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मुनव्वर राना की बदजुबानियां जारी , कर रहे तालिबान की तरफदारी
अब महर्षि वाल्ीकि से कर दी तालिबानियों कती तुलना कार्रवाई कती नौबत आई तो कहा — ' मेरी बातों को गंभीरता से ना लें लोग '
सपना कुमारी
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शहूर शायर मुनववर राना की बदजुबानियायं लगातार जारी हैं और अकसर वे ऐसी बातें कहना बयंद नहीं कर रहे जिससे लाखों — करोड़ों लोगों की भावनाएयं आहत होती हों । ऐसा लगता है मानो वे जान — बूझकर चर्चा में बने रहने के लिए विवादासपद बातें करते हैं । कहने को तो वे देश की गयंगा — जमुनी तहजीब का गुणगान करने की बात करते हैं लेकिन बीच — बीच में ऐसी बातें कह जाते हैं जिससे यह तय करना मुश्कि हो जाता है कि वे खुद को पहले एक इयंसान समझते हैं या एक मुसलमान । उनके किरदार पर कट्रवादी मुसलमान अकसर हावी होता रहता है । तभी तो वे यह ऐलान करने से नहीं हिचकते कि अगर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की दोबारा वापसी हुई तो वे हमेशा के लिए सूबे को छोड़कर कहीं और बस जाएयंगे । उनकी इस बात से पनपा विवाद अभी समापत भी नहीं हुआ था कि अब एक बार फिर वे दुनिया के सबसे दुदाांत आतयंकी सयंगठनों में शुमार किए जानेवाले तालिबान द्ारा अफगानिसतान की सत्ता पर कबजा कर लिए जाने को जायज ठहराते हुए दिखाई पड़ रहे हैं । इस कम मयं उनके भीतर का
कट्रवादी मुसलमान इतनी आकामकता से बाहर आया है कि उनहोंने तालिबानियों की तुलना समाज के बहुत बड़़े तबके में भगवान की तरह पूजे जानेवाले रामायण के रचयिता महर्षि वालमीलक से कर दी है ।
भारतीयों का किया अपमान , तालिबानियों का गुणगान
सयंभल से समाजवादी पाटटी के सायंसद डॉ . शफीकुर्रहामान बर्क , आल इयंलिया मुषसिम
पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवकता और पूर्व मंत्री मौलाना मसूद मदनी के बाद अब मशहूर शायर मुनववर राना ने भी तालिबानी आतयंलक्ों का समर्थन किया है । राना ने कहा कि उनका मानना है कि तालिबान ने सत्ता पर काबिज होकर कोई गलत काम नहीं किया है । अफगानिसतान पर नियंत्रण करके तालिबान ने वासतव में अपने देश को आजाद कराया है । राना ने कहा कि यदि आप इतिहास को देखें , तो अफगानों ने कभी भी भारत के लिए कुछ भी बुरा नहीं किया
flracj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 27