मुलायम यादव
अरावली की पहािड़य से तीन ओर से िघरे राजथान क दय पुकर म एक अलग ही रंग का िहंदुतान
बसता है। एक ऐसा िहंदुतान िजसे सैलानी िसफ( देखने नह* ब+,क उसे महसूस करने, जीने और इसकी
आ3या+4मकता म ड6ब जाने क िलए आते ह7। आपक िलए ये बेट मौका है पुकर घूमने का, :यिक 15
नवंबर से 23 नवंबर तक यहां पूरी दुिनया म अपनी तरह का इकलौता पुकर मेला लगने जा रहा है।
ज
हां उछलते हुए ऊ
ट दौड़ लगाते ह, जहा
राजथानी बांकरे मूंछ पर ताव देते हुए ड#बत
सूरज क% धुंधलक% को आंख म* समेट लेत
ह और जहां िसर पर रंग-िबरंगा साफा बांंधे िथरकत
सैलानी महो1सव को ज2 म* बदल देते ह, उस खूबसूरत
नगरी का नाम है पु3कर। 5ृ73ट रचियता, सभी वेद क
िनमा;ता, वयंभु और परमिपता <=ा की यह नगरी मन
म* उ1साह का नया संचार करती है। यूं तो संपूण; <=ा?ड
ही परमिपता का घर है लेिकन पृAवी क% बारे म* कहा जाता
है िक यहां एक जगह ऐसी भी है, िजसे भगवान <=ा
का पृAवी का घर कहा जाता है, उस जगह का नाम ह
तीथ;राज पु3कर। वही पु3कर िजसे िवCव म* एकमाD <=ा
मंिदर होने का सौभाEय FाGत है। तो चिलए Hासहॉपर क
साथ िदJली से लगभग 414 िकमी और जयपुर से 130
िकलोमीटर दूर बसे इस शहर की खुशबू को समेटने...
इसिलए जाएं पुकर
नवंबर की नरम धूप म* आप, िजसे सबसे Rयादा एंजॉय
कर सकते हS वह है पु3कर म* लगने वाला पशु मेला।
इसका िहसा बनने क% िलए देश ही नहT ब7Jक िवदेश
से भी लोग आते हS। तीथ;राज पु3कर अपने पु3कर सरोवर
से लेकर <=ा मंिदर, वराह मंिदर, गुVWारा िसंह सभा,
सािवDी मंिदर, रंग जी मंिदर, पाप मोिचनी मंिदर, 5ी
पुंचकड िशव मंिदर, अटभटXCवर महादेव मंिदर, मान
महल देखने क% साथ ही एडव*चर डXजटY कZप, [\िक
ग,
कZिपंग, हॉट एयर बलून राइड और घोड़ की सवारी का
आनंद ले सकते हS। तो अगर आप भी आथा क% सरोवर
म* अ]या1म की ड^बकी लगाना चाहते हS तो पु3कर का
न_शा हाथ म* थाम ल* _यिक यही वह नगरी है जहा
उ1सव पूरे उ1साह क% साथ मनाया जाता है।
पुकर सरोवर म लगाएं आथा
की डबकी
अध;च`aाकार बने पु3कर सरोवर का मह1व इसी बात
से समझा जा सकता है िक इस सरोवर म* ड^बकी लगाए
िबना कोई भी तीथ; याDा पूरी नहT मानी जाती। इसकी
चाहत म* देश और दुिनया म* दूर-दूर से लोग यहां आत
हS। वाराणसी क% आलावा पु3कर की पावन भूिम वह तीथ
नगरी है, िजसक% पिवD सरोवर म* dान करने से मोe
FाGत होता है। यही कारण है िक Fाचीनकाल से लोग यहा
हर साल काित;क मास म* भगवान <=ा की पूजा अच;ना
करने आते हS। कहा जाता है िक भगवान <=ा क% हाथ स
एक फfल यहां िगरा था। वहT से इस पावन पु3कर सरोवर
की उ1पिg हुई। बावन घाट इस सरोवर की शान म* चार
चांद लगाते हS। पु3कर झील राजथान की सबसे बड़ी
मीठX पानी की झील है। यहां यािDय क% dान क% िलए
गऊघाट, <=घाट एवं वराह घाट म* रोज सुबह और शाम
को पु3करराज की आरती होती है। गऊघाट सबसे बड़ा
है। यहां F1येक एकादशी को भजन कीत;न होता है। इसी
घाट पर िस_ख क% गुV गोिबंद िसंह ने 1762 म* गुV Hंथ
सािहब का पाठ िकया था। अगर पु3कर म* सैलािनय क
बढ़ते रोमांच का िजm होगा तो राजथान पय;टन िवभान
क% िजm क% िबना पूरा नहT होगा _यिक पय;टन िवभाग न
ट#nरoस क% मन म* इस नगरी को थािपत करने क% िलए हर
संभव Fयास िकए हS।
14व सदी म बना भगवान !ा
का एकमा" मंिदर
पूरे िवCव म* अगर <=ा मंिदर होने का गौरव िकसी नगर
को िमला है तो वह है तीथ;राज पु3कर की पावन भूिम।
यह Fाचीन मंिदर जमीन से करीब 50 फीट की ऊ
चाई पर
7थत है। संगमरमर से बने इस मंिदर क% गभ;गृह क% ठीक
सामने चांदी का कछ^आ बना हुआ है। कछ^ए क% चार
तरफ संगमरमर क% फश; पर सैकड़ िस_क% जड़X हS िजनपर
दानदाताq क% नाम िलखे हुए हS। इसक% Fवेश Wार क% दाr
ओर देवराज इंa और बाr ओर कबेर की मूित; बनी है।
मंिदर पर लाल िशखर और हंस (<=ा जी का वाहन)
की छिव उक%री गई है, जो भगवान <=ा की चतुमु;खी
Fितभा को िदखाता है। इसक% दािहनी ओर सािवDी माता
और बाr ओर देवी गायDी का मंिदर बना है। पास म* ही
सनकािद की मूित;यां हS। इसक% अलावा एक छोटX से म7`दर
म* नारद जी की भी मूित; है। इतना ही नहT इस मंिदर क
Fहरी क% vप म* आपको भगवान सूय; की संगमरमर की
मूित; भी देखने को िमलेगी। भले ही आप इस मंिदर म* नंग
पांव Fवेश कर* लेिकन िदलचप बात यह है िक यहां क
Fहरी अथा;त भगवान सूय; जूते पहने नजर आएंगे, जो
आपको हैरान कर सकता है। मुwय vप से पु3कर को तीथx
का मुख माना जाता है। िजस Fकार से Fयाग को तीथ;राज
क% नाम से संबोिधत िकया जाता है, उस तरह इस तीथ; को
November, 2018
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