Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 33

जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव अ
दोबारा पता नहीं उनसे कब मुलाकात होगी उनसे नमलना मेरा सोभाग्य होगा प्लीज़ आप मुझे एक बार उनसे नमलवा दीनजये मैं बहुत दूर से आया ह ाँ मेरे पास अभी अपना काडच नहीं है |
बाई थोडा आश्चयच से उसे देखकर रूकती है नफर जवाब देती हैं रुको..... मैं अंदर से पूछ कर आती ह ाँ इतनी देर में सेल्समेन बच्र्े से नफर बातें करने लगता हैं पूछता हैं आपके घर में सबसे बड़ा कौन हैं बच्र्ा जवाब देता हैं मेरे दादाजी ननभचय नसंह र्ौहान सेल्समेन ने पूछा वो क्या करते है बच्र्े ने जवाब नदया कु छ नहीं वो बस सब काम ठीक से करते है या नहीं यही ध्यान रखते है सेल्समेन ने पूछा वो अभी है घर पर बच्र्ा बोला नहीं आज नहीं हैं बाहर गए हैं कल आयेगे सेल्समेन ने नफर पूछा और कौन – कौन है आपके पररवार में, बच्र्ा बोला--- दादाजी के बाद मेरे पापा नवभय नसंह र्ौहान जो आमी में हैं वो अभी घर पर ही है उन्हें बुलाऊ क्या? सेल्समेन ने कहा नहीं रहने दो बाई गयी है बुलाने बच्र्ा बोला आपको नकससे नमलना था वेसे..... सेल्समेन ने बड़े प्रेम भरे मन से जवाब नदया मुझे सभी से नमलना है एक आमी ऑनफसर की फॅ नमली कै से जीवन जीती है उनके क्या ख्याल होते हैं वो कै से अपने और अपनों के जीवन की परवाह नकये नबना जीवन जीने के नलये प्रेररत होते हैं यही देखना और समझना और जानना था मुझे और कु छ नहीं..... बच्र्ा सोर् में पड़ जाता है कु छ समझने की कोनशश करता हैं नफर कहता है-- अच्छा आप न्यूज़ पेपर में काम करते हो क्या सेल्समेन बोला नहीं तो, आपको ऐसा क्यों लगा बच्र्ा बोला आपने ही तो अभी कहा की आप जानना र्ाहते हो की आमी वाले कै से से जीवन जीते हैं, कु छ नदन पहले भी कोई दादाजी से नमलने आया था और उनका इंटरव्यू लेकर गया अगले नदन उसे पेपर में छाप नदया सेल्स मेन को अब पूरा नवश्वास हो गया था ये तो कोई दमदार पाटी है | नमनडया वालों का भी आना जाना है | र्लो जो भी हैं नमलकर ही जाता ह ाँ इस अवसर को मैं खोने नहीं दू ंगा |
कु छ देर बाद बाई आती हैं और कहती आप बैठो भैयाजी आ रहे है सेल्समेन को ख़ुशी होती हैं ये सुनकर की कम से कम उसे बैठने को कहा गया मतलब कु छ समय तो बातर्ीत का उसे नमल ही जायेगा | बाई अंदर से पानी का नगलास ट्रे में रखकर लाती है उसे वहां पानी पीना भी बहुत गवच महसूस करवा रहा था | उसे मन ही मन लग रहा था पानलसी हो न हो आज का नदन मेरा सफल ही कहलायेगा मुझे एक आमी आनफसर से नमलने का मौका नमलेगा अंदर ही अंदर उसके मन में प्रसन्नता के फू ल नखल रहे थे | 15 नमनट इंतजार करने के बाद एक लम्बे र्ौड़े कद वाला हिा किा सावले रंग का ४० वषच का नोजवान अंदर से ननकल कर आता है नजसे देखकर सेल्समेन सोफे पर से उठकर उससे हाथ नमलाने के नलये हाथ आगे बढ़ता है, गुड मोननचग सर, कहकर संबोधन देते हुए कहता है इट्स माय प्लेजर टू मीट नवथ यू नोजवान उस बच्र्े का नपता और आमी आनफसर होता है वो मुस्कु राकर कहता हैं थैंक यू सो मर् यंग मैन | मैं आपसे इंतजार करवाने के नलये माफ़ी र्ाहता ह ाँ दरअसल नबना समय नलये कोई नमलने कभी आता नहीं है इस वजह से आपको तकलीफ हुई और यहााँ इंतजार करना पड़ा | सेल्समेन उसकी उदारता और इतना सहज व्यवहार देखकर सोर् में पड़ जाता है | इतना बड़ा आदमी होकर भी मुझसे माफ़ी मांग रहा हैं मैं इससे पानलसी की बात तो करूाँ गा ही नहीं ये उनका अपमान होगा और मेरी नासमझी |
आमी ऑनफसर पूछता है--- कनहये मैं आपक रह जाता है उसे इतना हानदचक और उदारता स दूसरा कारण उसके डगमगाने का उसे अब अप बात नहीं करना र्ाहता था | बहुत सोर् नवर् सुना और पढ़ा है पर अब तक मुझे रूबरू नक से नमला इसनलए आपका कीमती वक़्त लेन तकलीफ हुई हो क्योनक मैं नबना समय नलये ऑनफसर ने जवाब नदया-- कोई बात नहीं हम का मोका नमलता है इसे बताने में कोई पाबन्द पररवार से बहुत दूर रहते हैं | मैं आज पूरे डेढ़ पररवार के होने का आभास होता है | कल नक ड्यूटी जीवन की अंनतम बन जाय | इसनलए मेर देने मैं कभी पीछे नहीं हटता बनल्क अंदर से ए जानने वाले भी है | ये नसफच मेरा पररवार ही ज तैयार कर नलया है | मैं तो वहां जाकर जंग लड़ नपताजी और दादाजी भी आमी ऑनफसर थे उसका जीवन नकतने नदनों का हैं, मैं नहीं जान सबसे बड़ी आमी ऑनफसर है जो इन सबक ननभाने की कोनशश करता ह ाँ वो मुझे और पररव
सेल्समेन की आंखे रनवत हो जाती है | वो म समनपचत पररवार से भी कभी नमलू ाँगा ये मैने कभ का नदन मेरे जीवन का सबसे महत्वपूणच नदन ह गहरी अनुभूनत से वंनर्त रह जाता | आमी नज़म्मेदाररयााँ है और उनको ननभाने के तरीके ह-साथ देश को सुरिा भी देती है यही फकच हैं आ आमी ऑनफसर पूछता है-- सेल्समेन कु छ क लाने के नलये कहता है | इतना कहते ही ऑनफस है, सेल्समेन थोडा हल्का होकर कहता है या श्
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.