समृवत शेष
किया । अंततोगतवा आज वाराणसी की सभी चल रही सबजी मंडियां सवगथीय किशन नेताजी की देन है । वाराणसी के मंडी वयवसायी , आढ़ती , पलिेिार , रेहडी-पटरीवाले छोटे-छोटे वयवसायियों की िड़ाई आजीवन िड़ते रहे हैं ।
सव . किशन जी देहांत के उपरांत समपूण्ष समाज के राजनीति गणमानय लोग , गरीब , बंचितलोग तथा यहांतक कि वाराणसी के सांसद और देश के लोकलप्य प्धानमंत्री ने भी शोक वयकत किया । उनके पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए उनके आवास शासत्री भवन पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी । वाराणसी गंगा तट पर अवकसरत हरिशचंद्र घाट पर शवदाह हेतु बने
“ चरण-पादुका ” पर हजारों लोगों की बड़ी भीड़ ने अश्ुपूरित आँखों से उनहें अंतिम विदाई दिया । मर्माहत सोनकर शासत्री परिवार के साथ हजारों
लोगों को खड़े संपूर्ण समाज ने देखा । प्तयेक वयककत की आँखें नम थीं । शोक एवं श्द्धांजलि कार्यक्रमों में लोगों द्ारा सवगथीय कृषण कुमार
सोनकर शासत्री किशनजी को उनके नेक कायषों , सेवाओं , वयवहारकुशलता एवं भातृतव भाव इतयालि पर प्काश डालते हैं उनहें भावभीनी
12 tuojh 2025