पुकरराज कहा जाता है। पुकर की गणना पंचतीथ व
पंच सरोवर म की जाती है। पुकर सरोवर तीन ह
येठ (धान) पुकर: ाजी
मय (बूढ़ा) पुकर: भगवान िवण
किनक पुकर: देवता !
वराह मंिदर िजसपर जलता दीप
िद&ली तक िदखता था
भगवान ा क 14व! सदी म बने मंिदर से भी अगर
कोई (ाचीन मंिदर है तो वह है वराह मंिदर। इस मंिदर को
12व! शता+दी म राजा अ,ाजी चौहान ने बनवाया था।
मंिदर लगभग 900 साल पुराना है। यह मंिदर भगवान
िवणु क तीसरे अवतार वराह को
समिप3त है। करीब 30 फ7ट ऊ;चा यह मंिदर, चौड़ी सीिढ़य
और िकले जैसे (वेश @ार की वजह से आकष3ण का कCD
है। मंिदर का वत3मान EवFप 1727 का है। बताया जाता ह
िक कभी इस मंिदर का िशखर 125 फीट ऊ;चा था, िजस
पर साेने का दीपक जलता था, जो िदJली तक िदखाई
देता था। इस दीपक म एक मन घी जलने की Mमता थी।
यह मंिदर पुकर क पाराशर ाण की आEथा का कCD
िबंदु है। इसक पीछO की भी बड़ी िदलचEप कहानी है। धम
Qंथ क मुतािबक, भगवान िवणु ने तीसरा अवतार वराह
Fप म िलया था। पुरातन समय म दैRय िहरSयाM ने जब
पृUवी को समुD म ले जाकर िछपा िदया, तब भगवान
वराह ने पृUवी को न िसफV ढXYढा
बZJक उस राMस का वध
भी िकया। इितहासकार
क मुतािबक, 1806 म
मुह^मद गौरी ने जब
अजमेर फतह
िकया तो इस मंिदर को नट करवा िदया था लेिकन 1809
म िसंिधया राज क (शासक गोक7ल चंद पारीक ने इस
मंिदर का पुनिन3माण करवाया था।
दुिनया का सबसे बड़ा ऊ-ट मेला
अ_टXबर और नवंबर क महीने म पुकर की िफजा` म
घुले नए रंग का अहसास होता है। यह रंग खुिशय का है,
बेिफaी है, गोधुली म मुम हो जाते है और अलग-अलग
संEकcितय को महसूस करने का है। यही वजह है िक पुकर
क इस पशु मेले का देश ही नह! िवदेश म भी पय3टक को
इंतजार रहता है। पय3टक क अलावा फोटोQाफस3 भी इस
उRसव क अलग-अलग रंग को अपने कeमरे म कeद करन
क िलए बेसी से इंतजार रहते ह। इस साल 15 से 23
नवंबर तक चलने वाले इस फZEटवल म आपको ऊ;ट की
दौड़ से लेकर सबसे लंबी मूंछ, मटकी फोड़ और ाइडल
कॉ^पटीशन जैसी अलग-अलग रोचक और रोमांचकारी
चीज देखने को िमलगी। िकसी समय पर पशु` क बाजार
क Fप म शुF हुआ यह मेला अब पूण3 Fप से एक उRसव
का Fप ले चुका है। इस मेले म रंग-िबरंगी पगड़ी पहन
आमजन, सजे हुए ऊ;ट, रEसाकशी करती मिहलाएं और
मेले का आनंद लेते सैलानी आसानी से िमल जाएंगे, जो
राजEथान क असली रंग को अपनी आंख म कeद कर
बेहद खुश नजर आते ह। इसक अलावा इस मेले म हॉट
एयर बलून से लेकर कeमल और हॉस3 राइिडYग का भी मजा
िलया जा सकता है।
/ी रमा वैक12ठ मंिदर पर शान स
लहराता 4विण5म गण वज
पुकर म ा जी क मंिदर क बाद अगर िकसी और
मंिदर का िवशेष महRव है तो वह है राम वैक7Sठ मंिदर।
इसे रंगा जी का मंिदर भी कहा जाता है। यह मंिदर लगभग
20 बीघा Mेiफल म फeला हुआ है। मंिदर क (वेश @ार पर
ही आपको आकष3क िचiकारी का बेजोड़ नमूना देखन
को िमल जाएगा। मंिदर क गोपुरम पर 350 से अिधक
देवता` क िचCह बने ह। यह गोपुरम दिMण भारतीय
EथापRय कला शैली का शानदार उदाहरण पेश करता है।
मंिदर क आंगन म ही एक Eविण3म गjड़ kवज लहराता
नजर आता है। मंिदर क पास अिभमुख गjड़ मंिदर
Eथािपत है। इसकी मुlय (ितमा वकटOश भगवान िवण
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November, 2018