जनता को ऐसा प्रतीत होनरे लगा द्क डा . आंबरेडकर दद्लत द्हतदों के द्लए द्हनदू धर्म के द्विोधी ररे । यह तथाकद्रत वामपंथी इद्तहासकािदों एवं लरेखकदों की एक चाल थी द्जसके माधयम सरे वह दद्लत समाज को धर्म परिवर्तन के द्लए उकसातरे रहरे । यह द्सलद्सला आज भी जारी है और राहुल गांधी उनहीं वामपंद्रयदों के एक हद्रयार के रूप में आज भी काम कर रहरे हैं ।
कांग्ेस का सच और राहुल गांधी
कांग्रेस के नरेताओं और द्वशरेष कर राहुल
गांधी को इं्टिनरे्ट पर मौजूद ऐद्तहाद्सक सामग्ी का अधययन करनरे की प्रबल आवशयकता है । कारण यह है द्क द्बना द्कसी ठोस जानकारी के राहुल गांधी और उनकी मंडली डा . आंबरेडकर , राष्ट्रीय ्वयं सरेवक संघ , द्हंदुतव एवं संद्वधान के सनदभ्थ में लगातार अनुद्चत द््टपपणी करतरे आ रहरे हैं । इसके पीछे उनके द्दमाग में मौजूद द्हनदू द्विोध की भावना ही द्दखाई द्दखाई दरेती है । कया कांग्रेस नरेताओं के पास इस प्रश्न का उत्ि है द्क 1947 में भारत को ्वतंत्रता द्मलनरे के बाद कांग्रेस नरे लगातार परोक् या अपरोक् रूप सरे केंरि की सत्ा संभाली और द्हनदू द्विोधी
द्नण्थय क्यों लरेतरे रहरे ? मुस्लम वर्ग और ईसाई वर्ग के द्हतदों के द्लए द्हनदू द्हतदों की अनदरेखी क्यों की गई । ऐसरे कानून क्यों बनाए गए , द्जसका लाभ द्सफ्क मुस्लम और ईसाई वर्ग को ही द्मला ? द्हनदू समाज वालरे भारत दरेश में मुस्लम और ईसाई वर्ग को अवैध मतांतरण करानरे के द्लए क्यों पोद्षत द्कया गया ?
वैसरे कांग्रेस नरेताओं के पास इन प्रश्नदों का न तो कोई ठोस उत्ि है और न ही वह दरेनरे की स्थिति में हैं । कांग्रेस नरेता राहुल गांधी वैसरे भी अब दरेश में अराजकता को बढ़ावा दरेनरे में जु्टे हुए है । वह ऐसरे नरेता भी हैं , द्जनहें पता ही नहीं होता है द्क वह कया कह रहरे हैं ? उनके वामपंथी सलाहकार उनहें जो कुछ समझा दरेतरे हैं , वहीं उनके द्लए अंद्तम सतय बन जाता है । परिवार द्वशरेष की गुलाम बन चुके कांग्रेस नरेता मात्र द्हनदू प्ररेम का द्दखावा करके दरेश को तोड़नरे के द्लए ही सक्रिय है और वामपंथी उनके एक बड़े हद्रयार हैं । ऐसरे में दद्लत और वनवासी वर्ग को यह समझना ही होगा द्क उनकी पहचान को धीिरे-धीिरे योजनबद्ध ढंग सरे नष््ट करनरे का काम कांग्रेस और वामपंथी लगातार करतरे आ रहरे हैं । उनके इस षड्ंत्र को नष््ट करके ही द्हनदू समाज अपनी द्वशरेष पहचान को बनायरे रखनरे में सफल होगा ।
कांग्ेस के लिए दलित सिर्फ वोट बैंक
्वतंत्रता के उपरांत सरे ही वो्ट बैंक की राजनीद्त नरे तुसष््टकरण की द्जस राजनीद्त को जनम द्दया , उसमें दद्लत वो्ट बैंक के रूप में दरेखरे गए । वो्ट बैंक की द्नगाह सरे लागू की गयी द्वकास प्रक्रियाओं नरे दद्लत समाज की स्थिति को जड़ बना द्दया । दद्लतदों समाज को द्वकास की प्रक्रिया सरे दूर रखकर जड़ बनायरे रखनरे के पीछे धर्मानतिण का भी वह एजेंडा द्छपा हुआ है , द्जस एजेंडे के लरेकर मुस्लम समुदाय द्पछलरे आठ सौ वषथों सरे और ईसाई समुदाय द्पछलरे दो सौ वषथों सरे भारत में सक्रिय होकर लगातार काम करता आ रहा है । इसी एजेंडे के कारण दद्लत उतपीड़न के मामलदों में मुस्लमदों और ईसाइयदों
iQjojh 2025 15