पुस्तक:
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ईश्वर की चौखट पर- कववता संग्रह
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव अ
पुस्तक स स्मृततयों
र्ब्दालोक, सी-3 / 59, नागाजु षन नगर, सादतपुर ववस्तार, वदल्ली-110094 मूल्य, 70:00 रुपये कवि: िैलेंद्र चौहान
संपकष: आत्माराम
3006 / 52 हाउवसंग बोडष कोम्पलेक्स
चंडीगढ़-160062
भारत पाककस्तान सकममकित ईदू ू क प्रमुख कथाकारों मे से एक है आंतजार हुसैन । स कमथकों, ककस्सों ककं वदंकतयों जातक कथाओं, पर ऄपनी स्मृकतयों के भवन कनमाूण करने व कवभाजन के समय को बखूबी फ्रे म में ईतारा सममाकनत एवं ईनके प्रमुख ईपन्यास‘ बस्ती’ क
ईपन्यास‘ बस्ती’ मे कबभाजन के बाद जुड़े कइ मूि सवािों से मुठभेड़ करता है । बस् की है । जब पाककस्तान से बहुत ईममीदे नहीं रह कहानी का जो नायक है पहिे ही 1947 का पाक जमीन पे पिायन कर चुका है । जब पाकक पुराने कदनों को याद करता है । वह भारत के बस् करने से ईपन्यास की शुरुअत होती है । जहा ककतना सुहान कदन था-“ जब दुकनया ऄभी नयी जब दरख्त सकदयो मे सांस िेते थे, और पररंद देखकर की हर चीज ककतनी नयी थी और कक जमीन का बटवारा हो गया पर हवा और अस जो व्यकि कभी हवेिी मे रहता हो जहा ईसक के घर मे रहना पड़े यह ककतना दुखद होता है । वह गकियो मे घूमते हुये ईसे डर नहीं था क ध्वकनयों का अनंद िेते हुये भी ज़ाककर सारी पुरानी कजंदगी और शहर रूप नगर की यादे ईस हाकसि कर पाया । वह ऄके िा नहीं था ईसक तिाश रहे थे । भारत का कबभाजन एक त्रासदी गए । कवभाजन मे ज़ाककर का प्रेम भी बााँट गया गया । ज़ाककर साबीरा से मोहब्बत करता था प
Vol. 2, issue 14, April 2016. वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.