eMag_Oct-Nov 2022_DA | Page 24

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दलित नेता मायावती का मुस्लिम प्ेम

पीएफआई पर लगे प्वरबन्ध का विरोध करके बसपा नेता मायावती ने मुस्लिमों को यह सन्ेश देने की कोशिश की है कि मुस्लिम वर्ग के हितों के प्वर बसपा पूर्ण रूप से गंभीर है और समाजवादी पािटी की अपेक्षा बसपा पर ही उन्ें भरोसा करना चाहिए ।

हरिशंकर मिश्र fo

पक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्े पर आक्ोचशर व िरलिावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लिगाने की मांग खुलिेआम हो रही है कि अगर पीएफआइ देश की आंतरिक सुरक्षा के चलिए खतरा है तो उस जैसे अनय संगठनों पर भी बैन कयों नहीं लिगना चाहिए । इस टवीट में राजनीति भी देखी जा सकती है और छिटपटाहट भी । संदेश भी देखा जा सकता
है और मौके पर वार भी । बसपा प्रमुख मायावती ने यह टवीट ठीक उसी दिन किया , जिस दिन पूरे देश में पीएफआइ ( पापुलिि फ्ंट आफ इंडिया ) पर प्रतिबंध लिगाया गया थिा और इसके राजनीतिक निहिताथि्म पढ़ें तो मुस्लिम मतों को लिेकर मायावती की छिटपटाहट ्पषट देखी जा सकती है । उनके शबद सधे हुए जरूर थिे , लिेकिन मंतवय ्पषट थिा कि वह मुस्लिमों के चलिए चफक्रंद हैं और उनके चलिए पीएफआइ के सरथि्मन की हद तक जा सकती हैं ।
मायावती चार बार प्रदेश की मुखयरंत्री रह चुकी हैं , चतुर राजनीचरज् हैं । वह जानती हैं कि पीएफआइ किस तरह का संगठन है और संघ से उसकी तुलिना किसी भी ्रि पर नहीं की जा सकती , लिेकिन राजनीतिक अवसरवादिता में उनिोंने टवीट करने में देरी नहीं की । पीएफआइ के पक्ष में खड़े होने से हिंदू मतों की नाराजगी का खतरा जरूर है , लिेकिन फायदा इससे अधिक है । कयोंकि जाटव मतों पर बसपा का एकाधिकार अभी भी बना हुआ है ।
24 vDVwcj & uoacj 2022