Jan 2024_DA | Page 43

अनुसदूदचत जाति ्की पहचान मिट जा रही है । तो आदिवासी ्की पहचान भी ईसाई या मुषसलम धर्म में जाने पर उस्की आदिवासी ्की पहचान मिट जाती है ।
झारखंड आदिवासी सरना द््कास समिति धुर्वा रांची ्के अधयक् मेघा उरांव ्के अनुसार डीलिस्टंग महारैली ्का ्कोई आदिवासी संगठन विरोध नहीं ्कर रहा है , बिषल्क चर्च पोषित संगठनों द्ारा लोगों ्को भ्दमत ्करने ्का प्रयास द्कया जा रहा है । लेद्कन अबि जनजातीय समाज
जाग उठा है । धर्म परिवर्तित लोगों ्का डीलिस्टंग तो हो्कर ही रहेगी और डीलिस्टंग से पहले जिन्को अपने मदूल धर्म में घर वापसी ्करना है , उन्का स्ागत द्कया जाएगा । जनजाति समाज अपने संवैधादन्क अदध्कार ्के लिए चुप बिैठने वाला नहीं है । जरूरत पड़ने पर दिलली में भी विशाल रैली ्करने ्को हम लोग तैयार हैं । ्केंद्र सर्कार जलि से जलि इस पर ्कानदून बिनाए ।
संविधान ्के अनुचछेि-341 में यह प्रावधान है द्क अनुसदूदचत जाति ्के लोग यदि मतांतरित हो जाएंगे तो संविधान ्के अनुसार एससी ्को मिलने वाले सभी लाभों से वह वंचित हो जाएंगे , उसी तरह अनुसदूदचत जनजाति से संबिंधित अनुचछेि-342 में यह प्रविधान शामिल द्कया जाए द्क जनजाति समाज ्का ्कोई भी महिला व पुरुष अपनी धर्म , संस्ककृति , परंपरा एवं रीति-रिवाज ्को छोड़ दे तो उसे भी एससी ्को मिलने वाली सभी संवैधादन्क सुविधाओं से वंचित द्कया जाए ।
भाजपा अनुसदूदचत जनजाति मोर्चा ्के प्रदेश अधयक् एवं पदू्मा विधाय्क शिवशं्कर उरांव ्का ्कहना है द्क बिाबिा ्कादतमा्क उरांव ने ्रषों पहले मतांतरित आदिवासियों ्को आरक्ण ्के लाभ से वंचित ्करने ्के लिए ्कानदून बिनाने ्का िबिाव तत्कालिन ्कांग्ेस सर्कार पर डाला था । परंतु पदूरा नहीं हुआ । अबि राजय सर्कार से ले्कर ्केंद्र सर्कार इस्को ले्कर ्कानदून बिनाए । हमारे हिससे ्की हिससेिारी द्कसी ्को नहीं दिया जाए । इस्के लिए जो भी आंदोलन ्करना होगा , हम लोग ्करेंगे । जबि त्क ्कानदून नहीं बिनेगा धोती-्कुर्ता ही पहनदूंगा । जान्कारी हो द्क शिवशं्कर उरांव ने घोषणा ्की है द्क लक्य पदूरा होने त्क वह फुलपैंट व शर्ट ्की जगह धोती-्कुर्ता पहनने ्की शपथ ली है I
जान्कारी हो द्क झारखणड में मतांतरित आदिवासियों द्ारा लाभ लेने ्के मुदा 12 ्करोड़ परंपरागत जीवन वयतीत ्करने वाले जनजातीय समाज ्के जीवन और रोजी-रोटी जुड़ा हुआ है I राजय में धमाांतरित ईसाई 75 ्रषों से जबिरन अनुसदूदचत जनजातियों ्के आरक्ण ्का 80 प्रतिशत लाभ लगातार लेते आ रहे हैं । जबिद्क ईसाइयों ्को एसटी आरक्ण में ्कोई अदध्कार नहीं है और ईसाई अलपसंख्यक वर्ग में आते हैं I धमाांतरित ईसाई जनजाति आरक्ण ्की सदूची में ्कभी नहीं रहा है । 1921 एवं 1931 ्की जनगणना एवं भारत सर्कार अधिनियम-1935 में इनहें भारतीय ईसाई ्कहा गया है और इनहीं भारतीय ईसाईयों ने ईसाई ्के नाम पर 1952 त्क लाभ उठाया है । झारखणड में जनजाति आरक्ण पर ईसाइयों द्ारा संवैधादन्क अदतकमण हुआ है । इसीलिए अबि यह मांग जोरों
पश्चिम बंगाल में ओबीसी आरक्षण के लाभ से हिन्ू वंचित
रा्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने ्कहा है द्क पषशचम बिंगाल में पिछड़ा वर्ग ( ओबिीसी ) आरक्ण ्का लाभ हिंदुओं ्को नहीं मिल रहा है । बिंगाल सर्कार ने राजय में ्कुल 179 ओबिीसी समुदायों ्को सदूचीबद्ध द्कया है । इनमें से 118 मुषसलम हैं । राजय में पिछड़ा वर्ग ्को दो श्रेणियों में विभाजित द्कया गया है जिसमें अति पिछड़ा ( श्रेणी-ए ) और पिछड़ा ( श्रेणी-बिी ) है । पहली श्रेणी में 81 समुदाय में 73 मुषसलम हैं और िदूसरी में 98 में 45 मुषसलम हैं । राजय में अनुसदूदचत जनजाति , अनुसदूदचत जाति और अनय पिछड़ा वर्ग ्के लिए कमश : 22 प्रतिशत , छह प्रतिशत और 17 प्रतिशत आरक्ण ्की वय्स्ा संवैधादन्क रूप से ्की गई है । आयोग ्का ्कहना है द्क हिंिदू अति पिछड़ी श्रेणी ्के मुषसलम में मतांतरित हो रहे हैं । राजय ्के मुखय सचिव अभी त्क यह नहीं दिखा पाए हैं द्क द्कतने लोग हिंिदू धर्म छोड़कर मुसलमान बिन गए हैं और पिछड़े वर्ग ्का लाभ उठा रहे हैं । आयोग ्को लगता है द्क बिंगाल में मदूल हिंदुओं और अनय पिछड़ी जातियों ्के संवैधादन्क अदध्कार छीने जा रहे हैं । राजय सर्कार भी इस तरफ धयान नहीं दे रही है । मामला गंभीर है । इसलिए मुखय सचिव ्को मतांतरित हिंदुओं ्की वंशावली एवं अनय सभी आवश्यक जान्कारी ्के साथ तलबि द्कया गया है । आयोग ्के अधयक् हंसराज अहीर ने दश्कायत ्की थी द्क बिंगाल में मुसलमानों ्को ओबिीसी आरक्ण ्का सारा लाभ मिल रहा है ।
से उठ रही है द्क धमाांतरित ईसाईयों ्को अनुसदूदचत जनजाति आरक्ण ्की सदूची से डीलिस्टंग द्कया जाए । �
tuojh 2024 43