Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 179

जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
की गु ंडागदी व सांघी भोपुओं द्वारा देश द्रोह के कु प्रचार के बावजूद जेएनयू समुदाय- छाि, थशक्षक तथा जेएनयू के पुराने छाि-- रोथहत वेमुला की सांस्थाथनक हत्या तथा जेएनयू पर हमले के थवरुि जारी संघषर को जनतंि तथा संथवधान पर फासीवादी अक्रमण के थवरुि राष्प्रव्यापी संघषर में तब्दील करने को कथटबि हैं.
जी हााँ, माननीय मोदी जी या जेटली जी या आनके नागपुररया अका ठीक कह रहे हैं थक यह एक वैचाररक युि है, थवचारों की थवचारधारा व फजी वीथडयो व पूवरथनयोथजत दुष्प्प्रचार की थवचारधारा के बीच; थववेक की थवचारधारा एवं हुडदंग की थवचारधारा के बीच; जेएनयू के थवचार तथा दथक्षणपंथी थहरदुत्व ईग्रवाद के राष्प्रोंमाद के बीच. जेएनयू एक थवचार है थजसे दमन से न डराया जा सकता है न ही दबाया जा सकता है. दमन तथा जेल से जेयनयू डरा नहीं
बथल्क आसका संघषरशील संकल्प और मजबूत हुअ है. जैसा थक देशद्रोह के अरोप में जेल से जमानत पर ररहा होने के बाद, ईदीयमान आथतहासकार ईमर ने कहा थक जेयनयू डरना जानता ही नहीं. जेटली के जेएनयू में थवचारधारात्मक युि में थवजय की घोषणा हास्या. पद लगती है. जमानत पर ररहा होने के बाद 3 माचर का करहैया का भाषण ऐथतहाथसक हो गया. करहैया के ही नहीं, सभी छािों – छािसंघ की ईपाध्यक्ष शहला राथशद, संसद में संथवधान की धथज्जयां ईडाते हुए स्मृथत आरानी द्वारा देशद्रोही घोथषत ऄथनबरन, ईमर, ऄनंत, अशुतोष, ऄपराथजता अथद सभी के भाषणों-लेखों में ऄद्भुत पररपर्कवता, सुस्पष्टता तथा फासीवादी हमले से संथवधान की रक्षा के संघषर की ऄथडग प्रथतबिता है. बीबीसी समाचार के ऄनुसार, करहैया के भाषण को लगभग 30 लाख लोगों के मध्य फे सबुक पर साझा थकया गया तथा लाखों
लोगों द्वारा पसंद थकया गया. संघीय राष्प्रोंमाद जेएनयू को डराकार थवद्रोह की अवाज को दबाना चाहता है, परंतु जैसा ईमर ने कहा थक, भय
में जीना जेएनयू के स्वभाव में ही नहीं है. वैचाररक जडता के चलते नए नारे गढने में ऄसमथर दथक्षपंथी ईग्रवादी राष्प्रोरमाद वही थघसे-थपटे नारों का शोर मचाते हैं. जेयनयू एक थवचार है तथा थवचार गथतशील होता है तथा ऄपने गथत के थनयमों का थनमारण नए नारों से करता है. जी हााँ जेटली जी, संवैधाथनक राष्प्रवाद के थवचार व दथक्षणपंथी राष्प्रोंमाद के बीच, ब्राह्मणवादी रूथढवाद तथा मार्कसर व ऄंबेडकर के स्वप्नों के समानतावाद के बीच यह एक सांस्कृ थतक तथा बौथिक युि है. तथा जेएनयू के थवचार तथा अरएसएस के राष्प्रोंमाद के बीच आस युि में थवजय ऄंततः थवचार की होगी.
जेएनय ूः एक मवचार
जेएनयू वाकइ एक थवचार है-- ऄरयाय के थवरुि संघषर का थवचार. आस थवचार के वाहक भावी आथतहास के नए सूिधार, देश के युवा है. अज हम आथतहास के एक ऐसे दौर से गु्र रहे हैं जब जंतांथिक थवचारों और संस्थाओं पर नाजी जमरनी के पैटनर पर फासीवादी हमले बढते ही जा रहे हैं । जेएनयू के थवरुि सोसल मीथडया पर जारी कइ वीथडयो में कु छ संघी भारत माता की जय के नारों साथ करहैया तथा ईमर की मां-बहन को ऄश्लील भाषा में गाथलयां दे रहे हैं. यह है ऄथमत शाह तथा ऄरुण जेटली का थवचारधारात्मक युि. वास्तव में, भथक्त भाव का शाखा प्रथशक्षण थवद्रोह
तथा थववेक की प्रवृथियों को कु ं द बना देता है. आस हमले का जेएनयू का जवाब राष्प्रवाद पर वैकथल्पक कक्षाएं तथा कल्पनाशील सांस्कृ थतक कायरक्रम हैं. यह जेएनयू का थवचार है.
सारे संघी कु तकों तथा गोयबल्सी झूठ के जवाब में जेएनयू की एमथफल की एक छािा, ऄपराथजता राजा का एक लेख, जहाां दीवारें भी बोलती हैं( आंथडयन एर्कसप्रेस, 9 माचर 2016) ही बहुत भारी पडता है.“ यथद सवाल की आ्ाजत न हो, अलोचनात्मकता तथा ताथकर कता पर रोक हो तो कोइ भी थवश्वथवद्यालय ज्ञान का कें द्र नहीं हो सकता. जेएनयू की
पहचान भवनों, प्रयोगशालाओं और कम्पप्यूट है, ईनके बीच संवाद से है, ईनके द्वारा थवकथ चचार-परचचार से ईभरी समझ पर ऄमल की द थदया है. आस प्रकरण के शुरू से ही संघी प्र थसयाचीन में भूस्खलन से हुइ सैथनक की मौत स हो! जेएनयू का जवाब तथ्यपरक व्याख्या तथा
हम जेएनयू के पहले दशक के छािों क साथ खडे रहने को दृढ संकल्प हैं. द फर्स्ट डेक साथ एकजुट हैं. जेएनयू के थदनों में हम सावरज गंगा ढाबे पर एक साथ ऄड्डेबाजी करते थे. ह जेएनयू की थवरासत है, दथक्षणपंथी ईग्रवादी
थवरासत को बबारद करना चाहते हैं. परंतु थवच ईत्पीडन ईत्पीडन तथा तथा राष्प्रोंमादी दुष्प्प्रच क्षृ ंखला थी. 18 फरवरी ऄथभनव नारे तथा ग
ऄथहंसक संसद माचर थदल्ली के आथतहास में स्र्कवायर पर 4,000-5,000 छािों की राष्प्रवाद
भी भूतपूवर जेएनयूअआट नहीं होता बथल्क ऄज
जेयनयू के थवचार तथा दथक्षणपंथी ईग्रवा लोग जेयनयू के पक्ष में प्रदशरन कर रहे हैं, थलख पर भगवा हमले की चहुं ओर भत्सरना हो रही सैरय बल की भांथत कायर कर रही है, थजसका
ऄल्पसंख्यक आसके मुख्य थनशाने थे । 15 माच तक थवरोध माचर के समापन पर सभा में संघ
हमले की कोथशश की । करहैया ने आसका जवा पररणथत तक ले जाने के संघषर की प्रथतबित
दलीलों के साथ तथ्यपरक भाषण ईनकी क्र देशभथक्त भारत के लोगों के प्रथत सरोकार की जवाब है । यही जेएनयू का थवचार है ।
15 णरवरी 2016 हमारे जीवन तथा ज
साथ 3.5 थकमी लंबी मानव श्ृ ंखला में भाग प्रशासथनकक ब्लॉक तक ऄथभनव बैनर-प थवद्याथथरयों, थशक्षकों, जेएनयू के पुराने छािों सपना देखने वाले, हम लोगों के ऄंदर ऄन द्वारा लगभग 7,000-8,000 की शांथतपूणर ल
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.