eMag_Nov2023_Dalit Andolan Patrika | Page 20

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दलितोत्ाि

डॉ . आंबेडकर और गांिरी जरी

रक्ा दुबे

आधुनिक भार्त करी बरीसवीं श्ताब्दी में राष्ट्र निर्माण और सामाजिक पुनर्जागरण में जिन चिं्तकों करी मुख्य भूमिका रहरी है , उनमें गांधरी जरी और डा . आंबेडकर प्रमुख हैं । एक ओर गांधरी जरी ने राष्ट्र मुक्ति व व्यक्ति मात् करी सद्गति के पुण्य लक््य को साधा ्तो दूसररी ओर डा . आंबेडकर ने भार्तरी्य संविधान में व्यक्ति को जाद्तभेद , धर्मभेद व लिंगभेद से मुक्ति के प्रावधान रच , उसे प्रद्तष्िा व अवसर करी समान्ता प्रदान कर समपूणमा सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त दक्या । दोनों हरी कममा्योदग्यों के हृद्य में अंग्ेजों करी दास्ता से मुक्ति हे्तु छटपटाहट ्तो थरी किं्तु वे ऐसरी आजादरी के क्तई का्यल नहीं थे , जहां स्वतंत् भार्त में भरी शासन , सत्ता व नरीद्त निर्माण एक वर्ग विशेष को हस्तग्त हो । अ्तः उनहोंने अब्राहम लिंकन व जे लूथर करी ्तरह स्वतंत्रता के पूर्व हरी ददल्तोतथान व सामाजिक विकास हे्तु प्र्यास किए ।

गांधरी व आंबेडकर समकालरीन का्यमाक्तामा थे । दोनों हरी बेंथम के अधिक्तम वै्यसक्तक सामाजिक उन्न्यन के अग्ज पषिधर थे । ऐसा नहीं था कि ददल्तोतथान व सामाजिक पुनर्जागरण हे्तु प्रथमेव प्र्यास इनहीं का रहा हो , किं्तु इससे पहले दज्तने भरी सुधारक हुए उनका एक बड़ा वर्ग प्रबुद्ध हिंदू समाज से था । अ्तः उनकरी समस्याओं का विचार षिेत् भरी ज्यादा्तर उसरी वर्ग का था और उसमें से अधिक्तर करी रूचि
20 uoacj 2023