की रणनीक्त , पार्टी में व्यापत गु्टबाजी और जमीनी का ्यकर्ताओं का अभाव ्यूडीएफ के क्लए भारी पड़ा ।
राज्य में भाजपा को अबकी बार 11.30 प्रक्तशत मत क्मला है । 2016 में ्यह मतप्रक्तशत 10.60 प्रक्तशत था । राज्य में भाजपा के प्रक्त जनभावना होने के बावजूद आम चिुनाव में क्मलने वाली असफलता पर पार्टी को गंभीरता से क्वचिार करना होगा । राज्य की क्हत्दू जनसंख्या वरषों से धर्मान्तरण और अत्याचिार से रिसत है ।
राजनीक्तक दृष्टि से उसके पास ईसाई-मुशसलम राजनीक्त से क्नप्टने का कोई दूसरा क्वकलप राज्य की जनता के पास नहीं है । भाजपा क्वकलप देने का प्र्यास तो कर रही है , पर हर बार क्मलती असफलता से अब ्यह सन्देश जाने लगा है क्क पार्टी क्सि्फ चिुनाव लड़ने और हारने के क्लए ही राजनीक्त कर रही है । केरल , तक्मलनाडु और पश्चिम बंगाल , इन तीनों राज्यों में क्हत्दू बाहुल्य जनसंख्या की दम पर बनने वाली राज्य सरकारों ने प्रत्यक्-अप्रत्यक् रूप से भारत क्वरोधी
शक्तियों को मजबूत करने में संक्दगध भूक्मका क्नभाई , क्जसका नकारातमक परिणाम क्हत्दुओं क्वशेष रूप से दक्लत , आक्दवासी एवं क्पछड़़े वर्ग को उठाना पड़ा । ्यह तीनों ऐसे राज्य हैं , जहां ईसाई-मुशसलम-वामपंथी गठजोड़ क्हत्दुओं के अशसततव के क्लए संक्ट का बड़ा कारण बन चिुका हैI ऐसे में भाजपा नेतृतवकर्ताओं को अपनी राजनीक्तक रणनीक्त्यों पर क्वचिार करने की प्रबल आवश्यकता है , क्जस पर क्वचिार करना होगा । �
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