eMag_Nov2023_Dalit Andolan Patrika | Page 30

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‘ जन्ता ’ नाम के पादषिक और साप्ताहिक पत् निकालने शुरू दक्ये थे ।
युवयाओं करे लिए प्ररेरणया
बाबा साहेब डा . आंबेडकर को कोलंदब्या विशिदिद्याल्य ने एल . एलडरी और उस्मानिया विशिदिद्याल्य ने डरी . लिट् . करी मानद उपादध्यों से सम्मानित दक्या था । इस प्रकार डा . आंबेडकर ्युवाओं के दल्ये प्रेरणा बन गए , क्योंकि उनके नाम बरीए , एमए , एमएससरी , परीएचडरी , बैरिसिर , डरीएससरी , डरी . लिट् . आदि के साथ कुल 26 उपादध्यां थरी । इसके अलावा उनके पास लगभग 14 भाषाओं करी समझ भरी थरी । निश्चित रूप से वह बहुमुखरी प्रद्तभा के धनरी व्यक्ति थे ।
सयामयाथजक योगदयान
बाबा साहब ने समाज में व्याप्त असमान्ताओं जैसे , ददल्तों के मंदिर प्रवेश , छुआछू्त , जा्त- पा्त आदि कुररीद्त्यों को मिटाने के लिए कई आंदोलन छेड़े । इन आंदोलनों में मनुस्मृति दहन , महाड सत्याग्ह , नासिक सत्याग्ह , ्येवला करी गर्जना कुछ महतिपूर्ण नाम हैं । उनहोंने कमजोर िगथों के छात्ों करी दशषिा के लिए छात्ािासों , रादत् स्कूलों आदि का इं्तजाम दक्या । ‘ बाबा साहब ’ का जोर था कि ददल्त वर्ग दशषिा के जरर्ये आ्य अदजमा्त करने में सषिम बने । 1945 में उनहोंने अपनरी परीपुल्‍स एजुकेशन सोसा्यिरी के जरिए मुमबई में सिद्ाथमा महाविद्याल्य ्तथा औरंगाबाद में मिलिनद महाविद्याल्य करी सथापना भरी करी थरी ।
आर्थिक योगदयान
भार्त में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया करी सथापना में डा . आंबेडकर का महतिपूर्ण ्योगदान रहा । चूंकि वह एक कुशल अर्थशात्री थे , इसलिए वह आरबरीआई करी सथापना में मरील का पतथर सादब्त हुए । उनहोंने भार्त के विकास हे्तु मजबू्त ्तकनरीकरी संगठन का ढांचा प्रस्तु्त दक्या । उनहोंने जल प्रबंधन जैसे संसाधनों को देश करी सेवा में सार्थक रुप से उप्योग करने का रास्ता दिखा्या ।
संविधयान करे जनक
बाबा साहब ने राष्ट्र को मजबू्तरी देने के लिए सम्ता , समान्ता , बन्धुता एवं मानि्ता आधारर्त एक दस्तावेज ्तै्यार दक्या । इसको संविधान का नाम दद्या ग्या । इसको बनने में 2 वर्ष 11 महरीने और 17 दिन का सम्य लगा । ‘ बाबा साहब ’ ने 26 नवंबर 1949 को इसको पूर्ण कर ्ततकालरीन राष्ट्रपद्त डॉ . राजेनद्र प्रसाद को सौंप दद्या था । ्यहरी संविधान आज हमाररी भार्तरी्य संस्कृति का गौरव है , ्तो लोक्तंत् का आधार भरी है ।
जब बनरे ‘ कयानदून मंत्री ’
कांग्ेस करी कटु आलोचना के बावजूद डा .
आंबेडकर देश के कानून मंत्री चुने ग्ये । ‘ बाबा साहब ’ इ्तने विद्ान थे कि कांग्ेस उनहें न्रअंदाज नहीं कर सकरी । भार्त करी स्वतंत्रता के बाद , कांग्ेस करी सरकार जब अस्तिति में आई , ्तो उसने आंबेडकर को देश के पहले कानून मंत्री के रूप में सेवा करने के लिए आमंत्रित दक्या । ‘ बाबा साहब ’ ने इस आमंत्ण को स्वीकार कर्ते हुए मंत्री पद करी शपथ लरी । बाद में उनहें संविधान करी रचना के लिए बनरी संविधान मसौदा सदमद्त का अध्यषि बना्या ग्या । इस पद का निर्वाहन कर्ते हुए उनहोंने देश को संविधान दद्या ।
30 uoacj 2023