Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 73

Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका १. एच.आर.डी.सी. मशमला द्वारा आयोमजत १२४ वे उन्म ख ी कायाक्रम म समम्ममलत प्रमतभामगयों के शोधकाय का अवलोकन करते हुए अन स ु ंधान प्रमवमध का पालन करनेवाले शोधामथायों का औसत जानना । यह औसत मभन्न – मभन्न संकायों के अन स ु ार मभन्न ह क्या – इसे पहचानना। २. शोधकाय की पररकल्पनाए (Hypothesis), शोधकाया के उद्देश्य (Objectives) तथा शोधकाया क मनष्ट्कर्षा स्पसे रूप में उमल्लमखत करनेवालों का औसत मभन्न – मभन्न संकायों के अन स ु ार जानना । ३. प्राप्त औसत के अन स ु ार स ध ु ार के उपायों पर मभन्न-मभन्न स क ाय के अन स ु ार उपायों पर मवचार करना ४. पीएच. डी. उपामध प्राप्त करने हेत कायारत शोधामथायों को अन स ु ध ं ान प्रमवमध के प्रमत सचेत करना। ५. शोधकाय की पररकल्पनाए (Hypothesis), शोधकाया के उद्देश्य (Objectives) तथा शोधकाया क मनष्ट्कर्षा के स्वरुप की समझ बढ़ाना तथा अपने शोधकाया में स्पसे रूप से इसका उल्लेख करने के प्रमत शोधामथायों को सतका करना। उन्म ख ी कायाक्रम की २८ मदनों की समय सीमा में रोज के मनयममत कामकाज के अलावा अनेकों कायों की व्यस्तता (कायाालयीन कामकाज से मवरत होने के बाद घर म मकए जानेवाले काम) के साथ एक पररयोजना का Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017. ISSN: 2454-2725 काया प र ू ा करना अपने आप में बहुत बड़ी कसरत है। बड़ी म म ु श्कल से ८-१० मदन का, रोज औसत डेढ़ या दो घ ट ं े का समय ममलना भी कमठन रहा है। समय की सीमा का ध्यान रखकर यह काया करना काफी च न ु ौतीप ि ू ा रहा है। इस सम ह ू ने सबसे पहले चचाा कर मवर्षय मनमित मकया। शोधकाया की मनमित रूप – रे खा बनने के बाद एक प्रश्नावली तैयार की गयी। यह प्रश्नावली सभी प्रमतभामगयों में मवतररत की गयी। सभी प्रमतभामगयों से यह मवनम्र मनवेदन मकया गया मक अमधक से अमधक दो मदन में यह प्रश्नावली भरकर वामपस दी जाए। प्राप्त जानकारी की गोपनीयता के प्रमत प्रमतभामगयों को आश्वस्त मकया गया तथा संचालक एवं समन्वयक से भी इस मवर्षय पर चचाा की गयी। बावज द ू प्रश्नावली भरकर आने में पा च से छह मदन का समय लगा। कुछ लोगों ने प्रश्नावली भरकर दी, कुछ मवद्यावाचस्पमत नहीं थे तो कुछ ने प्रश्नावली वामपस नहीं की। इस जानकारी को मनम्न ग्राफ के माध्यमस जाना जा सकता है – आगे ग्राफ मदया जा रहा है – ग्राफ क्रमा क 1. कुल प्रमतभामगयों की संख्या 2. प्रश्नावली भरकर देनेवालों की संख्या का ग्राफ ग्राफ क्रमांक १. में कुल प्रमतभामगयों की संख्या, जो मवद्यावाचस्पमत हैं उनकी संख्या तथा जो मवद्यावाचस्पमत नहीं हैं उनकी संख्या दशाायी गयी हैं। य . ू जी.सी. – एच. आर. डी. सी. समर महल मशमला वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017