कालखंड या 1998 की भाज्पा की सरकार रही हो , उन गठबंधन की सरकारों को गिराकर सत्ा हथियाने की भदूतमका में रही । जनता ्पाटटी , जनता दल की सरकारों को गिराकर अ्पनी सरकार भी बना ली । कांग्ेस ने छल करके भाज्पा सरकार को 1996 में गिरा तो दिया किनिु जनता उनहें समझ चुकी थी । इसलिए 1999 में भाज्पा की ही सरकार बना दी 1999 में भाज्पा नेता अटल बिहारी बाज्पेयी के सरकार का जब समय था तो उस समय राजनीति की दिशा बदलने के प्रयास तो शुरू हुए , ्पर कांग्ेस द्ारा विकास यानी इण्िया शाइनिंग का विरोध इस तरह से किया गया कि जनता भ्रमित हो गयी , ्परिणामसवरू्प अटल बिहारी बाज्पेयी सरकार के विकास समबनिी प्रयास भी जनता में कोई खास उममी् नहीं जगा ्पाए । देश की सत्ा में अ्पने मुससलम , वाम्पंथी और जातिगत आधार ्पर राजनीति में
्पैर ज़माने वाले नेताओं के सहारे कांग्ेस ने केवल सत्ा का सुख नहीं भोगा , बसलक जनहितों के नाम ्पर देश की जनता के संसाधनों की निर्लज्जता्पदूण्त ढंग से जमकर लदूटने में कसर नहीं छोड़ी । कांग्ेस को बड़ा झटका उस समय लगा जब 2014 में प्रधानमंत्ी मोदी के नेतृतव में भाज्पा की सरकार बनी और अब एक बार फिर कांग्ेस अ्पनी ्पुरानी रणनीति ्पर काम करते हुए हिन्ुओं को जाति के नाम ्पर बांटने के काम ्पर लग चुकी है ।
जाति गणना को कांग्ेस का मुखर समर्थन
राषट्रीय सिर ्पर जातिवार जनगणना कराने की मांग का कांग्ेस मुखर समर्थन कर रही है । आइएनडीआइए में भी व्यापक सहमति है । केवल तृणमदूल कांग्ेस ने जातिवार जनगणना ्पर अ्पना रुख सार्वजनिक करने से अब तक
्परहेज किया है । मगर आइएनडीआइए में शामिल राजद , जदयदू , द्रमुक सरीखे प्रमुख दल जिस तरह त्पछड़ा वर्ग को अ्पनी राजनीति का आधार बना रहे हैं , उससे स्पषट है कि तव्पक्ष जाति गणना ्पर भाज्पा ्पर अ्पना नजरिया स्पषट करने का दबाव बना रहा है । तव्पक्षी दलों का यह दांव भाज्पा के लिए 2024 में इसीलिए भी चुनौती बन सकता है , कयोंकि उत्र के राजयों में राजनीति को त्पछड़ा वर्ग ्पदूरी तरह प्रभावित करता है । कई क्षेत्ीय दलों को लग रहा है कि त्पछड़ा वर्ग का साथ मिलने से भाज्पा की शसकि बढ़ी है । तव्पक्षी दलों को त्पछड़ा वर्ग के ्दूर हुए जनाधार को वा्पस ्पाने के लिए जातीय जनगणना एक हथियार के रू्प में दिख रही है । नारी शसकि वंदन अधिनियम के माधयम से संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के भाज्पा के दांव को थामने के लिए तव्पक्ष ने
flracj & vDVwcj 2023 11