कवर स्टोरी
जाति को सत्ा हासिल करने का उपकरण बनाया कांग्ेस ने
कांग्रेस का नरेतृतव सदैव सत्ा प्रासपत के षड्ंत्र के तहत जाद्तयदों में बं्टतरे जा रहरे द्हनदू समाज के साथ ही अनय पंथ के लोगदों को एकसाथ लरेकर चलतरे रहरे । लरेद्कन ्वतंत्रता के उपरांत जब सत्ा द्मलनरे का प्रश्न आया तो कांग्रेस और मुस्लम लीग द्ािा द्हनदू समाज को जाद्त और वर्ग ( दद्लत एवं सवर्ण ) के भरेद में बांधनरे का अद्भयान ही प्रांरभ हो गया । नरेहरू-गांधी के अद्भयान का द्जसनरे भी खुल कर द्विोध करनरे का प्रयास द्कया , उसरे द्कनािरे कर द्दया गया , वह चाहरे डा . आंबरेडकर रहरे हदों या सरदार बललभभाई प्टेल या राष्ट्रीय ्वयं सरेवक संघ । यह तो पहलरे सरे तय था द्क ्वतंत्रता के उपरांत दरेश की सत्ा कांग्रेस को द्मलरेगी । पर सत्ा हाद्सल करनरे के बाद कांग्रेस नरेता नरेहरू जी नरे दरेश की द्हनदू जनता को धीिरे-धीिरे जाद्तयदों के आधार पर दरेखनरे की जो शुरुआत की , वह कालांतर में राजनीद्तक रूप सरे दरेश के अंदर एक जद््टल जाद्त वयव्रा में बदल गयी ।
दरेश के अंदर अगर सत्ा स्बनधी रणनीद्त पर राजनीद्तक दलदों , द्वशरेष रूप सरे कांग्रेस , वामपंथी और कुछ क्षेत्रीय दलदों पर अगर दृसष््ट जाए तो कहना अनुद्चत नहीं लगता द्क वषथों सरे एक षड्ंत्र के रूप में द्हनदू समाज को बां्टकर , उसका उपयोग सत्ा हद्रयानरे के द्लए द्कया गया ।
्वतंत्रता के उपरांत कांग्रेसी प्रधानमंत्री नरेहरू नरे अंग्रेजदों के सत्ा अनुभव सरे सबक लरेतरे हुए जाद्त वयव्रा को इस तरह सरे भारत में पुष््ट द्कया द्क जाद्तगत आधार पर दरेश के हर राजय में नए-नए संगठन खड़े होतरे चलरे गए । इन जाद्त आधारित संगठनदों के कद्रत नरेताओं का लक्य अपनी जाद्त का स्पूण्थ द्वकास और कलयाण कभी नहीं रहा और वो केवल कांग्रेस की कठपुतली बनकर सत्ा की मलाई चा्टतरे हुए बस स्वहित में ही लगरे रहरे । नरेहरू जी नरे जाद्त को सत्ा सरे द्जस तरह जोड़ द्दया था , उस रणनीद्त का अनुसरण नरेहरू जी के बाद श्ीमती
इंद्दिा गांधी नरे भी द्कया । आद्खि कया कारण है द्क वषथों तक ‘ गरीबी ह्टाओ ’ का नारा दरेनरे के बावजूद दरेश सरे गरीबी क्यों नहीं समापत हुई ? आद्खि कया वजह रही द्क संवैधाद्नक रूप सरे आिक्ण की सुद्वधा द्मलनरे के बावजूद आज भी दरेश का दद्लत समाज ्वयं को अभावग््त महसूस करता है ? वह कौन सरे कारण हैं , द्जनकी वजह सरे दद्लतदों और जाद्तगत द्हतदों के द्लए जो नरेता सामनरे आयरे , वह अपनरे समाज का स्पूण्थ द्वकास करनरे में असफल द्सद्ध हुए ?
्वतंत्रता के बाद सरे कांग्रेस नरे ्वयं को सत्ा के केंरि में रखनरे के द्लए द्हनदू समाज को जहां उच्-द्नम्न जाद्तयदों में बां्ट द्दया , वहीं द्वद्भन्न पंरदों एवं महजब की कट्टरता के आधार पर गैर द्हनदू जनता को बां्ट कर कांग्रेस दद्लत , मुस्लमदों और ईसाई समूह की मसीहा भी बन गयी । कांग्रेस की द्हनदू द्विोधी रणनीद्त में द्सफ्क धर्म एवं संस्कृद्त के कट्टर द्विोधी वामदलदों नरे उनका भरपूर साथ द्दया । परिणाम्वरुप दरेश के हर राजय में यानी उत्ि सरे दक्षिण तक और पूरब सरे पसशचम राज्यों तक जाद्तगत मसीहा बनकर सत्ा का सुख लरेनरे वालरे द्वद्भन्न राजनरेता , राजनीद्तक दल एवं संघठन का एक ऐसा जमावड़ा लग गया , द्जसनरे जाद्त-पांद्त , पंथ , तुसष््टकरण , क्षेत्रवाद एवं परिवारवाद के मुद्दे सरे दरेश को बाहर
द्नकलनरे नहीं द्दया । दद्लतदों के उतरान के नाम पर राजनीद्तक दलदों नरे दद्लतदों का इस कदर शोषण द्कया द्क वह आज भी स्पूण्थ दद्लत वर्ग के अद्धकािदों के द्लए लड़ रहरे हैं , पर उनके अद्धकार आज भी पूरी तरह उनहें नहीं द्मल सके हैं ।
मुसस्म हितों के लिए दलितों को भ्रमित किया कांग्ेस ने
्वतंत्रता के बाद दरेश में पहली सरकार कांग्रेस की बनी और सत्ा चलानरे का उत्िदाद्यतव जवाहरलाल नरेहरू जी नरे द्लया । कांग्रेस के नरेता के रूप में उन्होंनरे दद्लतदों की सभी सम्याओं का समाधान करनरे का दावा द्कया और उनका उपयोग वो्ट लरेनरे के द्लए करतरे रहरे । कांग्रेस , वामपंद्रयदों और मुस्लमदों की चुनावी और सत्ा स्बनधी रणनीद्त पर अगर धयान द्दया जाए तो कहना अनुद्चत नहीं होगा द्क वषथों सरे एक षड्ंत्र के तहत दरेश की द्हनदू जनता को बां्टा गया और उसका उपयोग सत्ा हद्रयानरे के द्लए द्कया जाता रहा ।
कांग्रेस की द्हनदू द्विोधी रणनीद्त में भारतीय संस्कृद्त के सुपरिद्चत एवं कट्टर द्विोधी वामदलदों नरे अपना भरपूर साथ द्दया । परिणाम्वरुप दरेश के हर राजय में यानी उत्ि सरे दक्षिण तक और
18 iQjojh 2025