जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव अ
डॉ. रववता कु मारी
अंबेडकर आन ददनों सभी राजनीदतज्ञों के पूज्य के तौर पर ईभरे हैं. गजब तो तब हुअ जब जनसंघ के मुख्य पत्र‘ पांचजन्य’ ने ईनपर दिशेषांक दनकालकर ईन्हें ऄपना बताया. यह सुखद दथथदत है दक जब अपको अपके दिरोधी भी ऄपनाने लगे. िैचाररक ध्रुिों पर एक दूसरे से दिपरीत बैठे हुए पादटियों में ऐसा क्या है दजसे िे लूटने को बेताब हो रहे हैं. यह तो सामान्य बात है दक डॉ. अंबेडकर बहुजन तबकों के सििमान्य बड़े नेता हैं. यह िही िगि है दजसके बलबूते देश की मुख्यधारा की पादटियााँ ऄपनी गोदटयााँ सेंक रही हैं. अज अंबेडकर सबके नायक हैं पर अंबेडकर का नायक कौन है? अदखर अंबेडकर को िैचाररक रूप से दकसने आतना सबल बनाया? ईन पर दकन-दकन दिचारों का प्रभाि पड़ा. दनदित ही लोकदहत का आतना बड़ा दसपाही एक ददन में नहीं बना जा सकता. आसके दलए िषों की कदठन तपथया से गुजरना होता है. हम आस अलेख में कु छ ईन्हीं दबन्दुओं की तलाश कर रहे हैं दजसने भीमराि रामजी को आतने उाँ चे मुकाम पर पहुाँचाया.
जमिन नाटककार बतोल्त ब्रेख्त ने कहीं दलखा था दक‘ दजस दुदनया को नायकों की जरुरत हो िह ऄप्रसन्न दुदनया है’. भारत ईसी ऄप्रसन्न दुदनया का छोटा सा नमूना है. अज जब हम बड़े फलक पर देखते हैं तब पाते हैं दक ऄदधकतर महापुरुष और मदहलायें ऄपनी मूदतियों में दसमट कर रह गए हैं. हर दकसी को बोदधसत्ि की संज्ञा दे दी गइ है. ऄितारी शायद आसी कारण से भारत में ऄदधक हुए. जो कु छ भी हो पर यह एक ईपजाउ भूदम है. आस धरती की बेलें जाने ऄनजाने आस देश की सेिा में रत हैं. िे लगातार मानि और मानिता के कल्याण के दलए लगी हुइ हैं. पूरा दिश्व आस कारण से भारत का लोहा मानता रहा है. दिश्वगुरु का सपना आसी देश ने ददखाया है चाहे िह हकीकत में संभि न रहा हो.
मैं दकसी भी थिरूप में नायक पूजा के दिरुद्ध ह ाँ. नायकों के थतुदतगान से ईन्हें देिता का पद हादसल हो जाता है. यहााँ तक मैं दकसी लेखक के अटोग्राफ लेने के दिरुद्ध ह ाँ. भारत में जन्में एक दब्रदटश सजिन की दकताब पढ़कर मुझे आस लेख को दलखने की प्रेरणा दमली. प्रेरणायें हमारे चारो तरफ फै ली हुइ हैं. िह कै सा प्रेम होगा जो एक सजिन दंपदि को ऄपने जीिन के बीस साल, भारत में कु ष्ठ रोगोयों के आलाज के दलए समदपित करने की प्रेरणा देता है. आससे भी महत्िपूणि यह है दक आस प्रेम ि करुना का स्रोत क्या है? दनिय ही िह स्रोत कोइ नायक होना चादहए. क्या कोइ नायक ही दकसी के जीिन को गदत देता है. हााँ, िह के िल गदत ही नहीं देता ऄदपतु ईस दजन्दा भी रखता है. अंबेडकर बचपन के नहीं मेरी जिानी के नायक हैं. मेरे नायक समय के ऄनुसार बदलते गए. डॉ. अंबेडकर िह शख्स हैं दजन्हें बच्चों के नायक के तौर पर जगह नहीं दमल पायी है. ईनके बारे में बहुत कम दकताबों में दलखा गया है. ईन्हें बहुत कम पाठ्यक्रमों में पढाया जा रहा है. ईनपर बहुत कम शोध हुअ है. ईन्हें दिगत साठ सालों में लगातार छु पाने की कोदशश हुइ है. पर क्या अप दकसी बीज को ईदचत पररदथथयों में ईगने से रोक सकते हैं? हम अंबेडकर के नाम को जानते हैं पर
हम ईससे अगे कु छ कु छ नहीं जानते. दजतना की और जाती है. ईनका ऄंदतम ध्येय मनुष्यता
बालक भीम के नायक:
बालक भीक के बचपन के नायक क पद और गीत भीम को घुट्टी में दमले थे. ईनक रामजी सकपाल का यह प्रभाि बालक भीम प हो गए 1. ईन्होंने थियं को कबीर की तरह एक द्रारा ददए गए भाषण मइ १९५६ को पढ़ना चाद नायक कौन हो सकता था? सन १९०७ में ज समुदाय से अने िाले युिक के दलये यह बह दादा कृ ष्णाजी ने भीम राि के पुथतक प्रेम को जीिन’ की प्रदत भेंट की. दनसंदेह युिा अंबेड डाली थीं. ईन ददनों बौद्धधमि सामादजक ऄदध रचना‘ द बुद्धा एंड दहज धम्म’ को ईसी ज्ञान प्रश्न घुमड़ते रहे. ऄंततः ईन्हें ईन्हीं बौद्ध में जीि
अंबेडकर दहन्दू नायकों पर हमेशा ह दक द्रोणाचायि ने कभी सत्य और न्याय का स मूसा ने ईनपर प्रभाि डाला. िे ऄपनी तुलना म था. मूसा आजराआदलयों को बेगार और कभी न मुदिदाता और दिदध दनमािता के तौर पर भूद अंबेडकर बुद्ध से बहुत ज्यादा प्रभादित थे. ई था‘ दुदनया का कल्याण दसफि बौद्ध धमि से हो धमि को ही थिीकार करना चादहए. 2 डॉ अंबेड हुए. कबीर को डॉ. अंबेडकर ऄपना दूसर रामाथिामी नायकर पेररयार, नारायण गुरु, शा साथ थथादपत करने में महत्िपूणि भूदमका दनभ
1 फाफा साहेफ का जीवन संघषष, चंद्रिकाप्रसाद जजज्ञा
2 औय फाफा साहेफ आंफेडकय ने कहा.... खंड-५, डॉ.
3 साभाजजक न्माम: आंफेडकय ववचाय औय आधुननक
Vol. 2, issue 14, April 2016. वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.