July 2024_DA | Page 16

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घटनाओं में मुकसलम वर्ग का हाथ होता है और उतपीड़न एवं अनय घटनाओं के माधयम से धर्मपरिवर्तन के लिए दबाव बनाया जाता है और यह सिलसिला नगरों से लेकर ग्रामीण क्ेत्ों में निर्बाध रूप से जारी है ।
दलित-मुस्लिम गठजोड़ और लोकसभा चुनाव
अबकी बार लोकसभा चुनाव में आिलक्त सीटों में मिली हार भाजपा के लिए एक बड़े संकट के संकेत के रूप में देखा जा सकता है । साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि अंततः कांग्रेस नेतृतव वाला गठबंधन गरीब , दलित , पिछड़ा और वनवासी वर्ग के बीच भ्रम की उस
कसथलत को बनाने में सफल रहा , जिसके कारण दलित जनता भ्रम का शिकार होकर भाजपा से दूर हो गई और इसका पूरा लाभ विपक् ने उठाया । विपक् ने दलित-पिछड़े के नाम पर भ्रम फैलाकर वोट हासिल करने की राजनीति पर काम किया , उसमें मुकसलम समुदाय साथ खड़ा दिखाई दिया । पारंपरिक रूप से विपक् का मुकसलम-पिछड़ा और मुकसलम दलित वाली राजनीति के साथ ही आिक्ण और संविधान जैसे संवेदनशील मुद्े को भुनाया । संविधान , आिक्ण और अनय मुद्ों पर कालपलनक खतरों को पैदा करके दलित , पिछड़े वर्ग की जनता को संगठित करने की रणनीति ने इस वर्ग में बेचैनी पैदा की । असुरक्ा की इस भावना ने वयापक हिंदुतव पहचान को
खंडित कर दिया , जिसने उनहें एक दशक से अधिक समय तक भाजपा से बांधे रखा था । इस रणनीति से हिंदुतव की राजनीति तार-तार हो गई और दलित-मुकसलम गठजोड़ के बल पर कांग्रेस सहित अनय विपक्ी दल चुनाव में जीत हासिल करने में सफल हुआ ।
भ्रम की राजनीति और दलित
वर्तमान में भारत एक परमाणु संपन् महाशक्त के रूप में विशव मंच पर सथालपत है । लेकिन अभी भी भारत की छवि को क्लत पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध रूप से मिथ्या और भ्रमातमक लवर्यों तथा अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों की समसयाओं के नाम पर अधिक दुषप्रचार
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