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स्तंत्ता प्रादति के पश्ात जनजातीय विकास
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तंत्ता प्ामपत के बाद सरकार ने आदिवासरी विकास करी ओर प्ाथमिकता के आधार ्पर का्य्भ करने करी नरीकत अ्पनाई । संविधान निर्मात्री सभा ने अ्पने उद्ेश्यों को व्यकत करते हुए कहा कि कमजोर व क्पछड़े हुए वगगों को विकास के विशेष अवसर प्दान किए जाएँ ताकि ्ये वर्ग देश करी मुख्य धारा में अ्पने आ्पको समाहित कर सकें तथा इनकरी जरीवन ्पद्धति कम से कम औसत ग्रामरीर सतर तक ्पहुँच जाए । सवतंत्ता प्ामपत के ्पशिात जनजातरी्य विकास हेतु देश में किए गए प्रयासों को अध्य्यन करी सुगमता करी दृष्टि से तरीन भागों में विभाजित कक्या जा सकता है-
रषिातमक व्यवसथा : रषिातमक व्यवसथा संवैधानिक प्ावधान आदिवासरी समाजों को अन्य समाजों करी अ्पेषिा विशेष सुरषिा प्दान करते हैं । ्ये निम्नलिखित हैं
• अनुचछेद 15 में अनुसूचित जनजाकत्यों के साथ किसरी ररी प्कार के भेदभाव को वर्जित कक्या ग्या है । इसरी के खणड 4 के अंतर्गत अनुसूचित जाति , जनजाति एवं क्पछड़े वगगों के विकास के लिए विशेष व्यवसथा का प्ावधान है ।
• अनुचछेद 16 में दरी गई अवसर करी समानता के बावजूद इसरी के खणड 4 के द्ारा राज्य क्पछड़े एवं कमजोर तबकों के लोगों के लिए नौकरर्यों में आरषिर करी व्यवसथा लागू कर सकता है ।
• अनुचछेद 23 के द्ारा बेगार प्था तथा बािश्म को प्कतबंधित कक्या ग्या है । बाद में संसद द्ारा 1976 में कानून बनाकर बंधुआ मजदूररी को प्कतबंधित कर कद्या ग्या है ।
• अनुचछेद 29 आदिवासरी समुदा्य को अ्पनरी भाषा बोिरी तथा संस्कृति को सुरकषित रखने का अधिकार प्दान करता है ।
• अनुचछेद 46 आदिवाकस्यों के शैषिकरक एवं आर्थिक हितों करी सुरषिा हेतु राज्य से विशेष व्यवसथा का आग्रह करता है ।
• अनुचछेद 164 बिहार , उड़रीसा , छत्तरीसगढ़ तथा मध्य प्देश राज्यों में आदिवाकस्यों के हितो
तथा कल्याण करी देख-रेख के लिए एक जनजातरी्य कल्याण मंत्री करी कन्युमकत का प्ावधान करता है ।
• अनुचछेद 275 को आधार बनाकर केंद्र सरकार राज्यों को जनजातरी्य कल्याण एवं विकास कार्यों के कक्र्यान्वयन हेतु विशेष धनराशरी प्दान करतरी है ।
• अनुचछेद 330 , 332 तथा 334 के द्ारा
48 tuojh 2023