Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 88

जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine
( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
संदभष सूची
1. आश्चदभूश्चम, प्रश्चतभा राय,( अनु.) शंकर लाल पुरोश्चहत, भारतीय ज्ञानपीठ, संस्करण-2001, नई श्चदल्ली 2. ग्लोबल गााँव के देवता, रणेन्द्र, भारतीय ज्ञानपीठ, संस्करण-2011, नई श्चदल्ली 3. नगाड़े की तरह बजते शब्द, श्चनमाला पुतुल,( अनु.) अशोक श्चसंह, भारतीय ज्ञानपीठ, संस्करण-2004, नई
श्चदल्ली 4. आश्चदवासी समाज में आश्चथाक पररवतान, राके श कु मार श्चतवारी, नाथान बुक सेंटर, नई श्चदल्ली, संकरण-1990 5. आश्चदवासी कौन,( सं.) रमश्चणका गुिा, राधाकृ ष्ण प्रकाशन, नई श्चदल्ली, संस्करण-2008 6. आश्चदवासी श्चवमशा स्वस्थ जनतांश्चिक मूल्यों की तलाश, सं- घीरेंद्र श्चसंह यादव और डा रावेन्द्र कु मार साहू,
पैश्चसश्चफक पश्चब्लके शन, संस्करण-2012, श्चदल्ली 7. जोहर झारखण्ड, प्रो. अमर कु मार श्चसंह, राजकमल प्रकाशन, नई श्चदल्ली, संस्करण-2003 8. आश्चदवासी: साश्चहत्य यािा,( सं.) रमश्चणका गुिा, राधाकृ ष्ण प्रकाशन, नई श्चदल्ली, संस्करण-2008 9. नक्सलबाड़ी के दौर में,( सं.) वीर भारत तलवार, अनाश्चमका पश्चब्लशसा एंड श्चडस्रीब्यूटसा, नई श्चदल्ली,
संस्करण-2007 10. सीमान्तो के अन्वेकषक श्यामाचरण दुबे, संकलन-संपादन-लीला दुबे और सुधीश पचौरी, वाणी प्रकाशन, नई
श्चदल्ली, संस्करण-1997 11. झारखण्ड के आश्चदवाश्चसयों के बीच: एक एक्टीश्चवस्ट के नोट्स, वीर भारत तलवार, भारतीय जनपथ और
ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई श्चदल्ली, संस्करण-2008
भावना मासीवाल िोधाथी
पी-एच. डी तहंदी( तु. सा.) महात्मा गांधी ऄंतरराष्ट्रीय तहंदी तवश्वतवद्यालय वधाष
मो.-9623650112
डॉ. ऄम्बेडकर ने ऄपना सारा जीव रहते हुअ ईन्होंने लवष के वे कड़वे दंश पीये थ था बाबा साहब डॉ. ऄम्बेडकर ने ऄपने प पात, छु अछू त, उँ च-नीच का भेदभाव पूणत प्रकार का कोइ भेदभाव, उँ च-नीच न हो स ओर भी ध्यान नहीं लदया था बलकक लजतना साहब ने ऄपने गहन ऄध्ययन के दौरान यह ऄनेक प्रकार के नअ-नअ हथकं डे ऄपनाकर ऄम्बेडकर ने ऄपना नारा वैसे ही हवा में नह साहब जमीन से जुड़े हुअ व्यलि थे वह य अकलित नहीं होगा तब तक आस सामंतवादी,
अजादी के 69 साि बाद भी भारत और भी कइ ऄन्य सुख-सुलवधाअँ नहीं पह लवश्वशलि बनने का सपना देख रहे हैं िेलकन रखा हुअ है भारत गाँवों का देश है जहाँ प्र और सामालजक शोषण डॉ. ऄम्बेडकर की ल ऄथव्यवस्था में संस्थागत पररवतनों के बगैर
बाबा साहब ने ऄगि-ऄिग मौक भू-राजस्व और जमींदारी ईन्मूिन जैसे मुद्दों प के पि में और ग्रामोद्योग व खादी अ औद्योगीकरण पर जोर देने के साथ-साथ बाब जाना चालहअ क्योंलक कृ लष से ही देश की ब की ईपिब्धता सुलनलित हो सके गी |’ 1 आसस के लिअ ऄन्न और कारखानों के लिअ कच्
Vol. 2, issue 14, April 2016. वर्ष 2, ऄंक 14, ऄप्रैल 2016.
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