Grasshopper November, 2018 | Page 14

पुकरराज कहा जाता है। पुकर की गणना पंचतीथ व पंच सरोवर म की जाती है। पुकर सरोवर तीन ह येठ (धान) पुकर: ाजी मय (बूढ़ा) पुकर: भगवान िवण किनक पुकर: देवता ! वराह मंिदर िजसपर जलता दीप िद&ली तक िदखता था भगवान ा क 14व! सदी म बने मंिदर से भी अगर कोई (ाचीन मंिदर है तो वह है वराह मंिदर। इस मंिदर को 12व! शता+दी म राजा अ,ाजी चौहान ने बनवाया था। मंिदर लगभग 900 साल पुराना है। यह मंिदर भगवान िवणु क तीसरे अवतार वराह को समिप3त है। करीब 30 फ7ट ऊ;चा यह मंिदर, चौड़ी सीिढ़य और िकले जैसे (वेश @ार की वजह से आकष3ण का कCD है। मंिदर का वत3मान EवFप 1727 का है। बताया जाता ह िक कभी इस मंिदर का िशखर 125 फीट ऊ;चा था, िजस पर साेने का दीपक जलता था, जो िदJली तक िदखाई देता था। इस दीपक म एक मन घी जलने की Mमता थी। यह मंिदर पुकर क पाराशर ाण की आEथा का कCD िबंदु है। इसक पीछO की भी बड़ी िदलचEप कहानी है। धम Qंथ क मुतािबक, भगवान िवणु ने तीसरा अवतार वराह Fप म िलया था। पुरातन समय म दैRय िहरSयाM ने जब पृUवी को समुD म ले जाकर िछपा िदया, तब भगवान वराह ने पृUवी को न िसफV ढXYढा बZJक उस राMस का वध भी िकया। इितहासकार क मुतािबक, 1806 म मुह^मद गौरी ने जब अजमेर फतह िकया तो इस मंिदर को नट करवा िदया था लेिकन 1809 म िसंिधया राज क (शासक गोक7ल चंद पारीक ने इस मंिदर का पुनिन3माण करवाया था। दुिनया का सबसे बड़ा ऊ-ट मेला अ_टXबर और नवंबर क महीने म पुकर की िफजा` म घुले नए रंग का अहसास होता है। यह रंग खुिशय का है, बेिफaी है, गोधुली म मुम हो जाते है और अलग-अलग संEकcितय को महसूस करने का है। यही वजह है िक पुकर क इस पशु मेले का देश ही नह! िवदेश म भी पय3टक को इंतजार रहता है। पय3टक क अलावा फोटोQाफस3 भी इस उRसव क अलग-अलग रंग को अपने कeमरे म कeद करन क िलए बेसी से इंतजार रहते ह। इस साल 15 से 23 नवंबर तक चलने वाले इस फZEटवल म आपको ऊ;ट की दौड़ से लेकर सबसे लंबी मूंछ, मटकी फोड़ और ाइडल कॉ^पटीशन जैसी अलग-अलग रोचक और रोमांचकारी चीज देखने को िमलगी। िकसी समय पर पशु` क बाजार क Fप म शुF हुआ यह मेला अब पूण3 Fप से एक उRसव का Fप ले चुका है। इस मेले म रंग-िबरंगी पगड़ी पहन आमजन, सजे हुए ऊ;ट, रEसाकशी करती मिहलाएं और मेले का आनंद लेते सैलानी आसानी से िमल जाएंगे, जो राजEथान क असली रंग को अपनी आंख म कeद कर बेहद खुश नजर आते ह। इसक अलावा इस मेले म हॉट एयर बलून से लेकर कeमल और हॉस3 राइिडYग का भी मजा िलया जा सकता है। /ी रमा वैक12ठ मंिदर पर शान स लहराता 4विण5म गण वज पुकर म ा जी क मंिदर क बाद अगर िकसी और मंिदर का िवशेष महRव है तो वह है राम वैक7Sठ मंिदर। इसे रंगा जी का मंिदर भी कहा जाता है। यह मंिदर लगभग 20 बीघा Mेiफल म फeला हुआ है। मंिदर क (वेश @ार पर ही आपको आकष3क िचiकारी का बेजोड़ नमूना देखन को िमल जाएगा। मंिदर क गोपुरम पर 350 से अिधक देवता` क िचCह बने ह। यह गोपुरम दिMण भारतीय EथापRय कला शैली का शानदार उदाहरण पेश करता है। मंिदर क आंगन म ही एक Eविण3म गjड़ kवज लहराता नजर आता है। मंिदर क पास अिभमुख गjड़ मंिदर Eथािपत है। इसकी मुlय (ितमा वकटOश भगवान िवण 12 g November, 2018