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रमाकांत पांडेय jk
जनीति की ्वत्षमान राष्ट्र्वादी प्रवाह के परिप्रेक्य में दरेश के मुसलमानों की ्वत्षमान और बुनियादी सोच को िरेकर यदि हम समीक्ा करें , तो इसके कटु सतय को जाननरे के लिए हमें बाबासाहरेब डॉ भीमरा्व अंबरेडकर के ल्वचारों को जानना आवश्यक होगा । हर बार डॉ अंबरेडकर की जन्म जयंती और पररलन्वा्षर लद्वस के मौके पर राजनीतिक क्षेत्र में कुछ तथिाकलथिक दलित और मुससिम नरेता समाज में ' मीम-भीम ' की एकता का नारा बहुत जोरों सरे लगातरे हुए दिखाई पडतरे हैं । यहाँ तक कि कई प्ांतों में पिछडों और दलितो की कई जातियाँ मुससिमों के साथि
मांगनरे लगरे हैं । उत्र प्दरेश के ताजा समाचार इसके उदाहरण हैं , जहां मुखय ल्वपक्ी दल सपा में मुससिम आजम खान को नरेता ल्वपक् बनानरे की मांग रख रहरे है । अभी अभी कुछ दिनों पहिरे ही दरेश में पांच राजयों के ल्विानसभा चुना्व संपन् हो चुके हैं , जिनमें सरे एक को छोडकर चार राजयों में भाजपा सरकार की जोरदार ्वापसी हो चुकी है । जिन पांच राजयों में चुना्व हुए हैं उसमें पंजाब में भाजपा की कोई महत्वपूर्ण स्थिति नहीं थिी । िरेलकन उत्र प्दरेश , उत्राखंड , मणिपुर और गो्वा में भाजपा की जीत के अपनरे मायनरे हैं । यह चुना्व अगिरे लोकसभा चुना्वों के लिए भी भाजपा को अच्छे संकेत दरे रहरे हैं ।
हवा बांधने के उस्ाद
दरेश भर में स्वा्षलिक 80 लोकसभा सदसय चुननरे ्वािरे उत्र प्दरेश के गत ल्विानसभा चुना्व राजनीतिक के साथि सामाजिक दृष्टि सरे भी बहुत महत्वपूर्ण है । उत्र प्दरेश के चुना्व में भाजपा के ल्वरोध में उतरी मुखय ल्वरोधी पाटथी समाज्वादी पाटथी का चुना्वी समीकरण जहां मुससिम याद्व के एम ्वाई समीकरण पर आधारित थिा ्वहीं भाजपा का समीकरण सवर्णों , गैर याद्व पिछडी जातियों और दलितों के ससममलित गठजोड के आधार पर बना थिा । िरेलकन सबसरे अधिक चर्चित जातीय समीकरण समाज्वादी पाटथी का याद्व मुससिमों का गठजोड रहा । इस गठजोड में
हिन्ू वैरी और मुसलमान प्ारा .??
खोखली है मीम — भीम एकता की परिकल्पना मुसलमानों की सोच वही , डॉ . आं बेडकर थे सही
मिलकर नित नयरे राजनीतिक गठजोड बनानरे के लिए ' कडी मरेहनत ' भी कर रहरे हैं ।
म़ीम — भ़ीम और एम — वाई का फ्ॉप शो
इस प्यास में जहां कुछ दलित नरेता हिंदुओं को अपना दु्मन मानतरे हुए मुसलमानों को अपना हितैषी माननरे लगरे हैं , ्वही पिछडों में प्मुख जाति याद्व के नरेता खासकर उत्र प्दरेश और बिहार में ' एम ्वाई ' ( मुससिम- याद्व ) समीकरण भी चला रहरे हैं । ्वास्तव में मुससिम- याद्व का कलथित ' एम ्वाई ' समीकरण कई सालों सरे चल भी रहा है । िरेलकन धीररे-धीररे मुससिम भा्वुकता के चलतरे इसकी सच्चाई अब सामनरे आनरे लगी है । अब मुससिम किसी नरेता या दल को अपनरे समथि्षन का खुलकर मू्य भी
34 ebZ 2022