नयायालय में भगवान श्रीराम ्के ्काल्पनिक होने सम्बनधी दावे भी द्कए गए और हिन्दू आस्ा पर ्कई प्रश्नचिनह लगाए गए । पर ्कांग्ेस ्की योजना पदूरी तरफ असफल हो गई । उच्चतम नयायालय ्के तत्कालीन मुखय नयायाधीश रंजन गोगोई ्के नेतृत् वाली पांच सदसयीय पीठ में नयायमदूदतमा एस . ए . बिोबिडे , नयायमदूदतमा डी . वाई . चंद्रचदूण , नयायमदूदतमा अशो्क भदूरण एवं नयायमदूदतमा एस अ्िुल नजीर ने जनमभदूदम मामले ्की लगातार चालीस दिन त्क सुनवाई ्करने ्के बिाद हिन्दू पक् ्के दावे ्को सही पाया । इस्के बिाद जनमभदूदम परिसर हिनिुओं ्को सौंपने ्का ऐतिहादस्क निर्णय सुना दिया ।
आस्ा और श्द्ा की हुई जीत
उच्चतम नयायालय ने जबि अपना निर्णय
सुनाया तो यह वह क्ण था , जिस्के लिए हिन्दू समाज ने सदियों त्क इंतजार द्कया , यह वह क्ण भी था जिस्के लिए लगभग 160 वर्ष त्क क़ानदूनी लड़ाई लड़ी गई , यह वह क्ण भी था जिस्के लिए हजारों हिनिुओं ने अपना बिदलिान दिया । और फिर प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने 5 अगसत 2020 ्को अभिजीत मुहदूतमा में श्रीराम जनमभदूदम में भवय श्रीराम मंदिर ्के निर्माण ्के लिए भदूदम पदूजन ्करने ्के साथ ही शिलानयास द्कया , जिस्के बिाद मंदिर निर्माण ्का ्काम प्रार्भ हुआ । सदियों त्क हुए संघर्ष ्के बिाद हिन्दू समाज अपने आराधय भगवान श्रीराम ्के मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ा समारोह ्का इंतजार बिेसब्री से हर पल ्कर रहा था ।
22 जनवरी ्को अयोधया में भवय श्रीरामलला
मंदिर में प्राण प्रतिष्ा समारोह ्को देख्कर पदूरा विश् आशचयमा में था , तो सनातन हिन्दू समाज भषकत , खुशी और उतसाह में झदूम रहा था । प्राण प्रतिष्ा समारोह ्को देखने ्के लिए सुबिह से लोगों अपने-अपने घरों में टीवी ्के सामने बिैठ गए थे । देश ही नहीं , विदेशों में मौजदूि मंदिरों में भकतों ्की भीड़ जुटने लगी थी । हर ्कोई भगवान श्रीराम ्की भषकत में राममय हो गया था । रात में घरों ्के बिाहर जलाए गए दीप्क नई रौशनी और नए उतसाह ्का संचार ्कर रहे थेI पदूरे देश में पटाखों ्की गदूंज सुनाई दे रही थी और ऐसा लग रहा था द्क वासत् में दीपावली तो आज है । यह युग परिवर्तन ्का सं्केत भी माना जा स्कता है कयोंद्क पांच सदी बिाद भगवान श्रीराम पुनः अयोधया में भवयता ्के साथ विराजमान हुए हैं । �
tuojh 2024 13