Jan 2023_DA | Page 20

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दलित समाज को चाहिए डॉ आं बेडकर जैसा विद्ान नेता

कुशालचन्द्र रैगर

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वीं शताब्दी के प्ारम्‍भ में दलित आंदोलन कि शुरूआत हिनदुओ के ररीतर हरी हुई , जिसमे छुआछुत , मंदिरो मे जाना आदि समस्याओ के निराकरण सवरू्प इसका प्ार्र हुआ । 20 वीं शताब्दी के प्ार्र मे दलित आंदोलन कि शुरूआत महाराष्ट् मे हुई जिसमे विधान मंडल मे हिससेदाररी , ्पृथक निर्वाचन ्योजनाओ मे हिससे करी मांग करी गई । इसरी दौरान एक ्युवा बेरिसटर डॉ . ररीमराव आंबेडकर का उद्य हुआ , जिनहोने अंग्रेजरी सरकार के सामने दलितों करी समस्याओं को प्मुखता से रखा , नतरीजा अंग्रेजो द्ारा सा्प्दा्यक ्पंचाट के द्ारा दलितों को ्पृथक निर्वाचन तथा दो वोट का अधिकार प्दान कक्या ग्या , नतरीजा गॉधरीजरी ने खुलकर इसका विरोध कक्या और ्पूना करी जेल मे इसके विरूद्ध अनशन कक्या , जिसका प्राव डॉ आंबेडकर को मजबूरन ्पूना ्पेकट समझौता करना ्पडा , जिसके तहत सा्प्दाक्यक ्पंचाट के द्ारा दलितों को मिले अधिकार से हाथ धोना ्पड़ा और आरषिर कि व्यवसथा करी गई । ्यह आरषिर सवरवो व दलितों के बरीि हुऐ ्पूना ्पेकट समझौते का ्परिणाम था । डॉ अ्बेडकर के प्रयासो के कारण आजादरी करी िड़ाई के दौरान हरी दलित एजेणडे को राष्ट्री्य एजेणडे मे शामिल कर लि्या ग्या ।
1947 मे देश को आजादरी कमिरी , एक सवतंत् न्ये देश को चलाने के लिए , एक न्ये संविधान करी आवश्यकता महसुस करी गई , न्ये संविधान बनाने के लिए प्कतरावान कानूनविद्ध , अर्थशासत्री , समाजशासत्री , दार्शनिक , के तोर ्पर डॉ . आंबेडकर के समतुल्य गॉधरीजरी और
जवाहरलाल नेहरू को ्योग्य व्यमकत नजर नहरी आ रहा था , मजबूरन उनहोने डॉ . आंबेडकर को भारत का प्थम कानून मंत्री बना्या , तथा संविधान बनाने करी कज्मेदाररी दरी ।
डॉ . आंबेडकर ने सवतंत्ता के बाद दलित आंदोलन को एक नई दिशा देने का प्रयास कक्या और सम्पूर्ण भारत मे एक सर्वमान्य नेता के रू्प मे स्थापित हुऐ , जिसके कमवो का फल हम आज तक उठा रहे है और हमारा राजनैतिक व सामाजिक उतथान तरीव्र गति से स्रव हो ्पा्या । डॉ . आंबेडकर दलित को राजनैतिक तोर ्पर
स्थापित करना चाहते है इसलिए वे एक राजनैतिक ्पाटटी बनाना चाहते थे , उनहोने रिपब्लिक ्पाटटी ऑफ इण्डिया के लिए संविधान बना्या लेकिन ्यह ्पाटटी उनके मरने के बाद हरी स्थापित हो सकरी । प्ार्र मे ्पाटटी को महाराष्ट् मे अच्छी सफलता कमिरी लेकिन 1962 मे ्यह ्पाटटी कम्युनिसटो के प्राव मे आ गई , नतरीजा इसमे कई बड़े नेता ्पाटटी छोड़कर चले ग्ये । इसके बाद कई नेताओं ने इसे वा्पस सशकत ्पाटटी बनाने का प्रयास कक्या , लेकिन वे सफल नहरी हुए ।
20 tuojh 2023