जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
मान्यता थी लक देश का तेजी से औद्योगीकरण होगा, तब कृ लष की वह नीव होगी लजस पर अधुलनक भारत की आमारत खडी की जाअगी
बाबा साहब का कहना था लक गाँव की वतमान व्यवस्था न के वि जालतप्रथा की पोषक है वरन कृ लष के लवकास में भी बाधक है उँ ची जालत के लहंदू न तो स्वयं खेती को जोतेंगे और ना ही ईसे लकसी ऐसे व्यलि को हस्तांतररत करेंगे, जो ईसका बेहतर ईपयोग कर सके आसलिअ कृ लष भूलम का राष्ट्रीयकरण जालतप्रथा की रीढ़ तोड़ देगा और कृ लष ईत्पादन को बढ़ावा देगा
बाबा साहब ने भारतीय संलवधान में वे सभी प्रस्ताव लिख लदये लजससे मनुवालदयों की रीढ़ टूट गइ और सभी में समानता, बंधुता का लवकास हुअ बाबा साहब ने सबसे ज्यादा ऄपेिा बौलिक वग से रखी क्योंलक बौलिक वग अक ऐसा तबका होता है लजसे समाज में बड़े ही सम्मान के साथ देखा जाता है ईसे समाज में काफ़ी आज्जत दी जाती है िेलकन अज का ऄलधकांश दलित बौलिक वग या सवण बौलिक वग दोनों ने पेट पूजन को पहिी प्राथलमकता दी है अज का बौलिक वग अिोचक बनकर रह गया है ईसमें रचनात्मकता लदखाइ ही नहीं देती है बाबा साहब द्वारा कही गइ बातों को के वि दोहराने से हम अंबेडकरवादी या अंबेडकर के अदश नहीं हो सकते है
बाबा साहब ने Pay Back to Society का सपना देखा और समाज के सभी जन समूहों से ऄपीि की लक ऄपने समाज के ईत्थान के लिअ, ऄपने देश को प्रगलत के लशखर पर पहुँचाने के लिअ ऄपने श्रम का, ऄपनी कमाइ का 5 % भाग दो डॉ. अंबेडकर ने यह सभी ईम्मीदे बौलिक वग से की जो आस प्रकार है –
जन समूह से – बाबा साहब ने हम िोगों के राजनैलतक ऄलधकार के लिअ संघष लकया और संसद व राज्यों की लवधान सभाओं में सीटों का अरिण लदिवाया | हमारे बच्चों की लशिा के लिअ ईलचत प्रावधान लकअ । अज, हम प्रगलत कर सकते है | ऄब हमारा यह कर्त्व्य है लक शैिलणक, अलथक और सामालजक गैर बराबरी को दूर करने हेतु अक जुट होकर आस संघष को जारी रखें | आस ईद्देकय की प्रालप्त के लिअ हमें हर प्रकार की कु बालनयों के लिये तैयार रहना चालहअ |
आसलिअ वे ऄत्याचार और ऄपमान के लशक भूलमहीन मजदूरों को अकजुट होकर अवाज ईन में हस्तांतररत कर दी जाअ यलद सरकार बौलिक वग के िोगों को लमिकर आनका नेत िेलकन लकसी भी हािात में भूलमहीन िोगों क
शासकीय कमषचाररयों से- हमारे समाज क
पर पह ँच गये हैं परन्तु आन पढ़े लिखे िोगों न ईच्च लशिा प्राप्त करने के बाद वे समाज की है, जो ऄपने पेट भरने में व्यस्त हैं | मेरा अग्र लक वे ऄपने वेतन का 20 वां भाग( 5 %) स् सके गा ऄन्यथा के वि चन्द िोगों का ही सुध
छात्र व युवाओं से – बाबा साहब ने छाि अस-पास के िोगों की सेवा करना चालहअ अपका ईत्थान समाज के ईत्थान में ही लनलह
सहायक ग्रंथ: 1 फॉरवड प्रेस पलिका ऄंक लदसम्बर 2015 2 अलदवासी सर्त्ा पलिका ऄंक ऄप्रैि 201 3 http:// naidastak. blogspot. in / 201
ambedkar-ki-apeal. ht
4 http:// eksochjoalagho. blogspot.
नेताओं से- बाबा साहब ने दलित वग के नेताओं से यह ऄपेिा लक यलद कोइ तुम्हें ऄपने महि में बुिाता है तो
स्वेच्छा से जाओ | िेलकन ऄपनी झोपडी में अग िगाकर नहीं | यलद वह राजा लकसी लदन अपसे झगड़ता है और अपको ऄपने महि से बाहर धके ि देता है, ईस समय तुम कहाँ जाओगे? यलद तुम ऄपने अपको बेचना चाहते हो तो बेचो, िेलकन लकसी भी हाित में ऄपने संगिन को बबाद होने की कीमत पर नहीं ऄपने समाज के िोगों
के ईत्थान के लिअ काय करो तालक वे समाज में बेबस होकर न जीलवत रह सके, ईनकी अशाओं पर खरे ईतरो ईन बेबसों की अवाजों को संसद तक पहुंचाओं तालक ईन मज्िूमों की अवाज जनता तक पहुँच सके | ऄपने
स्वाथ की प्रालप्त के लिअ ईन्हें ऄँधेरे में मत धके िो
भूसमहीन मजदूरों से – बाबा साहब गाँव में रहने वािे भूलमहीन मजदूरों के लिये काफी लचंलतत थे ईनका कहना था की मैं ईनके लिअ ज्यादा कु छ नहीं कर पाया ह ँ | ईनकी तबालहयों का मुख्य कारण ईनका भूलमहीन होना है,
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.
Vol. 2, issue 14, April 2016.