करके दलित समाज के ्वोटों का ध्रुवीकरण करनरे की ही है । हालांकि खुद को तीसररे ल्वक्प के तौर पर प्सतुत करनरे की राह तलाश रही आम आदमी पाटथी नरे अभी अपनरे पत्ते नहीं खोिरे हैं िरेलकन उसकी ओर सरे भी यह संकेत दिया जा रहा है कि प्दरेश के दलितों ्व ्वंचितों को अपनरे पक् में करनरे में ्वह कोई कसर नहीं छोड़ेगी ।
मध्य प्रदेश में दमदार दलित
मधय प्दरेश में अनुसूचित जाति ्वग्ष का बडा ्वोटबैंक है जो राजय की 230 ल्विानसभा सीटों पर सीधा असर करता है । प्दरेश की 35 सीटें इस ्वग्ष के लिए आरलक्त हैं , िरेलकन 2018 के ल्विानसभा चुना्व में इन सीटों पर बीजरेपी और कांग्रेस में बराबर का मुकाबला रहा थिा । अनुसूचित जाति ्वग्ष की आरलक्त 35 सीटों में सरे 17 सीटों पर कांग्रेस और 18 सीटों पर बीजरेपी को जीत मिली थिी । िरेलकन 2013 के ल्विानसभा
चुना्व को दरेखा जाए तो 2018 के नतीजरे बीजरेपी के लिए नुकसानदायक रहरे थिरे । कयोंकि 2013 की तुलना में 2018 में अनुसूचित जाति ्वग्ष की 10 सीटों का नुकसान भाजपा को हुआ थिा । दूसरी ओर समूचरे प्दरेश की बात करें तो ग्वालियर चंबल अंचल में 2018 में हुई 2 अप्ैि की जातिगत हिंसा के बाद दलित मतदाताओं की बीजरेपी के पक् में परंपरागत एकजुटता पर नकारातमक असर पडा थिा जिसका खामियाजा , पाटथी को 2018 में सरकार ग्वा कर भुगतना पड़ा थिा , इससरे पहिरे यह ्वोटर बीजरेपी सरे जुडा रहा , िरेलकन 2 अप्ैि की हिंसा के बाद दलित मतदाताओं की नाराजगी बीजरेपी को भारी पडी । इसरे िरेकर बीजरेपी नरे अब दलित मतदाताओं को साधनरे की तैयारी कर ली है , बीजरेपी दलित ्वग्ष के महापुरुषों की जयंती और पुणय लतलथि के बहानरे इस ्वग्ष को अपनरे साथि लानरे के लिए एडी चोटी का जोर लगा रही है । बीजरेपी का संगठन और आरएसएस भी दलित ्वग्ष को साधनरे
के लिए ल्वशरेर रणनीति तैयार कर रहा है । बीजरेपी का दा्वा है कि इस बार 2023 के इिरेकशन में दलित ्वग्ष किसी के बहका्वरे में नहीं आएगा ्वह ल्वकास के लिए बीजरेपी को ्वोट कररेगा , यह ्वग्ष प्िानमंत्री नरेंद्र मोदी और लश्वराज सिंह चौहान की जन हितरेरी नीतियों पर भरोसा कररेगा । दूसरी ओर भाजपा को एक बार फिर कडी टककर दरेनरे की तैयारी कर रही कांग्रेस की मंशा दलित समाज को अपनरे साथि मजबूती सरे जोडनरे की है । यही ्वजह है कि प्दरेश के पू्व्ष मुखयमंत्री दिग्विजय सिंह को आगरे रखकर कांग्रेस दलित समाज के साथि अपनी नजदीकी दिखानरे की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं । इसके लिए चुन चुनकर दलित चरेहरों को आगरे करनरे की रणनीति पर भी अमल किया जा रहा है । साथि ही कांग्रेस अनुसूचित जाति ्वग्ष और आलद्वासी ्वग्ष के साथि साथि पिछड़े ्वग्ष के लोगों के बीच जन जागरण चलाकर बीजरेपी के खिलाफ माहौल बनानरे की बात कह रही है । यानी समग्ता में
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