Grasshopper November, 2018 | Page 13

मुलायम यादव अरावली की पहािड़य से तीन ओर से िघरे राजथान क दय पुकर म एक अलग ही रंग का िहंदुतान बसता है। एक ऐसा िहंदुतान िजसे सैलानी िसफ( देखने नह* ब+,क उसे महसूस करने, जीने और इसकी आ3या+4मकता म ड6ब जाने क िलए आते ह7। आपक िलए ये बेट मौका है पुकर घूमने का, :यिक 15 नवंबर से 23 नवंबर तक यहां पूरी दुिनया म अपनी तरह का इकलौता पुकर मेला लगने जा रहा है। ज हां उछलते हुए ऊ ट दौड़ लगाते ह, जहा राजथानी बांकरे मूंछ पर ताव देते हुए ड#बत सूरज क% धुंधलक% को आंख म* समेट लेत ह और जहां िसर पर रंग-िबरंगा साफा बांंधे िथरकत सैलानी महो1सव को ज2 म* बदल देते ह, उस खूबसूरत नगरी का नाम है पु3कर। 5ृ73ट रचियता, सभी वेद क िनमा;ता, वयंभु और परमिपता <=ा की यह नगरी मन म* उ1साह का नया संचार करती है। यूं तो संपूण; <=ा?ड ही परमिपता का घर है लेिकन पृAवी क% बारे म* कहा जाता है िक यहां एक जगह ऐसी भी है, िजसे भगवान <=ा का पृAवी का घर कहा जाता है, उस जगह का नाम ह तीथ;राज पु3कर। वही पु3कर िजसे िवCव म* एकमाD <=ा मंिदर होने का सौभाEय FाGत है। तो चिलए Hासहॉपर क साथ िदJली से लगभग 414 िकमी और जयपुर से 130 िकलोमीटर दूर बसे इस शहर की खुशबू को समेटने... इसिलए जाएं पु कर नवंबर की नरम धूप म* आप, िजसे सबसे Rयादा एंजॉय कर सकते हS वह है पु3कर म* लगने वाला पशु मेला। इसका िहसा बनने क% िलए देश ही नहT ब7Jक िवदेश से भी लोग आते हS। तीथ;राज पु3कर अपने पु3कर सरोवर से लेकर <=ा मंिदर, वराह मंिदर, गुVWारा िसंह सभा, सािवDी मंिदर, रंग जी मंिदर, पाप मोिचनी मंिदर, 5ी पुंचकड िशव मंिदर, अटभटXCवर महादेव मंिदर, मान महल देखने क% साथ ही एडव*चर डXजटY कZप, [\िक ग, कZिपंग, हॉट एयर बलून राइड और घोड़ की सवारी का आनंद ले सकते हS। तो अगर आप भी आथा क% सरोवर म* अ]या1म की ड^बकी लगाना चाहते हS तो पु3कर का न_शा हाथ म* थाम ल* _यिक यही वह नगरी है जहा उ1सव पूरे उ1साह क% साथ मनाया जाता है। पु कर सरोवर म लगाएं आथा की डबकी अध;च`aाकार बने पु3कर सरोवर का मह1व इसी बात से समझा जा सकता है िक इस सरोवर म* ड^बकी लगाए िबना कोई भी तीथ; याDा पूरी नहT मानी जाती। इसकी चाहत म* देश और दुिनया म* दूर-दूर से लोग यहां आत हS। वाराणसी क% आलावा पु3कर की पावन भूिम वह तीथ नगरी है, िजसक% पिवD सरोवर म* dान करने से मोe FाGत होता है। यही कारण है िक Fाचीनकाल से लोग यहा हर साल काित;क मास म* भगवान <=ा की पूजा अच;ना करने आते हS। कहा जाता है िक भगवान <=ा क% हाथ स एक फfल यहां िगरा था। वहT से इस पावन पु3कर सरोवर की उ1पिg हुई। बावन घाट इस सरोवर की शान म* चार चांद लगाते हS। पु3कर झील राजथान की सबसे बड़ी मीठX पानी की झील है। यहां यािDय क% dान क% िलए गऊघाट, <=घाट एवं वराह घाट म* रोज सुबह और शाम को पु3करराज की आरती होती है। गऊघाट सबसे बड़ा है। यहां F1येक एकादशी को भजन कीत;न होता है। इसी घाट पर िस_ख क% गुV गोिबंद िसंह ने 1762 म* गुV Hंथ सािहब का पाठ िकया था। अगर पु3कर म* सैलािनय क बढ़ते रोमांच का िजm होगा तो राजथान पय;टन िवभान क% िजm क% िबना पूरा नहT होगा _यिक पय;टन िवभाग न ट#nरoस क% मन म* इस नगरी को थािपत करने क% िलए हर संभव Fयास िकए हS। 14व सदी म बना भगवान !ा का एकमा" मंिदर पूरे िवCव म* अगर <=ा मंिदर होने का गौरव िकसी नगर को िमला है तो वह है तीथ;राज पु3कर की पावन भूिम। यह Fाचीन मंिदर जमीन से करीब 50 फीट की ऊ चाई पर 7थत है। संगमरमर से बने इस मंिदर क% गभ;गृह क% ठीक सामने चांदी का कछ^आ बना हुआ है। कछ^ए क% चार तरफ संगमरमर क% फश; पर सैकड़ िस_क% जड़X हS िजनपर दानदाताq क% नाम िलखे हुए हS। इसक% Fवेश Wार क% दाr ओर देवराज इंa और बाr ओर कबेर की मूित; बनी है। मंिदर पर लाल िशखर और हंस (<=ा जी का वाहन) की छिव उक%री गई है, जो भगवान <=ा की चतुमु;खी Fितभा को िदखाता है। इसक% दािहनी ओर सािवDी माता और बाr ओर देवी गायDी का मंिदर बना है। पास म* ही सनकािद की मूित;यां हS। इसक% अलावा एक छोटX से म7`दर म* नारद जी की भी मूित; है। इतना ही नहT इस मंिदर क Fहरी क% vप म* आपको भगवान सूय; की संगमरमर की मूित; भी देखने को िमलेगी। भले ही आप इस मंिदर म* नंग पांव Fवेश कर* लेिकन िदलचप बात यह है िक यहां क Fहरी अथा;त भगवान सूय; जूते पहने नजर आएंगे, जो आपको हैरान कर सकता है। मुwय vप से पु3कर को तीथx का मुख माना जाता है। िजस Fकार से Fयाग को तीथ;राज क% नाम से संबोिधत िकया जाता है, उस तरह इस तीथ; को November, 2018 g 11