Jan 2024_DA | Page 42

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मतांतरित आदिवासियों को मिल रहे आरक्षण के विरोध में एकजुट हु आ जनजातीय समाज

में आरक्ण ्का लाभ मतांतरित आदिवासियों ्को मिलने झारखणड

वाले आरक्ण ्का मुद्ा गर्माता जा रहा है I राजय में रहने वाला जनजातीय समाज इस मसले पर ए्कजुट हो्कर आर-पार ्की लड़ाई लड़ने ्के लिए तैयार हैं I अवैध मतांतरण और आरक्ण ्को ले्कर ्केंद्र और राजय सर्कार पर संबिंधित ्कानदून बिनाने ्के लिए जनजातीय समाज जलि ही सड़कों पर उतरने ्की तैयारी ्कर रहा हैं I जनजाति सुरक्ा मंच ्के रा्ट्रीय सह संयोज्क राजद्कशोर हांसदा ्का ्कहना है द्क ्रषों से मतांतरित आदिवासी सर्कार ्की ओर से मिलने वाले दोहरा लाभ उठा रहे हैं , जबिद्क जो वासत् में लाभ ्के पात् हैं , वह दर-दर भट्क रहे हैं I
राजय ्के भ््ट तंत् ्के ्कारण सर्कारी नौ्करियों में भी मतांतरित आदिवासी भरे हुए हैं । षस्दत यह है द्क ए्क तरफ मतांतरित आदिवासी अलपसंख्यकों ्को मिलने वाले लाभ से लाभाषन्त तो हो ही रहे हैं , साथ ही जनजातीय समाज ्को मिलने वाले आरक्ण ्का लाभ भी उठा रहे हैं । यही ्कारण है द्क स्तंत्ता ्के 75 वर्ष बिाद भी जनजातीय समाज ्की षस्दत नहीं बििली है । यही ्कारण है द्क राजय ्के जनजातीय समाज में आकोश बिढ़ता जा रहा है I मदूल जनजातीय समाज में मतांतरित आदिवासियों ्को अवैध रूप से मिल रहे आरक्ण ्के साथ ही चर्च एवं मुषसलम वर्ग द्ारा अवैध रूप ्कराये जाने वाले मतांतरण ्का मुद्ा ए्क बिड़ी समसया ्का रूप ले चु्का है I जनजातीय समाज ्का ्कहना है द्क इन मुद्ों पर राजय सर्कार धयान ही नहीं दे रही है I
राजय सर्कार पर ्कानदून बिनाने ्को िबिाव बिनाने ्के लिए गत 24 दिसंबिर ्को रांची में ए्क लाख से अदध्क जनजातीय समाज ्के लोगों ने मोरहाबिादी मैदान में डीलिस्टंग महारैली ्का आयोजन द्कया और राजय सर्कार पर ्कानदून बिनाने ्का िबिाव डाला । जनजाति सुरक्ा मंच ्की ओर से आयोजित डीलिस्टंग महारैली में सभी वकताओं ने ए्क मत में ्कहा द्क जनजाति समाज से आने वाले लोग , जिसने जनजाति आदिमत तथा विश्ासों ्को छोड़ ईसाई या इसलाम धर्म अपना लिया है , उसे अनुसदूदचत जनजाति ्का सदसय नहीं समझा जाएगा और न ही उसे अनुसदूदचत जनजाति ्का आरक्ण नहीं मिले । मंच ्के रा्ट्रीय संयोज्क पदू्मा मंत्ी गणेशराम भगत ्के अनुसार देश ्की 700 से अदध्क जनजातियों ्के द््कास एवं उन्नति ्के लिये संविधान निर्माताओं ने आरक्ण एवं अनय सुविधाओं ्का प्रावधान द्कया था । लेद्कन इन सुविधाओं ्का लाभ अदध्कतर वह लोग उठा रहे हैं , जो हिन्दू धर्म ्को छोड़्कर ईसाई या मुषसलम बिन गए हैं और यही मतांतरित लोग इन सुविधाओं ्का 80 प्रतिशत लाभ उठा रहे हैं I
मंच ्के रा्ट्रीय सह संयोज्क राजद्कशोर हांसदा ्का ्कहना है द्क सर्कार से हमारी मांग है द्क धर्मानतरित वयषकतयों ्को अनुसदूदचत जनजाति ्का आरक्ण लाभ नहीं मिलना चाहिए । इस मुद्े ्को स्गवीय ्कादतमा्क उरांव ने संयुकत संसदीय समिति ्के समक् रखा था ताद्क जो वयषकत , जिसने जनजाति आदि मत तथा विश्ासों ्का परितयाग ्कर्के ईसाई या इसलाम धर्म अपना
लिया है , उसे अनुसदूदचत जनजाति ्का सदसय नहीं समझा जाएगा I इस मामले में पदू्मा नयायधीश प्र्काश सिंह उई्के ्का ्कहना है द्क डा . भीमराव अंबिेड्कर ने संविधान ्के अनुचछेि-341 में अनुसदूदचत जाति ्के लिए वय्स्ा ्की है द्क जो अनुसदूदचत जाति ्के लोग मुषसलम या ईसाई धर्म ग्हण ्करेंगे , उसे अनुसदूदचत जाति ्का लाभ नहीं मिलेगा । जबि मुषसलम या ईसाई बिनने पर
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