eMag_Nov2023_Dalit Andolan Patrika | Page 13

्तक पहुंच ग्या है । पैकेटबंद िकूड , सौंद्यमा प्रसाधन , ट्रेवेल बिजनेस , फाइनेनस और दवाइ्यों करी खररीदाररी में भरी मुससलम हलाल सर्टिफिकेट करी जांच करने लगे हैं ।
हलयाल की आड़ में मजहबी हित
हलाल प्रमाणपत् करी आड़ में सबसे पहले ्तो ्यह सुनिश्चित दक्या जा्ता है कि वस्तु ्या सेवा षिेत् में का्यमा करने वाला मुससलम होना चाहिए । साथ हरी मजहबरी मान्य्ताओं के अनुरूप हो । हलाल प्रमाणपत् व्यावसाद्यक षिेत् में मजहबरी गद्तदिदध्यों को बढ़ावा ्तो दे्ता हरी , साथ हरी बाजार में दबक्ररी को भरी निर्धारर्त कर्ता है । धार्मिक आसथा के नाम पर बाजार एवं व्यवसा्य
पर कब्ा करके एक ऐसे आर्थिक ्तंत् को पैदा कर दद्या ग्या है , जिसका लक््य सिर्फ मजहबरी दह्तों को पूरा करना है । हलाल प्रमाणपत् ्तंत् पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है और न हरी इसके लिए देश में कोई दन्यंत्क व्यवसथा नहीं है । हलाल प्रमाणपत् के माध्यम से जका्त अथामा्त चंदे को भरी सुनिश्चित दक्या जा्ता है । जका्त से जमा होने वाले धन का प्र्योग मजहबरी गद्तदिदध्यों में खर्च हो्ता है । विशि में आ्तंकवाद के माध्यम से मजहबरी दह्तों का पोषण करने में जका्त से जुटने वाले धन करी भूमिका कई बार सामने आ चुकरी है । हलाल ्तंत् का सञ्ालन निजरी मजहबरी संसथाओं द्ारा दक्या जा रहा है और सरकार का किसरी प्रकार का दन्यंत्ण नहीं
है । ऐसे में हलाल प्रमाणपत् के माध्यम से जमा होने वाले धन का उप्योग किस प्रकार और कहां हो्ता है ? इसका कोई सपष्ि उत्तर प्राप्त नहीं हो्ता है ।
हिन्दू हितों पर अतिक्रमण
भार्त में मुससलम जनसंख्या लगभग 15 प्रद्तश्त है । परंपरा करी आड़ में हलाल ्तंत् को पूरे देश में अघोदष्त रूप से लागू दक्या ग्या है । इसका दुष्परिणाम देश करी 85 प्रद्तश्त हिनदू एवं गैर मुससलम समाज को भुग्तना पड़ रहा है । व्यवसा्य करी दृष्टि से गैर मुससलमों पर हलाल व्यवसथा को थोप दद्या ग्या है । मजहबरी आसथाओं को पूरा करने के लिए गैर मुससलमों
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