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झारखंड में आदिवासियों से धोखा लोहरा को लोहार लिख कर छीना जा रहा अधिकार जनजातीय कल्ाण शोध संस्ान ने किया मामला उजागर

दलित आंदोलन पलरिका ब्यूरो

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रखंड में लोहरा अनुसूचित जनजाति की खतियानी जमीन की खरीद-बिक्ी धड़ले सरे लोहार के नाम पर हो रही है । जनजातीय क्यार शोध के संस्थान यरे बात सामनरे आयी है । अब इसकी रलजसट्री पर रोक लगानरे का लनदसेश दिया गया है । सच तो यह है कि काफी लंबरे समय सरे लोहरा अनुसूचित जनजाति की खतियानी जमीन की खरीद-बिक्ी लोहार के नाम पर िड्िरे सरे होती रही है । ऐसा लिपिकीय त्रुटि के कारण होता रहा है । अधिकतर लोहरा अनुसूचित जनजाति के खतियान में जाति लोहार दर्ज है । जनजातीय क्यार शोध संस्थान नरे अपनरे अधययन में इस तथय को पाया थिा । इस कारण जमीन की प्ककृलत पिछडी जाति का बता कर उसकी रलजसट्री होती रही है ।
लोहरा और लोहार : दोनों कर्मकार
यरे बात सपष्ट है कि लोहरा एक कामगार जनजाति है । जो अपनरे और अपनरे साथि रहनरे ्वािरे लोगों की आवश्यकता पूरी करतरे हैं । इसी परेशरे की समानता की कारण लोहार जाति के लोग भी अपनरे को लोहरा होनरे का दा्वा करतरे हैं । रांची जिला के गजरेरीयर में सपष्ट लिखा है कि लोहरा उत्री बिहार सरे आयरे हैं , परन्तु उन्हें कनौजिया लोहरा कौल लोहरा या नागपुरिया लोहरा या छिर लोहरा कहतरे हैं । नागपुरिया लोहरा पुन : दो भाग में ल्वभाजित है । एक सतकमार और दूसरा लोहरा । ऐसी स्थिति में मात्र व्यवासायिक समानता जैसरे लोहारगिरी के कारण लोहार और लोहरा को समान मानना , पुन : शोध का ल्वरय है । लोहरा कोचा गाँ्व के अनरेक लोगों सरे पूछताछ के क्म में मालूम हुआ कि ्वरे छोटानागपुर संथिालपरगना में अ्वस्थित लोहार , कर्मकार और कमार तीनों को
एक मानतरे हैं । उनका कहना है कि हम भी सभी तीनों जाति के लोग लोहरा हैं । यरे बात सतय है कि कमार , कर्मकार और लोहार परेशा एक ही करतरे हैं , अथिा्षत लोहारगिरी और आपस में शादी बयाह भी करतरे हैं । िरेलकन लोहार और लोहरा को एक नहीं माना गया है । लोहार पिछड़ी जाति में अंकित है और लोहरा अनूसूचित जनजाति है ।
ट़ीआरआइ ने किया गडबडझाले का खुलासा
यह मामला पू्व्ष ल्विायक दरे्वकुमार धान नरे उठाया थिा । इसके बाद जनजातीय क्यार शोध संस्थान ( टीआरआइ ) नरे लोहरा और लोहार जाति में अंतर दर्शातरे हुए अपना प्लत्वरेदन सौंपा थिा । इस पर क्यार ल्वभाग नरे भी सहमति जतायी थिी । इसमें सपष्ट है कि लोहार पिछडी जाति के एनरेकचर टू के सदसय हैं । ्वहीं , लोहरा जाति की उतपलत असुर जनजाति सरे हुई है और इनका आगमन मधय
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