Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 109

जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव अ
चाहते थे. कट्टर दहन्दुओं का एक बड़ा तबका ईनका भि था. थे िे दिपुल व्यदित्ि के थिामी पर डॉ. अंबेडकर ने ईनकी गलदतयों पर ईन्हें बार-बार चेताया. 7 ददसंबर १९३८ को मुम्बइ दमल मजदूरों की एक ददिसीय हड़ताल पर मुम्बइ सरकार की ओर से गोदलयां चली. लाठीचाजि हुअ और यह काम दकसी दिदेशी ने नहीं थिदेशी सरकार का था. आस पर सरदार िल्लभ भाइ पटेल का ििव्य प्रकादशत हुअ था. सरदार पटेल को जबाब देते हुए डॉ. बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था.. दजनके पास देखने के दलए अाँखे हैं कान हैं ईन लोगों ने यदद दकसी दथथदत की ओर अाँखें मू ंद करके ईसके बारे में कु छ न सुनने का दनणिय कर दलया हो या सच्चाइ की ओर मदलन अाँखों से देखकर सारे अम ऄसत्य बातों के दनिेदन करने लगें तो िे ऄपने खयाली पुलाि में शौक से रहे. आसका हमें कोइ ऄफ़सोस नहीं है. लेदकन सरदार पटेल का यह दनिेदन शुरू से अदखरी तक पूरी तरह से झूठी बातों पर अधाररत है. कांग्रेस प्रचारकायि के आस महापुजारी ने आस दनिेदन में बेहद गलत बातें की हैं. ईनका यह कहना दक हड़ताल िालों ने डरा धमकाकर अतंक और ऄत्याचार दकया एक तरह से कांग्रेसी सच्चाइ का जीता जागता ईदहारण है. 9
सामाविक पररवतषन के आन्दोलन के नेता चल बसे:
डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के मन में शाह छत्रपदत के प्रदत ऄसीम सम्मान की भािना थी. ईनके शाह छत्रपदत के साथ व्यदिगत सम्बन्ध थे. ईनके बारे में डॉ, अंबेडकर ने कहा था. मान्यिर सयाजीराि महाराज का देहांत मेरी व्यदिगत और बहुत बड़ी हादन है. मैं ईनका एहसानमंद ह ाँ. ईन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता. ईन्होंने मुझे जो दशक्षा दी ईसी की िजह से अज मुझे यह योग्यता प्राप्त हुइ. ऄछू त समाज पर ईनकी बहुत बड़ी मेहरबानी थी. ऄछू त समाज के दलए ईनकी तरह दकसी और ने काम नहीं दकया. िे बहुत बड़े समाज सुधारक थे. बड़ौदा संथथान में समाज सुधार के सम्बन्ध में जो कानून बनाये गए थे िे यूरोप और ऄमेररका जैसे ईन्नत राष्िों के कानूनों से भी अधुदनक थे. ईन्होंने सभी सामादजक रुदढयों का ऄध्ययन करके सामादजक कु रीदतयों को दूर करने के दलए नेतृत्ि प्रदान दकया था. 10
लोकतंत्र की स्थापना के वलए बुद्ध ियंती का रािनीवतक महत्व:
बुद्ध ईनके सबसे बड़े नायक थे. िे दलखते हैं दक दहन्दुथतान के दहन्दू लोग बुद्ध की जयंती नहीं मनाते, आस बात का दकसी भी दिदेशी अदमी को अियि होगा. दहन्दुथतान में जो भी महान लोग पैदा हुअ हुए ईनमें बुद्ध का थथान बहुत उाँ चा है. बुद्ध की महानता का प्रदतपादन करते हुए ईनको दुदनया को प्रकादशत करने िाला प्रकाशमान सूरज कहने िाले ईनके चहेते हैं. इसाइ लोग दजन्हें बुद्ध से आष्याि है िे भी ईन्हें एदशया को प्रकादशत करने िाला सूयि की ईपमा देते हैं. 11 ऄदहंसा, दया, करुना, सुदचता की सम्पूणि सीख डॉ. अंबेडकर को बुद्ध से दमली थी. ऄपनी ऄंदतम गदत के तौर पर िे बौद्ध हुए क्योंदक ईससे ऄदधक सदहष्णु धमि ईन्हें दुदनया में नहीं दमला. िे दसख हो सकते थे, मुसलमान और
9 औय फाफा साहेफ आंफेडकय ने कहा.... खंड-3, डॉ. बीभयाव याभजी अम्फेडकय, ऩृष्ठ १२२
10 औय फाफा साहेफ आंफेडकय ने कहा.... खंड-3, डॉ. बीभयाव याभजी अम्फेडकय, ऩृष्ठ १४६
11 औय फाफा साहेफ आंफेडकय ने कहा.... खंड-3, डॉ. बीभयाव याभजी अम्फेडकय, ऩृष्ठ २८१
इसाइ सम्प्रदायों ने ईन्हें अकदषित करने की ब शोषण की प्रदक्रया पर दटके हुए हैं. बुद्ध का मा
ज्योवतबा फु ले का रास्ता ही असली लोक
ज्योदतबा फु ले ईनके सामादजक गुरु थ ईनका सामादजक न्याय का िह फामू िला लागू संकल्पना में अ पायेंगे जब यहााँ की ऄन्यतम नामक ऄपने शीषिक में डॉ. अंबेडकर दलखते अइ और अज भी नहीं है. बड़े दिश्वास के सा प्रदतबद्ध और आमानदार रहा ह. ाँ ज्योदतबा फु ले लोकतंत्र का शी राथता है. समाज के ऄथसी फ अदथिक तथाराजनीदतक गुलामी से जकड़क‘ थिराज्य, थिराज्य’ कहकर चीखने-दचल्लाने
पविमी नायक:
जान ड्युइ डॉ. अंबेडकर के ऄमेररका के क( philosophy of instrumentation) क टीकात्मक दिश्लेष्ण दकया. आसी प्रकार डॉ. अ दशक्षा दिश्व के पररितिन का साधन है. आसी तर श्रदमकों के दहत की दृदष्ट से कालिमाक्सि द्रारा प्र दिचारों का मूल ऄंतर यह था दक शोषण के ि ने नेसफ़ील्ड, ऄबडूबाय, सर एच. ररजले सेनाट
अपना दीपक स्वयम बनो:
अज जब समानता थितंत्रता और ब बाबा साहब ऄम्बेडकर पर बात करना लादज हाथी घुस जाए तो हाथी पर बात करना ज्यादा
12 औय फाफा साहेफ आंफेडकय ने कहा.... खंड-५, डॉ.
13 चां. बा. खैयभोड़े-डॉ. बीभयाव याभजी आम्फेडकय चर
Vol. 2, issue 14, April 2016. वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.