Jan 2023_DA | Page 22

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्यात्ा का समा्पन कक्या । जब लाखों लोगों ने उनका सवागत कक्या ।
1991-1992 मे जब भारतरी्य जनता ्पाटटी मणडि कमरीशन , रामजनम भूमि विवाद मे उलझ रहरी थरी , तररी काशरीराम ने विरोध के बावजूद मुला्यम के साथ गठजोड़ कक्या , जिसमे जाटव , ्यादव , मुमसिम गठजोड़ अगले 6 माह बाद हुए चुनाव मे सत्ता मे आने मे सफल हुऐ और भारतरी्य जनता ्पाटटी को बाहर का रासता दिखा कद्या । काशरीराम मानते थे
कि जितने अधिक चुनाव होगे सदन मे दलित सदस्यों कि संख्या बढतरी जाएगरी और ्यह सूत् सफल ररी हुआ । काशरीराम ने केनद्र करी वरी . ्परी . सिह सरकार ्पर दवाब बना्या और मणडि कमरीशन करी सिफारिशे लागू करवाने मे सफल हुए , जिससे अन्य क्पछड़री जाकत्यों को 27 प्कतशत आरषिर मिला । उत्तर प्देश मे क्पछड़े वर्ग का आर्थिक , सामाजिक , राजनैतिक विकास , दलितों के साथ-साथ हरी हुआ ।
्यह काशरीराम जरी के प्रयासों का हरी ्परिणाम
था , कि उत्तर भारत मे दलितों सर उठाकर स्मान से जिने का अवसर हासिल कर ्पा्ये , उनहोने कहा करी दलित जाति नहरी वर्ग है । उनहोंने ्यह ररी सनदेश कद्या कि ‘‘ दलितो को सत्ता मे आना हरी होगा ‘‘ । अररी तक दलित आंदोलन राष्ट्री्य सतर ्पर छा्या नहरी है इसके मुख्य कारण है कि जो ररी दलित नेता हुए है , उनका जनाधार केवल अ्पने राज्यों तक हरी सरीकमत रह ग्या है , जैसे महाराष्ट् में श्री रामदास अठावले , बिहार मे श्री रामविलास ्पासवान , उत्तर प्देश में मेडम मा्यावतरी आदि । अररी तक डॉ . आंबेडकर जैसे सर्वमान्य दलित नेता करी कमरी खल रहरी है । इसरी को ्पूरा करने करी कोशिश करते करते मान्यवर काशरीराम जरी चले ग्ये और उनके इस मिशन को मा्यावतरी ्पूरा करने का प्रयास कर रहरी है , वो कहा तक सफल होगरी वहरी दलित आंदोलन का रकवष््य त्य करेगा ।
आज वर्तमान ्परर्पेक््य मे देखा जा्ये तो चाहे ज्योतिबा फूले हो , शाहूजरी महाराज , नारा्यर गुरू , अन्य कोई दलित नेता , मसथकत बहुत अधिक सफल क्यो नहरी है । डॉ . आंबेडकर हरी ऐसा का्य्भ करने मे सफल क्यो हुए , जो व्यवसथा क्पछले 3000 साल से चल रहरी है उनहोने उसे अ्पने 30 साल के राजनैतिक जरीवन मे बदल कद्या , उसरी का ्परिणाम है कि आज हम सिर उठाकर जरी रहे है , इसके क्पछे सबसे बड़ा कारण , डॉ . आंबेडकर का कानून के बहुत बड़े विद्धान होना है , अन्य ्पूर्व दलित नेता सफल क्यो नहरी हुए है क् ्योंकिवे कानून के बहुत बड़े विद्धान नहरी थे ।
आज ररी हमाररी वर्तमान मसथकत मे जो ्परेशानरी है , जिसमे हमारे अधिकारों का हनन होता है , इसके लिए डॉ . आंबेडकर जैसे कानून के बेहतररीन विद्धान लोगो करी समाज को आवश्यकता है , जिसके लिए हमे अ्पने बच्ो को एडवोकेट , मकजसट्ेट , जज बनाना होगा ना कि डॉकटर , इंकजकन्यर , आई . ए . एस . क्योकि कानून का विद्धान हरी आ्पके इन अधिकारो करी रषिा कर सकता है और डॉ . आंबेडकर के इस कारवा को आगे बढा सकता है । �
22 tuojh 2023