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वर्ष की लमबी अवधि बीत जञाने के बञाद भी इसमें कोई सुधञार नहीं हुआ है । इसलिए एक बञार जनजञावत सुरक्षा मंच ने इस विषय को उठञाने के लिए सड़क से संसद तक तथञा ग्राम सेवक से सञांसद सदसय तक संपर्क अभियञान प्रञारंभ कियञा है ।
जनजञातीय क्ेत्ों में डीलिसटींग की मञांग को
लेकर भरी धूप से कड़कड़ाती ठंड में हज़ञारों िञाखों की संख्या में मवहिञा-पुरूष एकवत्त हो रहे है । अपने परमपरञागत वेश में , ढोल-तञाशें के सञाथ-कहीं सभञा , कहीं सममेिन तो कही रैलियों कञा आयोजन कियञा जञा रहञा है I समञाज में जो जञागरण हो रहञा है , उसकञा एक ही संदेश है कि अब संविधञान ने दिए अपने अधिकञार लेकर ही रहेंगे । डिलीसटींग आंदोलन कञा नेतृति जनजञावत सुरक्षा मंच कर रहञा है ।
जनजञावत सुरक्षा मंच कञा मत है कि भञारत की जनजञावत को उनकञा अधिकञार मिलनञा चञावहए । जनजञावत वर्ग के लिए आरवक्त सरकञारी नौकरियों
को हथियञाने िञािे ऐसे गलत एवं षड़यंत्कञारी धर्मांतरित वयषकतयों के विरुद्ध क़ञानूनी कञाय्यिञाही होनी चञावहए I जनजञावत वर्ग के सञाथ हो रहे इस अन्याय की लड़ञाई में शहर से लेकर ग्राम पंचञायत तक सञामञावजक पदों पर बैठे प्रतिनिधि धर्मांतरित वयषकतयों को बेनकञाब कर हटञायञा जञानञा चञावहए I धर्मांतरित वयषकतयों को अनुसूचित जनजञावत
जनजातरीय क्ेत्ों में डीलिस्ींग की मांग को लेकर भरी धूप से कड़कड़ातरी ठंड में हज़ारों लाखों की संख्ा में महिला-पुरूष एकत्रित हो रहे है । अपने परम्परागत वेश में , ढोल-ताशें के साथ-कहीं सभा , कहीं सम्ेिन तो कही रैलियों का आयोजन किया जा रहा है I समाज में जो जागरण हो रहा है , उसका एक ही संदेश है कि अब संविधान ने दिए अपने अधिकार लेकर ही रहेंगे । डडिरीस्ींग आंदोलन का नेतृत्व जनजाति सुरक्ा मंच कर रहा है ।
की सूची से हटञायञा जञाए । अगर जनजञावत धर्म संस्कृति , सभयतञा , मञानयतञा को जीवित रखनञा है तो सिधर्म को जीवित रखनञा होगञा । इसलिए रैलियों में जो सिर सुनने को मिल रहञा है कि जो न हमञारे भोलेनञाथ कञा - वो न हमञारी जञात कञा - यह सटीक लगतञा है । यदि संस्कृति की बञात है तो श्रद्धञा को उससे अलग नहीं कर सकते । िषषों पूर्व इस प्रकञार से धमञा्यनतरित वयषकतयों को जनजञावत सूची से दूर करने के लिए 1967-70 तक प्रयञास हुए थे । जनजञावत नेतञा सि . कञावत्यि उरञांव ने तत्कालीन सञांसदों के हसतञाक्र लिए थे । संसद में उसी समय निर्णय हो जञातञा तो आज यह समय देखने को
नहीं मिलतञा I परनतु उस समय समस्या को टञािञा गयञा और समय के सञाथ विषय ठणडे बसते में चिञा गयञा । िषषों पश्चात जनजञावत सुरक्षा मंच ने फिर से प्रयञास प्रञारंभ किए है । मंच द्वारञा आयोजित रैलियों में समञाज कञा सहयोग सभी देख सकते है । न केवल रैलियों में अपितु मंच से भञाषण करने में भी मवहिञाओं की उपषसथवत ध्यान आकर्षित कर रही है । मञातञा-बहनें जुड़ गई तो समञाज में उत्साह देखने को मिल रहञा है ।
सभी रैलियों में जनजञावत समञाज कञा नेतृति मंच से अपनी बञात कह रहञा है । सञाथ में वन-क्ेत् के संत-महञात्मा भी मञाग्यदर्शन कर रहे हैं । विभिन्न रञाजयों के सैकड़ों जिलों में अनेकों रेलियञां हो चुकी हैं , जिसमें िञाखों की संख्या में जनजञातीय समञाज के लोगों ने भञाग लियञा । अगले कुछ दिनों में और अधिक जिलों में रैलियों कञा आयोजन होने जञा रहञा है । संविधञान के अनुचछेद-342 के नियमों में उचित संशोधन कर धमञा्यनतरित लोगों को आरक्ण सूची से डीलिस्टंग की मञांग उठञाई कयोंकि समञाज को बञांटने िञािे विरोधी आज वन क्ेत् से लेकर नगर-महञानगरों तक सि्यत् भ्रम फैिञाने कञा कञाम कर रहे । समञाज में चल रहे इन षड्ंत्ों के पीछे के उद्े्य को समझनञा होगञा । अपने विरोधियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देने तक प्रयञास किए ।
समञाज घञातक तति इसे गलत दिशञा में ले जञानञा चञाहते है । वह मतञानतरण पर चचञा्य कर रहे है । मतञानतरण कयों हो रहञा है ?, वह सही है यञा गलत I यह वर्तमञान में हमञारञा विषय नहीं है । होनञा यह चञावहए कि जो भी वयषकत धमञा्यनतरित हो गयञा , उसे जनजञावत की सूची से हटञा दियञा जञानञा चञावहए I मन्तातरित वयषकत जनजञावत समञाज की परमपरञा , रीति-ररिञाज को नहीं मञानते , पुरखों के बतञाए मञाग्य पर चलनञा चञाहते नहीं , उनहें जनजञावत वयषकत कैसे कहञा जञा सकतञा है ? इसलिए उनहें जनजञावत की सूची से दूर करनञा चञावहए । जनजञावत – गैर जनजञावत , समपूण्य भञारत कञा जनमञानस अथञा्यत सभी भञारतीय इस बञात को समझे और मंच के आंदोलन को सहयोग करें यह समय की आि्यकतञा है ।
( िसेखक जनजाति सुरक्ा मंच के पदाधिकाररी हैं ।)
iQjojh 2024 39