्के ्काम ्करने ्के तरी्के और उसमें मनु्य ्की भदूदम्का ्का वर्णन ्करती हैं । डा . आंबिेड्कर ्का मानना है द्क यह शिक्ाएं बिहुत मदूलय्ान हैं और सभी ्को इन्का पालन ्करना चाहिए । दुनिया में चार सबिसे लो्कदप्रय धर्म बिौद् धर्म , हिंिदू धर्म , ईसाई धर्म और इसलाम हैं । इनमें से प्रत्येक धर्म ्की अलग-अलग ता्कत और ्कमजोरियां हैं ।( मदूलरूप में यह लेख अंग्ेजी में Buddha and the Future of his Religion नाम से यह ्कल्कत्ता ्की महाबिोधि सोसाइटी ्की मादस्क पत्रिका में 1950 में प्र्काशित हुआ था । यह लेख डॉ . अंबिेड्कर राटिंगस एंड सपीचेज ्के खंड 17 ्के भाग- 2 में सं्कदलत है ) डॉ आंबिेड्कर चार धमषों ्के संस्ाप्कों – ईसा मसीह , मुह्मि , हिंिदू धर्म ्के पुरुष और स्यं ्की तुलना ्करते हैं । वह लिखता है द्क इन चारों नेताओं ने खुद ्को ईश्र ्का पुत् घोषित द्कया और इन धमषों ्के अनुयायियों ्को उनहें इस रूप में स्वीकार ्करना चाहिए । इस्के बिाद डा . अंबिेड्कर हिंिदू धर्म ्की बिात ्करते हैं । उन्का ्कहना है द्क हिंिदू धर्म ्के अवतार पुरुष ने ईसा मसीह और मुह्मि से आगे बिढ़्कर खुद ्को ईश्र ्का अवतार यानी गॉड फादर घोषित ्कर दिया है । बिुद् ्की तुलना में , डा . आंबिेड्कर लिखते हैं द्क उन्का ( बिुद् ्का ) ए्क मनु्य ्के रूप में जनम हुआ था और उनहोंने ए्क साधारण वयषकत ्के रूप में अपने धर्म ्का पालन द्कया । उसने ्कभी भी द्कसी अलौद्क्क शषकत ्का दावा नहीं द्कया , और उसने अपनी द्कसी भी अलौद्क्क शषकत ्को सादबित ्करने ्के लिए ्कभी ्कोई चमत्कार नहीं दिखाया । बिुद् ने स्यं और मुषकत ्का मार्ग प्रदान ्करने वाले वयषकत ्के बिीच सप्ट अंतर द्कया ।
बिद्री नारायण ्कहते हैं द्क इसलाम ्कबिदूल ्करने से पहले डा . अंबिेड्कर ने इसलाम ्का बिहुत गहराई से अधययन द्कया था । वह ्कई बिुराइयों ्के खिलाफ थे जिनसे इसलाम ्को जोड़ा जा स्कता है , जैसे द्क इस्के नाम पर ्की जाने वाली राजनीति , जिस तरह से महिलाओं ्के साथ वय्हार द्कया जाता है , और बिहुविवाह ्की प्रथा । दिलली विश्द्द्ालय ्के प्रोफेसर श्सुल इसलाम इससे सहमत हैं , और ्कहते हैं द्क आंबिेड्कर
इसलाम में महिलाओं ्की षस्दत ्के बिारे में भी चिंतित थे । बिद्री नारायण ्का ्कहना है द्क डा . आंबिेड्कर ्को बिहुविवाह पसंद नहीं था कयोंद्क यह ए्क ऐसी परंपरा है जो महिलाओं ्को चोट पहुंचाती है । उन्का यह भी मानना था द्क कयोंद्क मुषसलम देशों में दलितों ्के साथ बिुरा वय्हार द्कया जाता है , इसलिए इसलाम में परिवर्तित होने से उनहें जयािा मदद नहीं मिलेगी । आजादी ्के बिाद , पाद्कसतान में ्कई दलित इसलाम में परिवर्तित हो गए कयोंद्क उनहें लगा द्क इससे उनहें समान अदध्कार प्रापत ्करने में मदद मिलेगी । आंबिेड्कर ्को नहीं लगता था द्क यह ए्क अचछा विचार है और वह नहीं चाहते थे द्क दलित सबिसे पहले इसलाम अपनाएं ।
भारतीय संविधान सभी नागरर्कों ्को समान अदध्कार ्की गारंटी देता है । भारतीय संविधान
्के भाग 3 में अनुचछेि 12 से 35 त्क मौदल्क अदध्कारों ्की सदूची है । ये अदध्कार महत्पदूणमा हैं , कयोंद्क ये भारत में लोगों ्के अदध्कारों ्की रक्ा ्करते हैं । भारतीय संविधान ्के अनुचछेि 14 में ्कहा गया है द्क ्कानदून ्के तहत सभी ्को समान वय्हार ्का अदध्कार है । इस्का मतलबि यह है द्क द्कसी ्के साथ भेदभाव नहीं द्कया जा स्कता है या उन्के अदध्कारों से इन्कार नहीं द्कया जा स्कता है कयोंद्क वे अनय लोगों से अलग हैं । विशेष रूप से , यह उन लोगों ्के अदध्कारों ्की रक्ा ्करता है जो गरीबि हैं या ्कम पढ़े-लिखे हैं , या जो महिलाएं या बिच्चे हैं । इसे “ शैक्षिक और सामादज्क रूप से ्कमजोर ्गषों ्का पक् ” प्रावधान ्कहा जाता है ।
इस्का अर्थ है द्क भारतीय ्कानदून विशेष रूप से इन समदूहों ्की सहायता ्के लिए बिनाए जा
स्कते हैं । यह ्कानदून पदूरी तरह से संवैधादन्क और मानय होंगे । संविधान ्के अनुचछेि 15 और 16 सामादज्क और शैक्षिक समानता ्के मुद्े से संबिंधित हैं । इस्का मतलबि यह है द्क संविधान मानता है द्क लोगों ्के ्कुछ समदूह ऐसे हैं जो िदूसरों ्की तुलना में वंचित हैं । यह इन समदूहों ्को जीवन में समान अवसर प्रापत ्करने में मदद ्करने ्के लिए द्कया जाता है । अनुचछेि 15 यह है द्क हमारे समाज में धर्म , नसल , जाति , लिंग या जनम स्ान ्के आधार पर ्कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए ।
संविधान ्के अनुचछेि 16 में , सर्कार गारंटी देती है द्क सभी लोगों ्को रोजगार ्के समान अवसरों ्का अदध्कार है । इस्का मतलबि यह है द्क हर द्कसी ्को , उन्की नसल , लिंग या रा्ट्रीय मदूल ्की परवाह द्कए दबिना , ्काम पर रखने ,
संविधान के अनुच्ेद 16 में , सरकार गारंटी देती है कि सभी लोगों को रोजगार के समान अवसरों का अधिकार है । इसका मतलब यह है कि हर किसी को , उनकी नस्ल , लिंग या राष्ट्ीय मूल की परवाह किए बिना , काम पर रखने , पदोन्नत करने और उचित भुगतान करने का समान मौका मिलता है ।
पदोन्नत ्करने और उचित भुगतान ्करने ्का समान मौ्का मिलता है । भारत शेष विश् ्के लिए ए्क प्रेर्क उदाहरण है । इस्का इतिहास अनय देशों ्के लिए ए्क आदर्श है और दुनिया भर ्के लोग अनुसरण ्करने ्के लिए भारत ्को ए्क उदाहरण ्के रूप में देखते हैं । सं्कट ्के समय में भारत हमेशा िदूसरे देशों ्का सम्मा्क रहा है और ्कोरोना महामारी ्को ले्कर अपनी चिंता वयकत ्कर इस परंपरा ्को जारी रखे हुए है । बिाबिा साहबि ्के समानता ए्कता ्के सपने ्को ले ्कर , उन्का चिंतन था द्क भारत प्रभुता स्पन्न गौरवशाली रा्ट्र बिने . दबिना द्कसी भेदभाव ्के वसुधैव ्कुटु्बि्कम ्की भावना पर यह नया भारत चल रहा है । पदूरी दुनिया ्का पथ-प्रिशमा्क ्करने वाला रा्ट्र बिने । जिस पर भारत शनै : -शनै : चल रहा है । �
tuojh 2024 25