Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 10
जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine
ISSN 2454-2725
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine
ISSN 2454-2725
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
कागज़ नहीं
कलम नहीं
ललखनी है कलिता
ना हो कागज़ ना हो कलम
तो बोलो
बोलो जबु ाां से
और गर काट ली जाए जबु ाां
तो कहो आँखों से
और गर ना हो आँखें
तो भी कहो
कहो ह्रदयगलत से
यकीं करो मेरा
कलिता सनु ी जायेगी
और न के िल सनु ी जायेगी
समझी भी जाएगी समय आने पर
Vol.2, iss ue 14, April 2016.
नारे , नारे और नारे
नारे इधर भी और नारे उधर भी
नारों की दलु नया
खाओ, लपयो, पहनो, ओढो नारे
नारों की दलु नया में भल
ू जाओ सब कुछ
बस ज़ोर ज़ोर से लगाओ नारे
इसके नारे , उसके नारे , सबके नारे
गस्ु सा करते नारे , प्यार जताते नारे
सड़क पर नारे , ससां द में नारे
शोर मचाते नारे
सनु ो, सनु ाओ नारे
नारे ही नारे
नारे बेरोज़गारी पर
नारे गरीबी पर
नारे रोटी, कपडा, मकान पर
नारे लशक्षा पर
नारे धमम पर
नारे अधमम
जब चालहए जैसे चालहए
हालज़र हैं नारे
खो रहा हँ मैं
खो रहे हो तमु
खो रहें हम सब
नारों के शोर में
ना, ना लचांता ना करो अछूता कोई नहीं
नारों के जाल से ....
वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.
Vol.2, issue 14, April 2016.
वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.