Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 20
जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine
ISSN 2454-2725
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine
ISSN 2454-2725
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
र्मु ने समझा उसे काग की नाव
और फ़ें क पदया र्ेज बाररश में
गिरीश पकज
सही है देह गीली है
सही है आाँखें िनीली हैं
पिर भी देखर्ी है सिने
सिनों से लदी नाव को पकनारे िर ले जाने के
।। दोहा ।।
अठारह सौ इक्यानवे, वषष हो गया धन्य।
ददन चौदह अप्रैल को, जन्मा लाल अनन्य।।
'बाबा साहब' नाम था, ददलतों का भगवान।
दजनके दचिंतन से बना, भारत देश महान।।
र्मु देखना
एक पदन सिने सच होर्े हुए
......
(आने वाले कववता सग्रं ह से)
।। चौपाई ।।
महू की धरती धन्य कहाई, हदषषत हो गई 'भीमाबाई' । 1
घर में आया लाल मनोहर, बना बाद में दवश्व धरोहर। 2
दपता 'रामजी' थे हषाषए, बेटा यह इदतहास बनाए। 3
खबू पढाया और दलखाया, बेटे ने भी नाम कमाया। 4
थे कबीरपिंथी और ज्ञानी, सोच दपता की थी कल्यानी। 5
मााँ का सख
ु ना बेटा पाया, लप्तु हो गया मााँ का साया। 6
चाची ने तब उसे सिंभाला, और दपता ने देखा-भाला। 7
पी कर के अपमान जहर को, भीमा दनकला नई डगर को। 8
(सम्िादक शलभ प्रकाशन पदल्ली )
[email protected]
मो. 9810534442
।। दोहा ।।
लगन और मेहनत रही, बन गए वे नवबद्ध
ु ।
जड़मदत को करते रहे, 'भीमा' प्रदतपल शद्ध
ु ।।
बने दवदध के डॉक्टर, बढे सदा अदवराम।
इक दभक्खू ने दे ददया, 'बोदधसत्व' का नाम।।
।। चौपाई ।।
पढऩे जब शाला तक आए, भीमा एकाकी रह जाए। 9
कक्षा के बाहर रहना था, वहीं से बस अध्ययन करना था। 10
ददन भर वो प्यासा रह जाता, चपरासी भी पास न आता। 11
क्या 'महार' इसिं ान नहीं है, ईश्वर की सिंतान नहीं है? 12
कै सा चातवु णष ष यहााँ है, भीम कहे भगवान कहााँ है? 13
दहदिं ू धरम का कै सा चक्कर, ददलतों को मारे है ठोकर। 14
मैं ददलतों के दलए लड़ाँगा, उनकी खादतर खबू पढाँगा। 15
ले कर नवसिंकल्प बढ गए, बाबा साहब दशखर चढ गए। 16
Vol.2, issue 14, April 2016.
वषष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.
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