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बारहवीं सदी के पहले और बाद में हिन्ू समाज का ताना-बाना
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रतरी्य राजनरीकत में वोट बैंक बनाने और उसके माध्यम से सत्ता प्ापत करने करने करी ्परम्परा सवतंत्ता प्ामपत से ्पहले से है । अंग्रेजों ने एक ओर हिनदू समाज को बिखेर कर दलित ओर मुमसिम वर्ग का उ्प्योग कक्या तो सवतंत्ता के उ्परांत उसरी फार्मूले को लेकर कांग्रेस ने ररी भारतरी्य राजनरीकत का श्रीगणेश कक्या । भारतरी्य राजनरीकत करी एक विशेषता है कि ्यहां मतदाता दो भाग में बंटा हुआ हैI ्पहले भाग को वोट बैंक कहा जाता है ओर दूसरे भाग करी ्पहचान सत्ता ्या सरकार बनाने वाला मतदाता वर्ग के रू्प में होतरी है , जोकि वहां सवतः दिखाई देता है । भारतरी्य राजनरीकत में मतदाता श्रेणियों के मध्यम से शह- मात का खेल चलता है ।
सवतंत्ता के ्पहले दलित औऱ मुमसिम वोट बैंक , कांग्रेस के साथ था तो ि्बे सम्य तक कांग्रेस सत्ता में रहरी । सव्भप्थम क्पछड़ा वर्ग समाजवादरी आंदोलनकारर्यों के कारण कांग्रेस से अलग हुआ तो कांग्रेस करी सत्ता डगमगाने लगरी । ऐसरी हालत में कांग्रेस ने वाम्पंथरी दलों के साथ गठबंधन करके अ्पनरी सत्ता को बचा्या । जब दलित कांग्रेस से अलग हुआ था तो कांग्रेस करी सत्ता हरी समापत हो ग्यरी । भाज्पा के साथ जब बकन्या वर्ग के साथ क्पछड़ा वर्ग औऱ आंशिक रू्प से दलित वर्ग जुड़ा तो भाज्पा करी गठबंधन सरकार उभर कर सामने आ्यरी । जब भाज्पा के साथ ्पूर्ण रू्प से क्पछड़ा औऱ दलित वर्ग जुड़ ग्या तो भाज्पा ने ्पूर्ण बहुमत करी सरकार बनाई । इसलिए भारतरी्य राजनरीकत में वोट बैंक के साथ सहमत करी राजनरीकत का समरीकरण सम्य-सम्य ्पर बनता औऱ बिगड़ता रहता है ।
भारतरी्य राजनरीकत के इस आ्याम्पर ्पहुंचने
में जातिगत आधार ्पर जिन समरीकरणों करी भूमिका होतरी है , उसमें हिनदू समाज करी जाकत्यों करी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है । भारत के अलावा संसार के किसरी ररी देश में जाति व्यवसथा नहीं है । ऐसे में जाति औऱ जाति व्यवसथा को समझना आवश्यक है । ्यकद जाति के सनदर्भ में भारतरी्य प्राचीन औऱ अब तक के ग्रंथों का अध्य्यन कक्या जा्ये तो बहुत से तथ्य उभर कर सामने आते हैं । वर्तमान भारत सरकार के गजट के अनुसार हिनदू समाज में 6500 जाकत्यां औऱ लगभग ्पिास हजार से अधिक उ्पजाकत्यां हैं । केवल
एक ब्ाह्मण जाति में एक हजार आठ उ्पजाकत्यां हैं । इसरी तरह षिकत््य जाति में बारह सौ ्पैसठ जाकत्यां हैं । इसरी प्कार केवल चमार जाति में चार सौ इकहत्तर उ्पजाकत्यां हैं । खटिक जाति में 1871 उ्पजाकत्यां हैं । हिनदू समाज करी बाल्मीकि जाति में 623 उ्पजाकत्यां हैं ्यानरी हम कह सकते हैं कि मटर के दाने करी तरह जातरी्य औऱ उ्पजाकत्यां हैं । इस तरह से हिनदू समाज में सम्य-सम्य ्पर जाकत्यों के गठजोड़ से नए-नए समरीकरण उभरते हैं । भारतरी्य राजनरीकत में षिेत्री्य राजनरीकतक दलों करी बुकन्याद इन्ही
30 tuojh 2023