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ही सामजिक ताना — बाना ऐसा है जिसमें महिलाओं के प्लत होनरे वािरे अपराधों के गुनाहगार को पुलिस — प्िासन के हवािरे करनरे में सहूलियत हो । बसलक लोक — लाज के डर सरे अ्सर महिलाएं या उनका परिवार सामनरे आकर गुनाह की वारदात के लिए इंसाफ की मांग करनरे के बजाय चुप रह जाना ही बरेहतर समझता है । लनसशचत तौर पर किसी सभय समाज के लिए यह स्थलत बरेहतर नहीं कही जा सकती है ।
महिलाओ ंको परीछे छोडकर आगे नहीं बढ
सकता समाज हालांकि बरेहतर बात यह है कि शिक्षा
के प्सार के कारण अब दलित समाज की बरेलटयां अपनरे हक व अधिकारों को समझनरे भी लगी हैं और इसके लिए बात भी कर रही हैं । उनके भीतर आकोि का दावानल सुलगता हुआ महसूस होनरे लगा है । िरेलकन आकोि को आंदोलित करनरे की जरूरत है । इसमें समाज के जनप्लतलनलधयों को अपनी भागीदारी निभानी होगी । उनहें महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए और पारिवारिक ्तर पर उनहें बराबरी का हक दिलानरे के लिए जागरूक करना होगा और अपनरे साथ जोड़ना होगा । वैसरे भी किसी भी ्तर पर सफलता के लिए संघर्ष के मार्ग पर आगरे बढना ही पड़ता है । आज जो महिलाओं की दयनीय स्थलत दिख रही है उसमें सुधार के लिए महिलाओं को ही आगरे आना होगा और जनप्लतलनलधयों को इसमें उनकी मदद करनी होगी । यह समझना होगा कि जब तक सामाजिक व पारिवारिक ्तर पर महिलाओं का उतथान नहीं होगा और उनहें सममानजनक ्थान नहीं दिया जाएगा , तब तक सामुदायिक उतथान का कोई भी प्यास सफल नहीं हो सकता और दलित वर्ग के सशक्तकरण की परिकलपना अधूरी ही रहरेगी । । �
अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए खुलेंगे 100 अं ग्रेजी स्ू ि समाज के दबे — कु चले और पिछडे वर्ग के उत्ाि के प्रति ममता ने जताई प्रतिबद्धता मुख्यमंत्ी ने पेश किया पिछडे समुदाय के लिए हो रहे काययों का ब्ौरा
दलित आंदोलन िवत्का बयूरो
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सशचम बंगाल की मुखयमंत्ी ममता बनजटी नरे नवगठित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ( एससी- एसटी ) परिषद के सद्यों के साथ बैठक के दौरान पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए उनकी सरकार द्ारा लप्छिरे 10 वषषों में किए गए कायषों का पूरा बयौरा परेि किया । राजय सचिवालय नवान् में बैठक के दौरान ममता नरे कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के विकास के लिए बजट में काफी वपृलद्ध की गई है ।
उनहोंनरे कहा कि उनकी सरकार नरे एससी- एसटी के लिए जो किया है वह और किसी राजय में नहीं हुआ है । उनहोंनरे इस समुदाय के लोगों की शिक्षा और रोजगार के लिए उठाए गए कदमों के बाररे में भी लव्तार सरे बताया । मुखयमंत्ी नरे कहा कि एससी- एसटी और गरीब विद्ालथदायों के लिए 100 अंग्रेजी माधयम के ्कूि खोिरे जा रहरे हैं । संविधान निर्माता बाबा साहब डा भीमराव आंबरेडकर के नाम पर शिक्षण सं्थान ्थालपत किए गए हैं ।
इसके अलावा ममता नरे बताया कि बीतरे दिनों 10,241 रिक्तयां भरी गई हैं । इसके अलावा पिछड़े समुदाय सरे आनरे वािरे ्छात् — ्छात्ाओं को ्छात्वपृलत दी जा रही है और उनहें प्लिक्षित भी किया जा रहा है । लाखों ्छात्ों को इसका लाभ मिल रहा है । इसके अलावा उनहोंनरे कहा कि बीतरे 10 साल में 12 लाख अनुसूजित जाति के लोगों को जमीन का पट्ा भी दिया गया है ।
दूसरी ओर अधिकारियों के अनुसार , ' लक्मी भंडार ' योजना सबसरे लोकलप्य योजना के रूप में उभरी है , जिसमें कुल आबादी का 60 फीसद लह्सा खुद को नामांकित करनरे के लिए शिविरों में शामिल हुए हैं । इसमें सबसरे बड़ी तादाद समाज के पिछड़े समुदाय सरे आनरे वािरे लोगों की ही है । साथ ही बताया गया है कि लक्मी भंडार योजना के अलावा ' ्वा्थय साथी ' योजना के लिए भी बड़ी संखया में लोगों नरे शिविरों में जाकर पंजीकरण कराया है । प्दरेि सरकार का दावा है कि उसके इन कदमों सरे सूबरे के पिछड़े समुदाय के लोगों का जीवन — ्तर काफी तरेजी सरे आगरे बढ रहा है और मुखयधारा के साथ कदमताल करनरे में वरे हर तरह सरे सक्षम हो रहरे हैं । �
vDVwcj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 29