जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पति
( बाबा साहब डॉ. भीमरा
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
सराबोर थी और इतने में ही मेरी सखी ने मुझसे कहा कक –“ क्यों ना अपने कॉलेज में होने वाली संगोष्ठी में इन्हें ही बुला लें |” मैं चौंकी और मैंने उसकी ओर घूरकर देखा इसकलए नहीं कक उसने ऐसा प्रस्ताव पेश ककया था बकल्क इसकलए कक यह बात पहले मेरे ज़ेहन में क्यों नहीं आई |
निनकता जैि
संपकष – 9953058803 पीएच. डी शोधार्थी-निल्ली nkjn989 @ gmail. कॉम
व तमान युग जनसंचार का युग है । ज स्तर तक ऄपनी अवश्यकता श्वनश्वमत कर चक और बढ़ने वाली हैं । जहाँ पर जनसंचार माध्य
ऐसा हैं श्वक ईस प्रसाररत होने वाले कायतक्रम होने वाले कायतक्रमों की माँग में लगातार व समस्त श्वविभाश्वषयों द्वारा भी आस प्रकार के क
जनसंचार के माध्यम से भाषा का समय में श्वहन्दी एवं ऄग्रेजी भाषाएं जनसंचार जनसंचार के क्षेत्र में अते जा रहे हैं, जैसे-जैस रहा है । आसके साथ-साथ दैश्वनक सन्दभों में अ की संख्या श्वदन-प्रश्वतश्वदन बढ़ रही है, ऄनेक ऄच्छी बात यह है श्वक, आसमें अश्वधकांर् दूर सीधे ईपभोिा से जुड़ा सत्य है । श्वहन्दी भाष जनसंचार की भाषा श्वहन्दी होती जा रही हैं ।
श्ववश्वभन्न श्ववद्वानों के मातानुसार- जन को दो गुना श्वतगुना करके दूर-दूर तक भेजता
अज श्वजधर देखो ईधर श्ववज्ञापन क जाता है । श्ववज्ञापन के पुराने ढंग में और नए चैराहों पर जोर-जोर से चीख-चीख कर ऄप समाचार-पत्र, पश्वत्रका, होश्वडतग, लीफलेट, अ
अधुश्वनक युग में श्ववज्ञापन ऄत्यश्वधक प्रचार के श्वबना ईत्पाद बेचना मुश्वश्कल काम ग्राहक को बाजार में सबसे ऄच्छी और सस्त के पथ पर ऄग्रसर है, श्वदन-प्रश्वतश्वदन ऄनेक
महत्वपूणत भूश्वमका श्वनभा रहा है ।
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.
Vol. 2, issue 14, April 2016.