जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
जनकृ ति ऄंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव ऄम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि ऄंक)
ISSN 2454-2725
12- वही, पृष्ठ- 42 13- गुप्ता रमतणका, आतदवासी अतममता का सुंकट, सामतयक प्रकाशन, 2014 सुंमकरण, पृष्ठ- 33, 34 14- वही, पृष्ठ- 41 15- रणेन्द्र, गायब होता देश, पेंगुइन बुक्स तलतमटेड, 2014 सुंमकरण, पृष्ठ- 247 16- वही, पृष्ठ- 260 17- वही, पृष्ठ- 261, 262 18- वही, पृष्ठ- 263 19- तलवार वीर भारत, भारतीय राष्ट्र और आतदवासी, www. debateonline. com, पृष्ठ- 5 20- रणेन्द्र, गायब होता देश, पेंगुइन बुक्स तलतमटेड, 2014 सुंमकरण, पृष्ठ- 315
धरिी के इस छोर से उस छोर िक / मुट्ठी भ िलाश रही ह ाँ, सतदयों- सतदयों से तनरंिर समाज चाहे पश्चिम का हो या भारत का, आय श्चजसे सभी ने अपने श्चहतों के अनुरूप ढाला औ कम हुआ तो कहीं ज्यादा । उसकी अपनी ज दौर उत्तर आधुश्चनकता का है श्चजसने हाश्चशए स्तरों से श्चचंतन श्चकया गया । मश्चहलाओं, आश्च से इत्तर श्चवमशा चल रहा है । श्चवमशों के कारण भी जारी है श्चजसमें उनके भीतरी अन्तश्चवारोध साश्चहत्य व समाज श्चवज्ञान के अध्येताओं के संस्कृ श्चत, प्रकृ श्चत से उनका ररश्ता व उनके इश्च सब के बाद भी आश्चदवासी मश्चहलाओं का श्चवमशा में दश्चलत स्त्री श्चवमशा पर अलग से बात क्योंश्चक 1990 के बाद‘ श्चसस्टर वुड’ की अव यह तो स्पष्ट है श्चक श्चजन समस्याओं से एक आश्चदवासी मश्चहलाओं के साथ है । शश्चमाला talk differently क्योंश्चक वह श्चतहरे शोषण ही नहीं है?
आश्चदभूश्चम और ग्लोबल गााँव के देवता उपन् सांस्कृ श्चतक और उदारीकरण के दौर में श्चवक साल के अंतर को श्चदखाते हैं । यह अंतर इन आश्चदभूश्चम उपन्यास 1993 में आता हैं जब भ की नीश्चत को अपना रहा था । साथ ही वैश्चश्वक की अश्चधकाररक घोषणा कर रहा था तो दूसर रहा था । ऐसे वैश्चश्वक पररदृश्यों में आश्चथाक न रखी उसकी शुरुआत आश्चदभूश्चम है तो उसका में श्चलखा जाता है याश्चन श्चक 21 वी सदी के प्र तक फै ल चुका था । सत्ता बाजार की श्चनय औद्योश्चगक घरानों के हाथों में थी । आश्चदवास साथ ही जल, जंगल और जमीन को लेकर श्चवलेज की अवधारणा को सामने लाते हैं स इसका आहार बनती हैं इसे भी स्पष्ट करते समुदाय‘ ख़ुद को रेमो कहता है अथाात व
Vol. 2, issue 14, April 2016. वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.