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शामिल थिरे ।
चर्चा के के ्रि से दलित नदारद
चर्चा सुनकर मुझरे लगा कि कांग्रेस नरे अम्बेडकर्वादी बुद्धिजील्वयों को सामनरे लानरे का एक बडा अ्वसर खो दिया है । कोशिश थिी कि ‘ दलितों ’ को जगह दी जाए िरेलकन बहस को बीजरेपी वर्सेज कांग्रेस में ऐसरे तबदीि करतरे रहरे मानो असली ल्वरय यही है । मॉडररेटर द्ारा पूछ़े गए स्वाल थिरे ‘ दलित कांग्रेस सरे दूर कयों चिरे गए ’? तो एक नरे इसका उत्र यह दिया कि हम अपनरे काम की ‘ माककेटिंग ’ नहीं करतरे हैं और इसरे और अधिक आक्ामक तरीके सरे
करनरे की जरूरत है । एक और योगयवयसकत का कहना है कि दलितों के बीच इतनरे साररे समुदाय हैं और हमें एक या दो समुदायों पर धयान केंद्रित नहीं करना चाहिए बल्क दूसरों पर जाना चाहिए । दलित मधयम वर्गों की बढ़ती आकांक्ाओं की भी चर्चा हुई , जिन्हें राजनैतिक प्लतलनलित्व के साथि-साथि भूमि सुधार की आवश्यकता की बात भी सामनरे आई । समसया यह थिी कि मॉडररेटर की कोशिश थिी कि पूररे मुद्दे को इस रूप में बदल दिया जाए कि दलित ‘ हिंदुत्व ’ के खिलाफ कयों नहीं िड रहरे हैं और उन्हें कांग्रेस में लानरे के लिए कया किया जाना चाहिए । फिलहाल एक अच्छे ल्वरय को ईमानदारी सरे बहस करनरे की
बजाए उसरे पाटथी का मुखौटा बनाकर प्सतुत करनरे की कोशिश की गई जो सही नहीं थिा ।
राहुल में परिपक्वता का अभाव
पैनल डिसकशन के तुरंत बाद राहुल गांधी आए और किताब के ल्वमोचन के बाद श्ी के राजू लगभग पांच मिनट तक बोिरे और फिर राहुल गांधी बोलनरे के लिए उठ़े । उनके इरादरे अच्छे हो सकतरे हैं , फिर भी उन्होंनरे जो बयान दिया ्वह एक परिपक्व नरेता का संकेत नहीं थिा , बल्क एक ऐसरे वयसकत के बाररे में अधिक थिा जो यह साबित करना चाहता है कि ्वह लोगों की कितनी पर्वाह करता है िरेलकन उसका संदरेश नकारातमक थिा । उन्होंनरे उना की घटना और ्वरे ्वहां कैसरे गए , का ्वर्णन किया िरेलकन ऊना के बाररे में कहानी अधूरी रह गई और ्वह जो संदरेश दरेना चाहतरे थिरे ्वह अचानक अधूरा रह गया । उनका कहना है कि जब ्वह ऊना पीलडता के परर्वार को दरेखनरे गए तो उन्होंनरे दरेखा कि कई यु्वकों नरे आतमहतया करनरे का प्यास किया थिा और फिर ्वह उनसरे मिलनरे असपताल गए . उसनरे उनमें सरे कुछ बोलनरे की कोशिश की और जब उसनरे एक सरे कहा कि तुमनरे आतमहतया कयों की , तुमनरे अपराधी को कयों नहीं मारा , तो एक िडके नरे उससरे कहा कि उसरे डर है कि अगर उसनरे उसरे मार डाला , तो ्वह दलित एक के रूप में पैदा होगा । राहुल गांधी नरे एक और बात के बाररे में भी बताया कि ्वह एक सांसद सरे लमिरे और उनसरे पूछा कि कया ्वह पुनर्जन्म में ल्व््वास करतरे हैं । भाजपा के सांसद नरे उनसरे कहा कि ्वह नहीं करतरे हैं । राहुल नरे फिर उनसरे पूछा कि कया ्वह पुनर्जन्म में ल्व््वास नहीं करतरे हैं तो ्वह भग्वान राम में कैसरे ल्व््वास करतरे हैं । उनका कहना है कि सांसद नरे उनसरे इस बाररे में सा्व्षजनिक रूप सरे नहीं बोलनरे को कहा । राहुल गांधी इससरे कया सं्वाद करना चाहतरे थिरे , यह कोई नहीं जानता । पुनर्जन्म और भग्वान राम में आस्था के बीच कया संबंध है ? और अगर कोई रर्ता भी हो तो ्वह दलितों के मुद्ों सरे कैसरे जुडा है ? और सबसरे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससरे कांग्रेस पाटथी को कया सियासी लाभ होनरे
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