Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 180

जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
के साथ सम्पबोधन ने हमें ऄथभभूत कर थदया । फक्र है हमे जेएनयू के थवरासत पर । थदसम्पबर 1992 में बाबरी मथस्जद थवध्वंस के थवरोध में नागररक माचर के बाद 19 णरवरी को जेएनयू के समथरन में संसद माचर सबसे बडी रैली थी. आसने मुझे ऄपने आस कथन की प्रामाथणकता की अश्वथस्त दी थक आथतहास की गाडी में बैक थगयर नहीं होता, कु छ ऄल्पकाथलक यू-टनर हो अ सकते हैं तथा यह थक हर ऄगली पीढी तेजतर होती है जो जल्द ही आस यू टनर को ईलट
देती है और नइ थदशा प्रदान करती है. यही जेएनयू का थवचार है. थशक्षा के व्यावसायीकरण के सरकारी मंसूबों के थवरुि महीनों से चल रहे ऑर्कयुपाइ यूजीसी अंदोलन में जेएनयू
के छािों की ऄग्रणी भूथमका है. ब्राह्मणवादी ईत्पीडन से हैदराबाद कें द्रीय थवश्वथवद्यालय के शोध छाि रोथहत वेमुला की शहादत से जेएनयू रोथहत के रयाय के संघषर का कें द्र बन गया. जय भीम-लाल सलाम के नारे एक ही मंच से लगने
लगे. यह संघषर के एक बहुप्रतीथक्षत नए अयाम का अगाज है. यह सामाथजक रयाय और अथथरक रयाय के संघषों की नइ एकता की शुरुअत है. जेएनयू के थवद्याथी तथा थशक्षक ऄपने सरोकारों को के वल कैं पस प्रकरणों तक सीथमत नहीं करते बथल्क ईनका सरोकार थवश्व तथा देश के सभी ऄरय प्रमुख मुदे ों तक व्याप्त होता है. आस अंदोलन ने मुझे 1970 के दशक के ईिराधर में जनता पाटी के शाशन काल के एक अंदोलन की याद थदला दी. जेएनयू के छािों ने जेएनएसयू
के नेतृत्व में डीटीसी थकराये वृथि के थवरोध में सफल संघषर थकया । डीटीसी की बसें पररवहन का प्रमुख साधन होती थीं. आस प्रथक्रया में ऄश्ुगैस, लाठीचाजर तथा थगरफ्ताररयों का सामना करना पडा । राज्य के सभी ऄवरोधों तथा दमन
के बावजूद हम शांथतपूणर तथा दृढ बने रहे । कइ छािों के हाथ-पैर भी टूटे. ऊतु जयरथ-( वतरमान में जेएनयू के रूसी ऄध्ययन कें द्र में प्रोफे सर) के पैर में लगे प्लास्टर के बारे में चुटकु ला था थक बहुत सारा साथहत्य खो जाएगा आस प्लास्टर के हटने के बाद. ऄंततः हम थकराया वृथि वापस कराने में सफल रहे । थकराये वृथि की पूरी वापसी का यह शायद एकमाि ईदाहरण है । अंदोलन के दौरान थदल्ली थवश्वथवद्यालय के एक छाि को लगा हम जब 12.5 रुपये के डीटीसी पास में पूरी थदल्ली थक यािा कर सकते थे तो अंदोलन थक मूखरता र्कयों कर रहे थे? हमारा जवाब था थक हमारे थलए
दुथनया थक अबादी एक ही नहीं है र्कयोंथक व्यथक्त का वजूद महज अत्मकें थद्रत व्यथक्त के रूप में नहीं है बथल्क समाज की सामूथहकता के ऄंग के रूप में है. हम थसफर ऄपनी मेस थबल के थलए नहीं लडते, हम थसफर ऄपनी हॉस्टल की समस्याओं के थलए नहीं लडते बथल्क इरान में शाह के दमन के थखलाफ भी प्रदशरन करते हैं. हम थसफर फै लोथशप के थलए नहीं लडते बथल्क ऄफगाथनस्तान में सोथवयत फौज के थखलाफ भी प्रदशरन करते हैं. आसीथलए जेएनयू दथक्षणपंथथयों की अाँख की थकरथकरी बना रहा है. यही जेएनयू का थवचार है.
अंदोलन का यह सुखद ऄनुभव आलाहाबाद थवश्वथवद्यालय के अंदोलनों के ऄनुभवों से ऄलग था. वहां छािों की थवरोध रैली का ऄथर था पत्थरबाजी, तोड-फोड, दुकानों की लूट तथा ऄरय सावरजथनक या थनजी संपथि को क्षथत पहुंचाना. हमने डीटीसी की बसें ऄगवा की तथा कु छ वररष्ठ छािों ने बसों की रखवाली की थ्म्पमेदारी ली ताथक ईनकी बाहरी शरारती तत्वों तथा घुसपैथठयों से सुरक्षा की जा सके. बडे अदर तथा सम्पमान के साथ कं डर्कटरों तथा चालकों को कैं टीन ले जाया गया और समोसे, चाय, थसगरेट तथा बातचीत के से ईनका स्वागत थकया गया. यह
जेएनयू का व्यवहार है. ऄब पुरानी यादों थक चचार यहीं बंद करता ह ाँ वरना सालों में अत्मसात यादों का थसलथसला खत्म ही नहीं होगा.
आस भाग का समापन जवाहरलाल नेहरू थवश्वथवद्यालय छाि संघ( जेएनयूएसयू) के ऄनूठे चररि की चचार के साथ करना चाह ंगा. 1970 के ईिराधर में लखनउ थवश्वथवद्यालय का एक छाि चुनाव के समय जेएनयू अया था. चुनाव की
प्रथक्रया तथा चुनाव सभाएं देख चथकत रह गया. एक चुनावी सभा के बाद ईसने म्ाक में कहा थक जेएनयू में कोइ भी
छाि चुनाव लड सकता है, र्कयोंथक हारने व ज धन बल का प्रयोग एक स्थाथपत जंतांथिक वज सभा( जीबीएम) में व्यापक थवचार-थवमशर द्वार संथवधान 1978 में छािों की संथवधान सभा म राष्प्र-राज्यों के संथवधानों के प्रार्ककथनों की ही आस संथवधान के थनमारण थक प्रथक्रया काफी ल थनथमरत दस्तावे् पर प्रत्येक सेंटर तथा बाद प्र थवमशर हुअ. आसके बाद प्रारूप सथमथत ने थकय
संथवधान सभा में तब्दील यूजीबीएम में व्य ऐथतहाथसक जीबीएम थी. आस संथवधान के ऄ
थवश्वथवद्यालय प्रशाशन की कोइ भूथमका या थ मारयता नहीं देता. थनष्प्कासन के बावजूद कोइ सकता है. यह है जेएनयू का थवचार.
छािसंघ का चुनाव एक थनवारथचत चुनाव
चुनाव करते हैं. थफर थनवारथचत चुनाव अयुक्त का संचालन चुनाव अयोग करता है । थकसी भ से नामांकन खाररज हो जाता है. चुनाव प्रचार आस पूरी प्रथक्रया में पुथलस और प्रशाशन की ऄपवादों को छोडकर थवश्वथवद्यालय के थपछ जेएनयू मे चुनाव का मौसम लोकताथरिक ईत्स के हर चरण के पररणाम की सब गाते गथप्प लोकतांथिक ईत्सव में शरीक होते रहे. सारे संग साथ थबना थकसी दुराग्रह के चुट्कु ले सुनते सुन वाले ईम्पमेदवारों में कोइ कटुता नहीं होती थ सहानुभूथत का माहौल जेएनयू की खास खाथस आरएसएस का राष्ट्रोंिाद
यहााँ का सवाल करने और वाद-संवाद का भाव के प्रजनन के प्रथतकू ल है जो थक दथक्षण साम्राज्यवादी व्यवसायीकरण के भी प्रथतकू ल करती है, तो खुद को वह थहरदुत्व या देशभथक्त गु ंजाआश न देख, आसने राष्प्रवाद का तुफर च दथक्षणपंथी ईग्रवाथदयों की अाँख की थकरथक दमन का जेएनयू की प्रथतथक्रया शांथतपूणर प्रथतर
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.