eMag_Oct-Nov 2022_DA | Page 20

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विष्णुगणुप्त

हिन्दू विरोधी कांग्ेस का jk

हुलि गांधी का हिनदू विरोधियों से प्रेम कब समा्र होगा ? हिनदू विरोधी और ईसाई-मुस्लिम सरथि्मक सलिाहकार कब तक राहुलि गांधी की हंसी उड़वाते रहेंगे , आतरघाती कदम पर चलिाते रहेंगे ? राहुलि गांधी के चखलिौने में जार्ज पौन्नया जैसी हिंसक मानसिकताओं की चाभी कौन लिोग भरते हैं ? हिनदू विरोधियों के बलि पर भाजपा और मोदी के हराने का सपना राहुलि गांधी कब तक देखेंगे ? अपने को रिामिण कहने वालिे राहुलि गांधी हिनदू विरोधियों से हिनदुओं के चखलिाफ राजनीतिक आवाज को कब तक सरथि्मन करते रहेंगे ? यह जानते हुए भी कि हिनदू विरोधी ही उनकी पाटमी की केनद्रीय सत्ता से दूर रहने के कारण थिे और अब भी कांग्ेस हिनदू विरोधियों की करतूतों से हाशिये से बाहर नहीं आ पा रही है । राहुलि गांधी चुन-चुन कर वैसे लिोगों से चरलिना-जुलिना और राजनीतिक संवाद करना भूलिरे नहीं हैं जो हिनदू धर्म-सं्कृचर के प्रतीकों के प्रति बेहद ही खतरनाक विचार रखते हैं , हिंसक भार्ा का प्रयोग करते हैं और अपने मजहब के प्रति कट्टरवादी विचार रखते

मुस्लिम-ईसाई प्ेम

भारत माता के लिए अपशब्ों का प्योग करने वाले ईसाई पादरी को महिमामंडित किया राहुल गांधी ने

राहुल गांधी और दप्यंका गांधी शुद्ध रूप से हिन्ुत्व माता-पिता की संतानें नहीं हैं । प्चंड हिन्ुत्ववादियों का यह आरोप सही है । सोनिया गांधी ईसाई है , राजीव गांधी के पिता मुस्लिम-पारसी थे । राजीव गांधी के पिता फिरोज खान गांधी मुस्लिम थे या पारसी थे , इस पर अभी भी विवाद है ।
हैं , सिर्फ इतना ही नहीं बसलक अपने मजहब के प्रति समर्पित होकर देश विखंडन की भी बातें करने लिगते हैं ।
राजनीतिक सच्चाई यह है कि हिनदू विरोधियों के बलि पर कांग्ेस कभी भी केनद्रीय सत्ता में वापसी नहीं कर सकती है । कांग्ेस पर यह भी आरोप लिगते रहा है कि वह आजादी प्राप्र के बाद से ही हिनदू विरोधी है और मुसलिरान-ईसाई सरथि्मक है । नेहरू से लिेकर इसनदिा गांधी , राजीव गांधी और मनमोहन सिंह-सोनिया गांधी के शासनकालि तक उकर बातें प्रमाण के तौर पर उपस्थित रही हैं , इनके शासनकालि में हिनदुतव हितों की न केवलि उपेक्षा हुई , बसलक हिनदू हितों को कुचलिा तक गया , हिनदू प्रतीकों को लिांक्षित भी किया गया । जबकि मजहबवादियों की विखंडनकारी नीतियों और काय्मक्रों को जमकर सरथि्मन चरलिा और कांग्ेसी सत्ता का लिाभ चरलिा । भारत विखंडन कराने वालिी मुस्लिम लिीग कांग्ेस की सहयोगी बनी जबकि अंग्ेजों का साथि निभाने वालिी ईसाई मिशनरियां कांग्ेस की प्रेरणास्ोर बन गयी ।
राहुलि गांधी-प्रियंका गांधी पर प्रचंड
हिनदुतववादियों का एक गंभीर आरोप रहा है । आरोप यह रहा है कि राहुलि गांधी और प्रियंका गांधी शुद्ध रूप से हिनदुतव माता-पिता की संतानें नहीं हैं । प्रचंड हिनदुतववादियों का यह आरोप सही है , तथय भी यही है कि राहुलि गांधी और प्रियंका गांधी शुद्ध रूप से हिनदू माता-पिता की संताने नहीं हैं । सोनिया गांधी ईसाई है , राजीव गांधी के पिता मुस्लिम-पारसी थिे । राजीव गांधी के पिता फिरोज खान गांधी मुस्लिम थिे या पारसी थिे , इस पर अभी भी विवाद है , अधिकतर लिोग फिरोज खान गांधी को पारसी मानते हैं । जवाििलिालि नेहरू अपने भार्ण में कहते थिे कि वह दुर्भागय से हिनदू हैं , मैं अपने आप को इस्लाम के नजदीक जयादा पाता हूं । इंदिरा गांधी को एक प्रसिद्ध मंदिर में जाने पर खूब विवाद हुआ थिा और मंदिर को अपवित्र करने का आरोप लिगा थिा , कयोंकि मंदिर में गैर हिनदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध थिा ।
अभी-अभी प्रचंड हिनदुतववादियों की भवें फिर से राहुलि गांधी के चखलिाफ तन गयी हैं । प्रंचड हिनदुतववादियों के निशाने पर राहुलि गांधी फिर से आ गये हैं । इसके चलिए प्रंचड हिनदुतववादी
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