Feb 2024_DA-1 | Page 38

> kj [ kaM

डीलिस्टिंग की मांग को लेकर मुखर हो रहा जनजातीय समाज

शरद चवहाण

वर्तमञान में देश के जनजञावत क्ेत् में और विशेषतः पञांचवीं अनुसूची के रञाजयों में सभी जगह एक ही मञांग सुनने को मिल रही है – डीलिसटींग , डीलिसटींग , डीलिसटींग । क्या है यह डीलिसटींग ? डीलिसटींग यञानी जो जनजञावत वयषकत सिधर्म -संस्कृति, रीति-ररिञाज , देवी-देवतञाओं की पूजञा पद्धति , पूरखों के ऊपर आस्था छोड़कर ईसञाई यञा मुषसिम बनतञा है उसकञा नञाम जनजञावत सूची से हटञानञा है । यह प्रश्न गत 70 सञािों से चलतञा आ रहञा है । कञांग्ेस के तत्कालीन सञांसद सदसय

रहे सिगटीय कञावत्यक उरञांव ने 1967 से ही इस विषय कञा अधययन करते हुए इसको सूची से हटञाने के लिए प्रयञास प्रञारंभ कियञा थञा । वर्तमञान झञारखंड क्ेत् से लोकसभञा के सदसय रहे सि . उरञांव ने 1967 से लेकर 1970 के मधय डीलिस्टंग विषय को धञारञा-341 के तहत 342 में भी सुधञार करने के लिए 348 सञांसद सदसयों के हसतञाक्रित ज्ञापन तत्कालीन प्रधञानमंत्ी इंदिरञा गञांधी को भी सौंपञा थञा । लेकिन इस विषय पर संयुकत संसदीय समिति ( जेपीसी ) में भी बहस होते हुए यह प्रस्ताव लगभग सुधञार करने ही शेष रहञा थञा , तभी 1970 में लोकसभञा को
विसर्जित कर दियञा गयञा और यह विषय अधूरञा रह गयञा ।
जनजञावत समञाज के न्याय एवं अधिकञार के लिए संपूर्ण देश भर में लोकतञांवत्क मञाग्य से िड़ने तथञा इसके हित की आिञाज उठञाने के लिए जनजञावत सुरक्षा मंच कञा गठन 2006 में कियञा गयञा । सि . कञावत्यक उरञांव द्वारञा उठञायी गई मञांग को लेकर फिर एक बञार देश भर में जञागरण प्रञारंभ हुआ और धञारञा 342 में सुधञार करने के लिए 28 िञाख लोगों कञा हसतञाक्रित ज्ञापन 2009 में भञारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभञा पञावटि को दियञा गयञा । दुभञा्यगय यह है कि चौदह
38 iQjojh 2024