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अमेरिकवा में लगवाई गई बवाबवा सवाहब की प्रतिमवा
संजय दीसषित
उत्री अमेरिका के मैरीलैंड राजय में भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डा . भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है । मैरीलैंड के एकोकीक शहर में 13 एकड़ भदूतम ्पर बनाए जा रहे ‘ अंबेडकर अंतरराषट्रीय केंद्र ' के ्परिसर में लगाई गई बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण गत 14 अक्टूबर को बड़ी िदूमधाम के साथ हुआ । 19 फुट ऊंची प्रतिमा को सटैच्यू ऑफ इकवेतलटी नाम दिया गया है । सटैच्यू ऑफ इकवेतलटी के अनावरण के अवसर ्पर अंबेडकरवादी आंदोलन और डा . अंबेडकर के वैसशवक अनुयायियों की बड़ी संखया में उ्पससरति रही । काय्तरिम में संयुकि राजय अमेरिका और विशव के विभिन्न हिससों से आए प्रशंसक भी मौजदू् थे । सभी बाबा साहब की विरासत को श्द्धांजलि देने के लिए एक साथ जुटे थे ।
जानकारी के अनुसार बाबा साहब की भवय प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मदूति्तकार राम सुतार ने किया है । श्ी सुतार अ्पनी असाधारण शिल्प कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं और उनहोंने ्पहले सरदार वललभभाई ्पटेल को समत्प्ति प्रतिसषठि ‘ सटैच्यू ऑफ यदूतनटी ’ की मदूति्त बनाई थी । बाबा साहब डा . अंबेडकर की यह प्रतिमा एकोकीक शहर में बन रहे ‘ अंबेडकर अंतरराषट्रीय केंद्र ’ ( एआईसी ) का हिससा है । एआईसी का कहना है कि यह प्रतिमा भारत के बाहर बाबा साहब की सबसे बड़ी प्रतिमा है । इसे अंबेडकर अंतरराषट्रीय केंद्र में बन रहे अंबेडकर समारक के एक हिससे के रू्प में स्थापित किया गया है ।
बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण गत 14 अक्टूबर को किया गया । यह वह तिथि है ,
जिस तिथि को 1956 में डा . अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अ्पनाया । यह वह महतव्पदूण्त घटना थी , जिसने समानता और नयाय के प्रति उनकी अटटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया । विशव के विभिन्न देशों में रहने वाले अंबेडकरवादी 14 अक्टूबर को धमम चरि ्परिवर्तन दिवस के रू्प में मनाते हैं , जिससे यह तिथि प्रतिमा के उदघाटन के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाती है । अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर ( एआईसी ) के अनुसार मैरीलैंड में डा . अंबेडकर के समारक को बनाने का उद्ेशय बाबा साहब के संदेशों और शिक्षाओं का प्रसार करते हुए एक प्रकाशसिंभ के रू्प में काम करना है । यह समानता और मानवाधिकारों के सरायी आ्शषों का प्रतीक है , जो डा . अंबेडकर के उन मदूल सिद्धांतों को दर्शाता है , जिसके लिए वह जीवन भर संघर्ष करते रहे । प्रतिमा के अनावरण समारोह के बाद भारतीय-अमेरिकियों ने कई तरह की सांस्कृतिक प्रसिुतियां भी दीं । प्रतिमा के अनावरण समारोह में शामिल दिली्प
महासके ने कहा कि सटैच्यू ऑफ इकवेतलटी 1.4 अरब भारतीयों और 4.5 मिलियन भारतीय अमेरिकियों का प्रतिनिधितव करेगी । दिली्प महासके अमेरिका में अंबेडकरवादी आंदोलन का नेतृतव करते हैं ।
जानकारी हो कि 14 अप्रैल , 1891 को जनम लेने वाले डा . भीम राव अंबेडकर , ने सविनत् भारत को आकार देने में महतव्पदूण्त भदूतमका निभाई । उनके गहरे प्रभाव का श्ेय संविधान सभा की मसौदा समिति के अधयक्ष के रू्प में उनकी भदूतमका को दिया जा सकता है , जिसके कारण उनहें “ भारतीय संविधान के वासिुकार ” की उ्पाधि मिली । इसके अतिरिकि , उनहोंने नेहरू मंतत्मंडल में कानदून और नयाय मंत्ी के रू्प में भी कार्य किया । वह दलितों और अछटूिों के अधिकारों के लिए एक अथक वकील थे । सामाजिक नयाय के प्रति उनकी अटटूट प्रतिबद्धता ने भारत के इतिहास ्पर एक अमिट छा्प छोड़ी है , जो ्पीतढ़यों को प्रेरित करती रहेगी । �
flracj & vDVwcj 2023 19