Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 167

जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine ISSN 2454-2725 जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine (बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक) ISSN 2454-2725 (बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक) हाथ लगती तो?" मृदल ु ा गगभ क्रलखती है---"याक्रन आज़्जघत थी। रामकली की आज़्जघत थी। बस ईसे खदु ईसका पता नहीं था"। क्रनष्कषभ : पररवार में घरे लू कामगार हाक्रशये की क्रघदं गी जीने की प्रक्रिया में अज ऄपनी ऄक्रस्मता को लेकर आतने सजग-सक्रिय हैं क्रक ऄब माक्रलकों को भी ऄपनी ऄक्रस्मता का परंपरा पोक्रषत चोला ईतारने की क्रदशा में संघषभरत रहना पङता है। आस क्रदशा में माक्रलक और कामगार ऄक्रस्मताओ ं के क्रनयक्रतपरक ऄतं क्रवरभ ोधों से गघु रते रहते हैं। ऄब ना तो ऄमरकांत की संवदे ना ऄपेक्रक्षत है, ना ही भीष्म साहनी का क्रवचारधारात्मक सरोकार। माक्रलक पक्ष के द्वारा कामगारों की ओर से क्रनष्ठा का भाव अज ऄसंभव है, तो साथ ही माक्रलकों की ओर से कामगारों के प्रक्रत अदर भाव। प्रतीक्षा ही कर सकते हैं क्रक घरे लू कामगार क्रवधेयक ऄक्रस्तत्व में अए और पररकक्रलपत राष्रीय नीक्रत के तहत एक कामगार की भााँक्रत घरे लू कामगार ऄपने कायभ करें और सरकार क्रनधाभररत सक्रु वधाएाँ माक्रलक प्रदान करते रहें। दख ु द है,पर आसके ऄलावा दसू रा सत्य भी नहीं क्रक सरकारी प्रावधान बनने में सक्रदयों लग जाएाँग।े तब तक के क्रलए ऄक्रस्मताओ ं के ऄतं क्रवरभ ोध को क्रनयक्रत के रूप में स्वीकार कर लेना माक्रलक और कामगार दोनों के क्रलए ऄक्रनवायभ है। 11) एक नौकरानी की डायरी, कृ ष्ण बलदेव वैद, संस्करण 2006. पृ० 34. 12) कठगल ु ाब, पृ० 12. 13) घरे लू कामगार : क्रस्थक्रतयााँ, हक और क्रघम्मेदाररयााँ, पृ० 47. 14) ऄनाङी, संगक्रत-क्रवसंगक्रत, पृ० 500. 15) कठगल ु ाब़ पृ० 131. 16) घरे लू कामगार : क्रस्थक्रतयााँ, हक और क्रघम्मेदाररयााँ, पृ० 47. 17) कठगल ु ाब, 151. 18) घरे लू कामगार : क्रस्थक्रतयााँ, हक और क्रघम्मेदाररयााँ, 47. 19) ईसका क्रवद्रोह, संगक्रत-क्रवसंगक्रत, पृ० 56. 20) वही, पृ० 56. संदभभ सचू ी --- 21) क्रकस्सा अज का, संगक्रत-क्रवसंगक्रत, पृ० 693. 1) क्रकस्सा अज का, संगक्रत-क्रवसंगक्रत, पृष्ठ-693. 2) मक्रहला कामगार क्रवधेयक। शोधार्थी अजय कुमार साव PHDHIN, 131636662 ( IGNOU) हहदं ी हवभाग, हसलीगडु ी कॉलेज हसलीगुडी, दाहजषहलंग िहिम बंगाल 3) क्रकस्सा अज का, सगं क्रत-क्रवसगं क्रत, पृ० 693. 4) घरे लू कामगार : क्रस्थक्रतयााँ, हक और क्रघम्मेदाररयााँ , ऄनवु ाद, सीमा श्रीवास्तव, प्रकाशक-जागीरी, संस्करण 2010, पृ० 55. 5) ऄनाङी सऺ ंगक्रत-क्रवसंगक्रत, पृ० 499. 6) समकालीन कहानी का समाज शास्त्र, देवन्े द्र चौबे, प्रकाशन संस्थान, संस्करण 2001, पृ० 49. 7) घरे लू कामगार : क्रस्थक्रतयााँ, हक और क्रघम्मेदाररयााँ, प० 59. 8) कठगवलाब, मृदल ु ा गगभ, पृ० 144. 9) समकालीन कहानी का समाज शास्त्र, पृ० 49. 10) कठगल ु ाब, पृ० 131. Vol.2, issue 14, April 2016. वषष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol.2, issue 14, April 2016. वषष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.