर् वयवसथा में बदलाव कर रहा है । हम जयादा से जयादा आतमलनभ्यि हों और जयादा से जयादा निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़े , इस सोच के साथ नीतियां बनाई गई हैं , निर्णय लिए गए हैं ।
उनहोने कहा कि आज का भारत , दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बकलक दुनिया को
समाधान देने के लिए जाना जाता है । विशव-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैकशवक समसयाओं के समाधान को लेकर पहल की है । जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद् सुरक्ा तक , पोर्ण से लेकर ससटेनबल एग्रीकलचि तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं । हमारे मोटे अनाज " श्ी अन् " की पहुंच सुपरफूड के तौर पर दुनिया के कोने- कोने में हो , इसके लिए भी अभियान चल रहा है । भारत की पहल पर , पूरी दुनिया ने वर््य 2023 में इंटरनेशनल मिलेटस इयर मनाया है । आने वाला समय हरित युग का है । सरकार इसके लिए भी हर ज़रूरी कदम उठा रही है । हरित उद्ोगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं , जिससे रोजगार के नए अवसर भी बढ़े हैं । सरकार उन आधुनिक मानदंडों पर काम कर रही है , जिससे भारत विकसित देशों के सामने बराबरी से खड़ा हो सके । इनफ्ासट्र्चि का विकास इस दिशा में बदलते भारत की नई तसवीि के रूप में उभरा है ।
6 tqykbZ 2024